कानपुराइट्स पर मंडराया 'जल संकटÓ
कानपुर (ब्यूरो) जल संसाधन एवं जल शक्ति विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, 17 अपै्रल को नरौना से 12860 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, इसके बाद से लगातार पानी छोडऩे का सिलसिला कम होता जा रहा है। इसकी वजह से घाटों पर भी पानी सूख रहा है। वहीं गंगा बैराज से डिस्चार्ज की बात करें तो 17 अप्रैल को 11547 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जो अब घटकर आधे से भी कम महज 5677 क्यूसेक रह गया है। ऐसे में अब पानी की किल्लत के आसार साफ दिखाई दे रहे हैं।
डेली 20 करोड़ लीटर सप्लाई
भैरवघाट पंपिंग स्टेशन से रोजाना कानपुराइट्स को लगभग बीस करोड़ लीटर पानी की सप्लाई होती है। गर्मियों में गंगा का जलस्तर कम होने पर भैरवघाट पंपिंग स्टेशन तक पानी लाने के लिए जल निगम हर साल भैरवघाट पर बंधा बनाता है। इसमें करोड़ों रुपए खर्च होते हैं। पिछले दस दिनों में यहां लगातार जलस्तर गिर रहा है। जलस्तर 359 फीट से गिरकर 357.7 फीट पहुुंच गया है, जोकि आने वाले खतरे का संकेत दे रहा है। भैरवघाट पंपिंग स्टेशन के एक्सईएन राजेन्द्र कुमार ने बताया कि जलकल विभाग हर बार की तरह इस बार भी बंधा बनाने जा रहा है। जल्द टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
पाइपलाइन डालने में देरी
गंगा जलस्तर कम होने पर भी पंपिंग स्टेशन तक पानी पहुंचने में दिक्कत न हो, इसलिए गंगा बैराज से भैरवघाट तक पाइपलाइन डाली जा रही है। पाइपलाइन पड़ जाने से हर साल विभाग को बंधा बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और पानी भैरवघाट पंपिंग स्टेशन तक आसानी से पहुंच जाएगा। वहीं, एग्रीमेंट के मुताबिक, गंगा बैराज से 1600 एमएलडी पानी लिया जा सकेगा। अधिकारियों के मुताबिक, ट्रेंचलेस खुदाई कर वाटर लाइन डाली जा रही है, जिस कारण काम में देरी हो रही है। तीन साल से यह काम अधूरा पड़ा है।
- भैरवघाट पर भी गंगा का वाटर लेवल डेढ़ फीट से ज्यादा गिरा
- भैरवघाट से होती है रोजाना 20 करोड़ लीटर की सप्लाई
- पंपिंग स्टेशन तक पानी लाने के लिए बंधा बनाने का काम शुरू