'राजभाषा के प्रचार-प्रसार पर ठोस कदम उठाएंÓ
कानपुर (ब्यूरो) इस समिति के प्रमुख आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो। अभय करंदीकर हैं। इस समिति के साथ कानपुर शहर स्थित केन्द्र सरकार के 45 कार्यालयों को जोड़ा गया है। सभी कार्यालयों में राजभाषा के कार्यान्वयन एवं प्रगति की निगरानी का उत्तरदायित्व आईआईटी कानपुर के पास है।
छमाही रिपोर्ट में स्पष्ट भरें आंकड़ेसमिति के सदस्य सचिव डॉ। वेदप्रकाश सिंह ने सदस्य कार्यालयों से प्राप्त छमाही रिपोर्ट की समीक्षा करते हुए सभी कार्यालय प्रमुखों से रिपोर्ट भरते समय राजभाषा नियमों के उल्लंघन से बचने की सलाह दी। छमाही रिपोर्ट में आंकड़े स्पष्ट रूप से भरने की अपील की। ताकि संसदीय राजभाषा समिति के निरीक्षणों के दौरान किसी भी प्रकार की आपत्तियों से बचा जा सके।
नियमित कार्यशालाएं कराएं
गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग गाजियाबाद के सहायक निदेशक निर्मल कुमार दुबे भी इस बैठक में ऑनलाइन जुड़े। उन्होंने कार्यालय प्रमुखों से राजभाषा नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कहा। उन्होंने सभी कार्यालयों से छमाही बैठकें एवं कार्यशालाएं नियमित रूप से आयोजित करने का आह्वान भी किया। कुलसचिव कृष्ण कुमार तिवारी ने सभी का आभार व्यक्त किया।