मर्चेंट चेंबर ऑफ यूपी के 90 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने संस्था के सदस्यों व उद्योगपतियों को संबोधित किया. अपने गांव और अपने शहर से उनके जुड़ाव की झलक उनके संबोधन में भी दिखी. राष्ट्रपति ने कानपुर के औद्योगिक इतिहास की बात भी की और मैनचेस्टर ऑफ ईस्ट का गौरव इस शहर को कैसे मिल सकता है इस बारे में भी बताया. उन्होंने पर्यावरण से जुड़ी चुनौतियों का जिक्र करते हुए उद्यमियों से उद्योगों में पर्यावरण को लेकर विशेष तौर पर ध्यान देने की नसीहत भी दी. उन्होंने स्मारिका का भी विमोचन किया. इस दौरान गवर्नर आनंदीबेन पटेल विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना मर्चेंट चेंबर के अध्यक्ष अतुल कनोडिया व संस्था के पूर्व अध्यक्ष महेंद्र मोहन गुप्त प्रमुख रूप से मंच पर मौजूद रहे.

कानपुर (ब्यूरो) राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन की शुरुआत में ही कहा कि जिस प्रांगण में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी व प्रथम महिला राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल जैसे ओजस्वी वक्ताओं ने संबोधित किया हो वहां देश के सर्वोच्च पद पर आसीन रहते हुए संबोधित करना एक गर्व की बात है।

औद्योगिक इतिहास की स्वर्णिम नगरी
राष्ट्रपति ने कहा कि कानपुर शुरुआत से ही औद्योगिक इतिहास की स्वर्णिम नगरी रहा है। जो कभी मैनचेस्टर ऑफ ईस्ट कहलाती थी। अब कहीं न कहीं उस लुप्त हुए गौरव को दोबारा प्राप्त करने करने की जरूरत है। मर्चेट चेंबर में वह क्षमता है कि व्यापार व उद्यमिता सृजन एवं बढ़ावे से कानपुर को मैनचेस्टर ऑफ ईस्ट का खोया गौरव प्राप्त किया जा सके। यह कानपुर ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए एक गौरव की बात होगी।

यह गणमान्य लोग रहे मौजूद
कार्यक्रम का संचालन मर्चेंट चेंबर के कौंंसिल मेंबर सुधींद्र जैन ने किया। वहीं धन्यवाद प्रस्ताव महेंद्र मोहन गुप्त ने ज्ञापित किया। इस दौरान जेके समूह के अध्यक्ष निधिपति सिंहानिया, जेके सीमेंट के एमडी राघवपत सिंहानिया, महापौर प्रमिला पांडेय व शहर के कई विधायक प्रमुख रूप से मौजूद रहे। संस्था के सभी पदाधिकारियों व सदस्यों के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक गु्रप फोटोग्राफ भी कराया।

क्लाइमेट चेंज पर उद्योगों की बड़ी जिम्मेदारी
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन के दौरान क्लाइमेट चेंबर पर चिंता जाहिर की और कहा कि हमें वर्तमान के साथ भावी पीढ़ी की की भी चिंता करनी होगी। समय को ध्यान में रखते हुए सामूहिक एवं सतत प्रयास करना होगा। इसमें सबसे बड़ी जिम्मेदारी हमारे औद्योगिक घरानों पर होगी। क्योकि वह ग्रीन हाउस गैसेस या कार्बन उत्सर्जन को कम कर, वातावरण और प्रकृति को शुद्ध बनाये रखने में समाज की सहायता कर सकते है।

सुनाया स्विटजरलैंड का किस्सा
क्लाइमेंट चेंज किस तरह से असर डाल रहा है। इसे लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यूरोप में स्विजरलैंड की अपनी यात्रा का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वहां लगभग 10 किमी दूरी पर ग्लेशियर होने के बाद भी ठंड का अहसास नहीं हो रहा था। जबकि हमारे भारत में अगर शिमला में भी बर्फबारी होती है तो उसका असर 10 से 15 घंटों में पूरे उत्तर भारत में दिखता है। यही क्लाइमेट चेंज का असर है। जिसे हम सबको मिल कर समझना होगा।

आर्थिक तरक्की में दें योगदान
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सरकार की स्टार्टअप योजना को बढ़ावा देने व एमएसएमई के उत्थान की मंशा की सराहना की। उत्तर प्रदेश में बहुत से ऐसे छोटे-छोटे कुटीर एवं अन्य उद्योग है जो भारत सरकार की पहल का लाभ उठा कर अपने प्रदेश की आर्थिक तरक्की में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में औद्योगिक निवेश एवं रोजगार सृजन के लिए प्रयासरत है। प्रदेश के तीसरे इन्वेस्टर समिट में प्रधानमंत्री ने लगभग 80,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की नींव रखी जो रोजगार के नजरिए से अहम कदम है। इन योजनाओं की आर्थिक संपन्नता का लाभ हम भविष्य में देखेंगे।

समाज के हर वर्ग का आदर करें
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि हमें समाज के सभी जन का आदर सत्कार करना चाहिए। जिस माटी में हमने जन्म लिया है या जिससे हम किसी भी प्रकार से जुड़े हैं तो उसके उत्थान के लिए जरूर प्रयास करना चाहिए। यह प्रयास ही सफल व्यक्ति की सार्थकता को परिभाषित करता है। मौजूदा दौर में कारपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी होती है। जिसमें संस्थान अपने अर्जित लाभ में से कुछ हिस्से का उपयोग सामाजिक विकास के लिए करते हैं। यह एक व्यापारिक जरूरत नहीं है बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग तक उसका लाभ पहुंचाना सबसे जरूरी बात है।

महिलाएं भी संभालें जिम्मेदारी
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि वह मर्चेंट चेंबर के पूर्व अध्यक्षों की जानकारी ले रहे थे, लेकिन अब तक एक भी महिला ने इसकी कमान नहीं संभाली है। मुझे लगता है कि आने वाले समय में महिलाएं भी इस संस्था की कमान संभालेंगी। राष्ट्रपति ने मर्चेंट चेंबर के पदाधिकारियों से अपील की कि वह एक और नया सभागार बनाने की दिशा में कार्य कर सकते हैं। पुराने हाल का भी अपना महत्व है। इसे बनाए रखिए।

बताई मर्चेंट चेंबर की उपलब्धियां
कार्यक्रम की शुरुआत में संस्था के अध्यक्ष अतुल कनोडिया ने मर्चेंट चेंबर के इतिहास और उसकी उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस साल महिला सशक्तिकरण के लिए एक स्वतंत्र महिला उद्यमी प्रकोष्ठ का गठन किया है। प्रदेश के युवा,मेधावी उद्यमियों को शहर व प्रदेश के बाहर जाने से रोकने के लिए सीएसजेएमयू के साथ स्टार्टअप उद्यमों के विकास के लिए एक ज्वाइंट वेंचर भी शुरू किया है।

जुगनू की तरह रोशनी देने का करें प्रयास
कार्यक्रम मेंं विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गवर्नर आनंदीबेन पटेल व मर्चेंट चेंबर के सभी पदाधिकारियेां का स्वागत किया। और कहा कि यह हम सब लोगों के लिए गर्व की बात है। माननीय राष्ट्रपति महोदय, इस पद पर आसीन होते हुए भी हम सबके बड़े भाई व मार्गदर्शक हैं। उन्होंने कहा कि हम सब सूरज की तरह चमके न चमके, लेकिन जुगनू की तरह रोशनी देने का प्रयास जरूर करना चाहिए।

Posted By: Inextlive