बात उन दिनों की जब मैं छह साल का था जेके टेंपल में मां के साथ दर्शन करने आया लौटा तो सीढिय़ों से उतरकर देखा कि एक बुजुर्ग महिला किताब लेकर बैठी है वह गीतों की किताब थी मां से जिद कि तो बड़ी मुश्किल से पचास पैसे की किताब दिला दी जिसे पढ़ कर मैं यहां तक पहुंच गया हूं यह कहना है मशहूर गीतकर मनोज मुंतशिर का. वे जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में आयोजित एकल भारत लोक शिक्षा कानपुर चैप्टर की तरफ से आयोजित 'एक शाम एकल के नामÓ प्रोग्राम में शहर आए थे.

कानपुर (ब्यूरो) 'एक शाम एकल के नामÓ प्रोग्राम में मनोज मुंतशिर ने तेरी मिट्टी में मिल जावां से शुरूआत की। इसके बाद तेरी गलियां, तेरे संग यारा, मैं फिर भी तुमको चाहूंगा, मेरे रश्के कमर समेत अन्य गीतों को लिखने के सफर पर बात की। इस मौके एकल स्कूलों के बच्चों ने गीत गाकर माहौल में रंग भर दिया। इन बच्चों की मनोज मुंतशिर ने खूब तारीफ की। उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि वह स्वतंत्रा सेनानियों के धरती यानी कानपुर में हैैं। उन्होंने कहा कि कानपुर से मेरा विशेष नाता है। कानपुर के रहने वाले गायक अंकित तिवारी के साथ गाया तेरी गलियां गीत ने उन्हें बहुत लोकप्रियता दिलाई।

बच्चों के गीत ने सभी मनमोह लिया
प्रोग्राम का शुभारंभ सुरेंद्र गुप्ता, निदेशक, शुभम गोल्डी मसाले, लोहिया कारपोरेशन के प्रतिनिधि सुधींद्र जैन, आरएसपीएल के सुशील बाजपेई, जेके सीमेंट के अजय सरावगी, मयूर ग्रुप के प्रतिनिधि रमेश गुप्ता, एकल भारत लोक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष नीरज रायजादा, चेयरमैन जीडी गोयल। कानपुर चैप्टर के अध्यक्ष डा। एस प्रसाद, सचिव धु्रव कुमार रुइया, अनुराधा वाष्र्णेय अध्यक्ष महिला विंग ने दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरूआत की। जिसके बाद एकल विद्यालयों के बच्चों ने एकल गीत गाकर सभी का मनमोह लिया।

100 स्कूलों को मदद
एकल भारत लोक शिक्षा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज रायजादा ने एकल के कार्यों के विषय में चर्चा की और एकल के पूरे भारतवर्ष में नेटवर्क के बारे में बताया। इसके बाद एकल भारत लोक शिक्षा परिषद के चेयरमैन जीडी गोयल ने भी अपने विचार लोगों सामने रखा। वहीं, कार्यक्रम के अंत में एकल के 100 स्कूलों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने वाले शतकवीर संस्थानों को सम्मानित किया गया।

Posted By: Inextlive