kanpur@inext.co.in kanpur : महिलाओं की सुरक्षा के लिए मिशन शक्ति अभियान के तहत कई नए कदम उठाए जा रहे हैं. शहर में कई पिंक चौक

- बीते 14 महीने में युवतियों, किशोरियों के अपरहण व गुमशुदगी के 80 मुकदमे दर्ज किए गए

- सिर्फ 20 को ही बरामद कर सकी पुलिस, 60 की पुलिस व सर्विलांस टीम अब भी कर रही तलाश

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KANPUR : महिलाओं की सुरक्षा के लिए मिशन शक्ति अभियान के तहत कई नए कदम उठाए जा रहे हैं। शहर में कई पिंक चौकियां खोलने के साथ महिलाओं के अलग कंट्रोल रूम भी बनाने की तैयारी हो रही है। वहीं दूसरी तरफ हर महीने चार-पांच युवतियां-किशोरी गायब हो रही हैं। अगर आंकड़ों की बात करें तो बीते 14 महीनों में 80 से ज्यादा लड़कियों के गुम होने या अपहरण के मामले सामने आए। इनमें से पुलिस सिर्फ 20 की तलाश कर सकी है वो भी शासन की सख्ती के बाद चलाए अभियान में इन्हें बरामद किया गया। बाकी लड़कियों को कोई सुराग नहीं लगा है। पुलिस ने भी अब हाथ खड़े कर दिए हैं। अपनी बच्चिओं की तलाश में उनके घरवाले अब भी अफसरों के चक्कर काट रहे हैं।

1: एक साल से बेटी का इंतजार

कल्याणपुर निवासी निजी फैक्ट्री में काम करने वाले की छोटी बेटी मार्च 2020 में अपहरण हो गया। जांच में पता चला कि पिता की फैक्ट्री में काम करने वाला लड़का सुमित घर आता था। जिसके साथ बेटी गई है। अब तक पुलिस बेटी का पता नहीं लगा पाई।

2: शादी के बाद मायके से गायब

बाबूपुरवा में अक्टूबर 2019 में शादी के बाद अपने मायके आई मछरिया निवासी युवती फिरोज नाम के युवक के साथ चली गई। पति ने फिरोज के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। दिसंबर में पुलिस ने युवती को आजगमगढ़ से बरामद कर लिया। कुछ दिन बाद युवती फिर कहीं चली गई। जिसके बाद उसका और फिरोज का कोई पता नहीं चला।

3: बिहार तक तलाश करने गइ टीम

चकेरी के सनिगवां निवासी स्कूल टीचर की बेटी को पड़ोस में रहने वाला अधेड़ मार्च 2020 को बहला फुसला कर ले गया था। मामले में किडनैपिंग की रिपोर्ट दर्ज की गई। आरोपी विजय कुमार की तलाश में टीम बिहार तक गई, लेकिन न तो विजय का पता चला और न ही स्कूल टीचर की बेटी का।

ज्यादात मामले पेंडिंग

थाना मामले दर्ज पेंडिंग

घाटमपुर 13 - 10

चकेरी 17 - 11

नौबस्ता 9 - 6

बाबूपुरवा 13 - 9 मामले पेंडिंग

पुलिस के पास तलाशने के इंतजाम

किसी भी युवती या किशोरी के गायब होने पर पहले गुमशुदगी दर्ज होती है। 24 घंटे तक बरामदगी न होने पर मामला किडनैपिंग में तरमीम हो जाता है। इसके बाद सर्विलांस टीम, महिला पुलिसकर्मी, थाने की टीम के साथ डीसीआरबी और एनसीआरबी की टीम तलाश में लगाई जाती हैं। पोस्टर छपवाकर सार्वजनिक स्थानों पर लगाए जाते हैं। अखबारों में सूचना छपवाई जाती है। मिशन शक्ति के तहत अब लेडी इनफार्मर की भी मदद ली जाती है। गायब हुई कई युवतियां बरामद तो हुई लेकिन जिंदा नहीं। उनकी लाश हाईवे किनारे, झाडि़यों या नदी-नाले में मिली।

आखिर कहां गई लड़कियां

खाकी के पास इतने इंतजामों के बाद भी गायब लड़कियों का न मिलना सवाल खड़े करता है। आखिर गुम हुई लड़कियां कहां गईं? मामलों में जांच कर रहे पुलिस अफसरों का कहना है कि पुलिस ने अपने संसाधनों के जरिए हर प्रकार से कोशिश की लेकिन कोई पता नहीं चला। आशंका है कि कई को तस्करी के जरिए दूसरे देशों में भेज दिया गया है। जहां उन्हें देह व्यापार के दलदल में उतार दिया गया है। वो अपने किसी दोस्त या रिश्तेदार के संपर्क में नहीं हैं। ऐसे में इन्हें तलाश करना मुश्ि1कल है।

डीसीआरबी से मिले आंकड़ों के मुताबिक

14 महीने में 80 लड़कियां गायब हुई शहर से

20 को पुलिस ने अभियान चलाकर बरामद किया

26 मामलो में चार्जशीट लगा दी गई

54 मामले विभिन्न थानों में लंबित चल रहे

जो मामले पेंडिंग पड़े हैं। उनमें लगातार पुलिस की टीमें काम कर रही हैं। जिन मामलों में रिवार्ड हो गया है। उनकी जानकारी एजेंसीज को भी दी गई है। अभियान चलाने के लिए थानेदारों को टास्क दिया गया है। जल्द ही पेंडिंग मामले सॉल्व किए जाएंगे।

डॉ। प्रीतिंदर सिंह, डीआईजी /एसएसपी कानपुर

Posted By: Inextlive