कानपुर के प्राइवेट स्कूल पूरी तरह मनमानी पर उतारू हैं. डीएम के कई निर्देशों के बाद भी स्कूल राइट टू एजूकेशन आरटीई के तहत एडमिशन नहीं दे रहे हैं. थर्सडे को डीएम विशाख जी अय्यर ने कलेक्ट्रेट में बैठक कर एबीएसए को इस संबंध में कड़ी फटकार लगाई. उन्होंने सात दिनों के अंदर लॉटरी में आने वाले हर बच्चे का एडमिशन कराने के आदेश दिए. साथ ही पूरी रिपोर्ट भी मांगी है.

कानपुर (ब्यूरो) मीटिंग में फटकार के बाद एसीएम अपने-अपने क्षेत्र के स्कूलों में पहुंचे और प्रिंसिपल से एडमिशन को लेकर चर्चा की। निर्देश दिए कि जिन भी बच्चों को लॉटरी के तहत स्कूल अलॉट हुए हैं, उन बच्चों को तत्काल एडमिशन दिया जाए। एडमिशन न लेने की स्थिति में स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी।

हर बच्चे को मिले एडमिशन
डीएम विशाख जी अय्यर ने कड़े निर्देश देते हुए कहा कि हर स्थिति में जिन स्कूलों द्वारा लॉटरी के माध्यम से बच्चों के नाम आए हैं उन सभी का एडमिशन सुनिश्चित कराया जाए। कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम शासन की प्राथमिकता है। इस योजना से प्रत्येक पात्रों को लाभ मिलना चाहिए।

बच्चों की मॉनीटरिंग
आरटीई के तहत स्कूलों में एडमिशन की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 7 दिन का समय दिया है। ये भी रिपोर्ट मांगी है कि बीते साल जिन बच्चों को एडमिशन आरटीई के तहत मिला था, वे अब भी उन्हीं स्कूलों में पढ़ रहे हैं या नहीं। एडमिशन न लेने वाले स्कूलों की साप्ताहिक मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी एडीएम एलए सत्येंद्र कुमार को सौंपी गई है।

बीएसए का हो गया ट्रांसफर
कानपुर नगर में रजिस्टर्ड 1343 स्कूलों में 14868 सीटें हैं। इस बार 8077 बच्चों को स्कूल एलॉट किए गए। इसमें अभी लगभग 2000 बच्चों का एडमिशन मिल पाया है। इसे लेकर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने 16 जून को 'बीएसए साहब 'गर्वÓ कीजिए, कानपुर आरटीई में नीचे से टॉप पर हैÓ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद पूर्व बीएसए डॉ। पवन तिवारी ने एडमिशन में तेजी की लेकिन फिर उनका ट्रांसफर हो गया। अब नए बीएसए सुरजीत सिंह एडमिशन करने में तेजी से लगे हैं।

प्वाइंटर
1343 स्कूल रजिस्टर्ड हैं कानपुर नगर में
14868 सीटें हैं आरटीई के तहत स्कूलों में
8077 बच्चों को सीटें आवंटित की गई
2705 बच्चों का अभी तक हुआ एडमिशन

Posted By: Inextlive