प्लाट की असली मालिकन बेबी नाज बताती हैं कि आसान नहीं हैं इतने ताकतवर लोगों से लडऩा. इस प्लॉट के विवाद में मैं अपने पिता और दो भाइयों को खो चुकी हूं. विधायक और उसके भाई ने प्लाट को कब्जाने के लिए सारे हथकंडे अपनाए हैं. लेकिन मैं आखिरी तक लड़ूंगी. बेबी का कहना है कि मेरे पिता महरूम काजिद हुसैन ने 1986 में प्लाट अलॉट कराया था. एक चौथाई पैसा भी जमा कर दिया था. घर बनवाने की तैयारी कर रहे थे. तभी तत्कालीन विधायक और इरफान के पिता हाजी मुश्ताक सोलंकी की निगाह मेरे प्लाट पर पड़ी. हाजी मुश्ताक के इशारे पर केडीए ने एक साथ पूरा पैसा जमा करने की नोटिस जारी कर दी. जो हमारे लिए संभव नहीं था. इसलिए केडीए के खिलाफ मेरे अब्बू कोर्ट चले गए. वहां अभी भी सुनवाई चल रही है.


कानपुर (ब्यूरो) कोर्ट-कचहरी में मामले की सुनवाई के बीच ही 2005 में मेरे भाई राशिद हुसैन को कोल्ड ड्रिंक में जहर देकर मार डाला गया। मेरा परिवार सोलंकी परिवार पर आरोप लगाता रहा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। 2012 में सपा सरकार बनने के बाद से हमारी मुसीबतें और बढ़ गईं। मेरे दूसरे भाई माजिद हुसैन पर अनगिनत मुकदमे कर दिए गए। 9 नवंबर, 2021 को उसकी भी मौत हो गई। 2018 में मेरे प्लाट के एक हिस्से में विधायक के भाई ने कब्जा करके दीवार खड़ी कर दी थी। मेरे अब्बू ने विरोध दिया, तो उन्हें बुरी तरह से मारा-पीटा गया। मारपीट में अब्बू को ब्रेन हेमरेज हो गया। बाद में उनकी भी मौत हो गई।

दहशत में कानपुर छोड़ दिया
पिता और दो भाइयों की मौत से परिवार उबर नहीं पाया था कि विधायक और उसके भाई ने इसी 30 मई को हमारे बनाए दो कमरों को तुड़वा दिया। वहीं रिजवान ने धमकी की थी कि अगर प्लाट खाली नहीं किया, पिता और भाइयों के पास पूरे परिवार को भेज दूंगा। उसके बाद से पूरा परिवार कानपुर छोड़कर चला गया। सुकून के अभी 6 महीने भी नहीं बीते थे कि विधायक और उसके भाई ने फिर से तबाही मचा दी। हर दिन बस यही चिंता सताती रहती है कि परिवार पर कहीं कोई आफत ना आ जाए।

Posted By: Inextlive