पुलिस के कानून अंग्रेजों के समय के हैं जिन्हें बदलने की आवश्यकता है. क्राइम का ग्राफ बढऩे पर संसद में चर्चा हो जाती है लेकिन अगर मुकदमा ही ना लिखा जाए तो स्थिति ठीक रहती है. इस तरह की सोच में बदलाव होना चाहिए. पुलिस को ताकतवर बनाने के लिए राजनैतिक दबाव कम करने के साथ ही तकनीकी रूप से मजबूत बनाना होगा. आईआईटी के 62वें फाउंडेशन डे पर आए बाटला हाउस एनकाउंटर को लीड करने वाले पूर्व आईपीएस कर्नल ङ्क्षसह ने ये बातें साझा कीं.


कानपुर (ब्यूरो) उन्होंने कहा कि बाटला हाउस मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस ने इंडियन मुजाहिद्दीन के नेटवर्क की कमर तोड़ दी थी। इस मामले के बाद जमकर राजनीति हुई। कर्नल ङ्क्षसह के मुताबिक प्रशासनिक अफसरों के एक प्रोग्राम में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन ङ्क्षसह मौजूद थे। दिल्ली के एलजी ने उनके सामने परिचय कराया, जिसके बाद पीएम ने उनकी सराहना की। आईआईटी में वह 40 वर्ष बाद आए हैं। 1981 में उन्होंने कंप्यूटर साइंस से बीटेक किया था।

Posted By: Inextlive