जाजमऊ के वाजिदपुर स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और बुढिय़ा घाट व वाजिदपुर पंङ्क्षपग स्टेशन में लीकेज की वजह से 13 दिनों में 57 करोड़ लीटर दूषित पानी गंगा में गिर चुका है. रोजाना करीब 10 लाख लीटर से ज्यादा दूषित पानी गंगा में गिर रहा है. 18 अप्रैल को जल निगम के एमडी की फटकार के बाद लीकेज बंद कराया गया. अभी वाजिदपुर सीवरेज पंङ्क्षपग स्टेशन का लीकेज नहीं बंद हो पाया है.


कानपुर (ब्यूरो) पीएम नरेन्द्र मोदी के 14 दिसंबर 2019 में शहर आगमन के दौरान जल निगम के अफसरों ने गंगा में गिर रहे 19 नालों को बंद कर दिया था। इस कार्य से अफसरों की वाह-वाही भी हुई थी। खुद पीएम ने बोट से जाकर सीसामऊ नाला देखा था और सेल्फी प्वाइंट तक गए थे। अस्थायी रूप से बंद पांच नाले फिर गंगा में गिर रहे हंै। साथ ही बीच-बीच में ओवर फ्लो या मोटर खराब होने से सीसामऊ, परमट और वाजिदपुर में बने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से दूषित पानी गंगा में गिरने लगता है। रानीघाट, गोलाघाट नाला, सती चौराहा नाला। मैस्कर घाट नाला व रामेश्वर घाट नाला में गिर रहे हैं।

1536 करोड़ रुपये खर्च
पिछले 35 साल से गंगा सफाई अभियान के तहत अलग-अलग योजनाओं में लगभग 1536 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन मकसद पूरा नहीं हो पाया है। वहीं यूपी जल निगम के एमडी अनिल धींगरा का कहना है कि समस्या की जानकारी सामने आते ही तत्काल निदान के लिए अभियंताओं की टीम को लगाया गया था। गंगा की शुचिता से जुड़ी हर समस्या का प्राथमिकता से निस्तारण कराया जा रहा है।

Posted By: Inextlive