शहर को गड्ढा मुक्त करने के लिए नगर निगम का अजीब खेल सामने आया है. दरअसल पैचवर्क के टेंडर को खत्म करने के लिए दस महीने पहले असफॉल्ट इमल्शन बेस्ड ट्रक माउंटेड पैथहोल रिपेयरिंग मशीन खरीदी गई थी. दावा था कि अब शहर में जहां कहीं भी पैचवर्क का काम होगा वह इस मशीन से किया जाएगा. इससे नगर निगम को धन व समय की काफी बचत होगी. दावा हवा में उड़ गया और आज यह मशीन शोपीस बनकर नगर निगम मुख्यालय में ही खड़ी रहती है. हैरानी की बात ये हैै कि 81 लाख की इस मशीन से अभी तक सिर्फ तीन-चार पैचवर्क किए गए. चर्चा है कि ठेकेदारों से सांठगांठ के चलते इस मशीन का यूज नहीं किया जा रहा है.

कानपुर (ब्यूरो) स्मार्ट सिटी के तहत शहर को गड्ढा मुक्त करने के लिए नगर निगम ने दस महीने पहले यह मशीन खरीदी गई थी। इसके जरिए नगर निगम को खुद ही पैचवर्क कराना था। शुरूआती दिनों में तीन से चार जगहों पर पैचवर्क भी कराया गया, लेकिन अब इस मशीन का इस्तेमाल ही नहीं किया जा रहा है। इस पर नगर निगम अफसरों का जवाब है कि इस मशीन को इमरजेंसी में पैचवर्क के लिए लाया गया है।

रोलर की जरूरत नहीं
ऑटोमैटिक मशीन में ही पूरी सिस्टम लगा है। इसमें गिट्टी रखने के लिए एक बड़ी डक्ट, तारकोल गर्म करने के लिए ब्लोअर समेत अन्य हाईटेक मशीन लगी है। गड्ढों को भरने से पहले सफाई के लिए हैवी प्रेशर से डस्ट साफ करने के बाद गिट्टी और तारकोल के मिश्रण को तेजी से गड्ढे भरे जाते हैं। तेज प्रेशर से गिट्टी तत्काल सेट हो जाती है। लेवल करने के लिए रोलर की जरूरत नहीं होती है।

क्या बोले जिम्मेदार
प्रोजेक्ट सेल के प्रभारी आरके सिंह ने बताया कि शुरूआत के दिनों में इसका ट्रायल किया गया था। जिसके बाद मशीन खरीदी गई। इस मशीन से गड्ढों को भरने के लिए टेंडर करने की जरूरत नहीं पड़ती है। नगर निगम खुद ही पैचवर्क कराता है। जिन मोहल्ले या सड़कों पर सूचना मिलती है मशीन द्वारा गड्ढे की मरम्मत कर दी जाती है। दावा है कि सिर्फ इमरजेंसी केस में पैचवर्क कराया जाता है। बताया गया कि मशीन आने के बाद से महज तीन से चार बार ही पैचवर्क करवाया गया है।

Posted By: Inextlive