सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन सीबीएसई से एफिलिएटेड स्कूलों में अब स्टूडेंट्स को पढ़ाई करने पर क्रेडिट स्कोर मिलेगा जो कि उनके एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में जमा होता रहेगा. सीबीएसई ने न्यू एकेडमिक सेशन से नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क सिस्टम एनसीएफएस लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है.

कानपुर (ब्यूरो)। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) से एफिलिएटेड स्कूलों में अब स्टूडेंट्स को पढ़ाई करने पर क्रेडिट स्कोर मिलेगा, जो कि उनके एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में जमा होता रहेगा। सीबीएसई ने न्यू एकेडमिक सेशन से नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क सिस्टम (एनसीएफएस) लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसको लागू होने के बाद सीबीएसई का स्टूडेंट क्लास 9वीं से ही हायर एजुकेशन के लिए अपनी नींव को भरने का काम शुरू कर सकेगा। आसान शब्दों में कहें तो एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में स्कोर जमा होता रहेगा और हायर एजुकेशन के समय भी उसकी मदद करेगा। इस काम के लिए सीबीएसई की ओर से संकेत दिए जा चुके हैं।

मार्कशीट में दिखेगा क्रेडिट स्कोर

क्लास 6, 9 और 11 में एनसीएफएस लागू होते ही स्टूडेंट अपना मनपसंद विषय पढ़ सकेगा। वो तय समय में उसे पूरा करके इसके बदले क्रेडिट स्कोर अर्जित कर पाएंगे। यह क्रेडिट स्कोर सभी सब्जेक्ट्स में एग्जाम पास करने पर मिलेगा। इन स्कोर्स को मार्कशीट में माक्र्स व ग्रेड के सामने लिखा जाएगा। यह स्टूडेंट के एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (डिजी लॉकर) में भी जमा होते रहेंगे। यही क्रेडिट ही स्टूडेंट्स को हायर एजुकेशन या स्कूल चेंज करने में मदद करेंगे।

छह स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट

सिटी के कुछ स्कूलों में एनसीएफएस को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया जाना है। इनमें दिल्ली पब्लिक स्कूल कल्याणपुर, गुरुनानक माडर्न स्कूल कल्याणपुर बिठूर रोड, कान्यकुब्ज पब्लिक स्कूल मालरोड, महाराणा प्रताप एजुकेशन सेंटर केशवरपुरम, सरदार पटेल एकेडमी पब्लिक स्कूल रतनपुर पनकी और दिल्ली पब्लिक स्कूल आजाद नगर शामिल हैं। इन स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किए जाने के बाद यहां के टीचर्स को इसके बारे में बताया जाएगा। इसके बाद सिटी के सभी स्कूलों को ट्रेंड करने इसको लागू किए जाने की उम्मीद है।

अभी केवल हायर एजुकेशन में

वोकेशनल एजुकेशन को सिलेबस के साथ मिलने और अधिक बढ़ावा देने के साथ हायर एजुकेशन के साथ कोऑर्डिनेट करने के लिए नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क सिस्टम को लागू किए जाने की पहल हुई है। यही क्रेडिट ही स्टूडेंट को हायर एजुकेशन की ओर या स्कूल परिवर्तन में मदद करेंगे। अभी तक ऐसा क्रेडिट सिस्टम केवल हायर एजुकेशन में लागू है, जिसके जरिए स्टूडे्ंट्स को संस्थान या कोर्स बदलने की सहूलियत होती है।

इस तरह से मिलेगा स्कोर

रनिंग सेशन 2023-24 से ही यदि क्रेडिट सिस्टम लागू होता है तो क्लास 9-10 के स्टूडेंट्स को दो लैंग्वेज सब्जेक्ट सहित पांच सब्जेक्ट्स में हर सब्जेक्ट के लिए सात सात क्रेडिट, फिजिकल एजुकेशन के लिए दो और आर्ट के लिए एक यानी टोटल 40 क्रेडिट मिलेंगे। इसी तरह, कक्षा 11-12 के छह सब्जेक्ट्स में से लैंग्वेज सब्जेक्ट्स के लिए छह छह क्रेडिट और अन्य सब्जेक्ट्स के लिए सात-सात क्रेडिट यानी कुल 40 क्रेडिट मिलेंगे।

कोट

हायर एजुकेशन सिस्टम की तरह अब सीबीएसई के स्कूलों में भी स्टूडेंट्स को पढ़ाई करने पर क्रेडिट स्कोर मिलेगा। सीबीएसई स्कूलों में क्रेडिट सिस्टम की व्यवस्था लागू होने से कम समय में ज्यादा सीखने की लगन बढ़ेगी। फिलहाल छह स्कूलों की लिस्ट आई है, जिसमें पायलट प्रोजेक्ट के रुप में लागू किया जाना है।

बलविंदर सिंह, डिस्ट्रिक कोऑर्डिनेटर सीबीएसई

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ऐसे जानें क्रेडिट स्कोर सिस्टम

-कोर्स तय समय में पूरा कर क्रेडिट स्कोर अर्जित कर पाएंगे

-क्रेडिट स्कोर सभी सब्जेक्ट्स में एग्जाम पास करने पर मिलेगा

-स्कोर्स को मार्कशीट में माक्र्स व ग्रेड के सामने लिखा जाएगा

-स्कोर स्टूडेंट के एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में जमा होते रहेंगे

-यही क्रेडिट हायर एजुकेशन या स्कूल चेंज करने में मदद करेंगे।

-मैक्सिम 40 क्रेडिट स्कोर मिलेंगे हाईस्कूल और इंटरमीडियट में

-क्रेडिट स्कोर के लिए स्टूडेंट्स में पढऩे की लगन पैदा होगी

Posted By: Inextlive