विश्व के कल्याण के लिए भारतवर्ष को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है न कि प्रताडि़त करने के लिए. यह बात राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ और सीएसजेएम यूनिवर्सिटी के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित राष्ट्रीय शैक्षिक संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि कही.


कानपुर (ब्यूरो) डॉ। त्रिवेदी ने कहा कि विश्व की कई शक्तियां लोक कल्याण के बजाय विश्व को प्रताडि़त करने के लिए महाशक्ति बनना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि विश्व में कहीं भी यदि कोई ज्ञान का अनुसंधान हो रहा हो तो भारतवर्ष उसका केंद्र बिंदु होता है। भारत वह है जो ज्ञान के प्रकाश के अनुसंधान में सतत् रूप से लगा है। वहीं सीएसजेएमयू के वीसी प्रो। विनय कुमार पाठक ने कहा कि आने वाला दौर तकनीक का है, उसमें भी मुख्य रूप से डेटा है। यूनिवर्सिटी की जिम्मेदारी है कि वह स्वयं को तकनीकी रूप से दक्ष कर सके।

40 प्रतिभागियों ने शोध पत्र पढ़े
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय प्रभारी महेन्द्र कुमार ने संगठन द्वारा समय समय पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए किए जाने वाले कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला। इस दौरान 40 प्रतिभागियों ने अपने शोधपत्र पढ़े। स्वागत प्रो। मनोज अवस्थी और संचालन डॉ। अमृता वर्मा ने किया। कार्यक्रम में शैलेन्द्र द्विवेदी संयुक्त महामंत्री, प्रतिकुलपति डॉ सुधीर अवस्थी, सीडीसी निदेशक डॉ आर.के.द्विवेदी, डॉ दिलीप सर देसाई, डॉ। एबी जायसवाल, राहुल कुमार मिश्रा आदि मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive