रोड एक्सीडेंट पर अंकुश लगाने के लिए शासन ने स्कूलों से ही बच्चों को ट्रैफिक रूल्स की जानकारी मुहैया कराने की मंशा से कानपुर समेत यूपी के सभी स्कूलों में रोड सेफ्टी क्लब खोलने का आदेश दिया था. जहां एक्सपर्ट बच्चों को ट्रैफिक रूल्स की जानकारी देने के साथ उसका पालन करने की शपथ दिलाएंगे. शासन की यह पहल फेल होती दिखाई दे रही है.

कानपुर (ब्यूरो)। रोड एक्सीडेंट पर अंकुश लगाने के लिए शासन ने स्कूलों से ही बच्चों को ट्रैफिक रूल्स की जानकारी मुहैया कराने की मंशा से कानपुर समेत यूपी के सभी स्कूलों में रोड सेफ्टी क्लब खोलने का आदेश दिया था। जहां एक्सपर्ट बच्चों को ट्रैफिक रूल्स की जानकारी देने के साथ उसका पालन करने की शपथ दिलाएंगे। शासन की यह पहल फेल होती दिखाई दे रही है। सितंबर 2022 में दिए गए आदेश के बाद अभी सिटी में सिर्फ 18 स्कूलों में रोड सेफ्टी क्लब की शुरुआत हो सकी है। जबकि सिटी में सैकड़ों की संख्या में गवर्नमेंट व प्राइवेट स्कूल मौजूद हैं।

सप्ताह में एक क्लास ट्रैफिक रूल्स पर
शासन के जारी किए गए आदेश के मुताबिक स्कूल में शुरु होने वाले रोड सेफ्टी क्लब में स्कूल के हर क्लास में एक बच्चे को रोड सेफ्टी कैप्टन के रूप में नियुक्त किया जाएगा। जोकि अपनी क्लास के सभी साथियों के साथ समय-समय पर ट्रैफिक रूल्स से जुड़ी एक्टिविटी आयोजित करेगा। इसके अलावा स्कूल प्रशासन को सप्ताह में कम से कम एक क्लास ट्रैफिक रूल्स पर आधारित पढऩा होगा। इसस बच्चों को जीवन के शुरुआती दौर में ही ट्रैफिक रूल्स की जानकारी हो सकेगी।

हर वर्ष पांच हजार रुपए दिए जाएंगे
आरटीओ प्रवर्तन विदिशा सिंह ने बताया कि सिटी में अधिक से अधिक स्कूलों में रोड सेफ्टी क्लब शुरु कराने की कवायद चल रही है। यह नियम गवर्नमेंट व प्राइवेट दोनों की स्कूलों में फॉलो होता है। स्कूल में रोड सेफ्टी क्लब खोलने पर शासन की तरफ से हर वर्ष पांच हजार रुपए प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। जिसकी रिपोर्ट परिवहन डिपार्टमेंट के आफिसर्स के माध्यम से मुख्यालय भेजी जाएगी।

डीआईओएस को जारी किया लेटर
स्कूलों में रोड सेफ्टी क्लब शुरु करने को लेकर सिटी के कई बड़े स्कूल भी गंभीर नहीं दिखाई दे रहे हैं। यहीं कारण है कि अभी तक सिटी में सिर्फ 18 स्कूलों में ही रोड सेफ्टी क्लब शुरु हो सकता है। जिसको लेकर आरटीओ प्रवर्तन की तरफ से एजूकेशन आफिसर को लेटर जारी कर सिटी के अधिकतर स्कूलों में रोड सेफ्टी क्लब शुरु कराने का आग्रह करते हुए उसकी लिस्ट आरटीओ आफिस भेजने को कहा गया है।

नोडल इंचार्ज को ऑनलाइन ट्रेनिंग
आरटीओ आफिसर्स के मुताबिक हर स्कूल में एक नोडल शिक्षक चिन्हित किया जाएगा। जिसको सिटी स्तर पर नामित मास्टर ट्रेनर को एजूकेशन डिपार्टमेंट व परिवहन डिपार्टमेंट के आफिसर्स की देख-रेख में ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जाएगी। जिससे वह स्कूल में बच्चों को ट्रैफिक रूल्स की छोटी से छोटी जानकारी दे सके। - जनपद स्तर पर एक मास्टर ट्रेनर होगा
- स्कूलों की बाउंड्री वाल में सडक़ सुरक्षा संबंधित वॉलपेंटिंग कराई जाए
- स्कूल के क्लास वाइस बने व्हॉटस्अप ग्रुप के माध्यम से अवेयर किया जाए ।

Posted By: Inextlive