स्टिक टेक्नोलाजी बायोकेमिकल इंजीनियङ्क्षरग आदि में सिर्फ 10 से 15 प्रतिशत सीटें भर सकी हैं. तीन चरणों की काउंसङ्क्षलग 24 अक्टूबर तक चली. इसके तहत कुल 379 सीटों पर प्रवेश हुए. खाली पड़ी 533 सीटों पर काउंसङ्क्षलग के अतिरिक्त चरणों के माध्यम से प्रवेश लेने की प्रक्रिया चार नवंबर से शुरू की गई है.


कानपुर(ब्यूरो)। एचबीटीयू तीन चरणों की काउंसङ्क्षलग के बाद भी 533 सीटें खाली हैं। इसमें लेदर टेक्नोलाजी, प्लास्टिक टेक्नोलाजी, बायोकेमिकल इंजीनियङ्क्षरग आदि में सिर्फ 10 से 15 प्रतिशत सीटें भर सकी हैं। तीन चरणों की काउंसङ्क्षलग 24 अक्टूबर तक चली। इसके तहत कुल 379 सीटों पर प्रवेश हुए। खाली पड़ी 533 सीटों पर काउंसङ्क्षलग के अतिरिक्त चरणों के माध्यम से प्रवेश लेने की प्रक्रिया चार नवंबर से शुरू की गई है। पंजीयन व च्वाइस फिङ्क्षलग की प्रक्रिया 10 नवंबर तक जारी रहेगी। इस चरण की काउंसिङ्क्षलग का परिणाम एनआइसी दिल्ली की ओर से 11 नवंबर में घोषित किया जाएगा।

33 सीटें बाहरी राज्यों के
कुलसचिव डॉ। नीरज कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि बीटेक की अलग-अलग ब्रांच में कुल 912 सीटें हैं। पिछले वर्ष कई शाखाओं में रुझान बढऩे के कारण सीटों की संख्या बढ़ाई गई थी। इसमें से करीब 33 सीटें बाहरी राज्यों के विद्यार्थियों के लिए आरक्षित की गई थीं। बीटेक कोर्सों में प्रवेश संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मेन के परिणाम के आधार पर लिया जाता है। इस वर्ष जेईई मेन का परिणाम देर से जारी हुआ और इसके चलते रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 26 अगस्त से और काउंसिङ्क्षलग प्रक्रिया चार अक्टूबर से शुरू की गई थी।

Posted By: Inextlive