हर थाने में होगा 'बिग बॉस'
- थाने में एंट्री, एग्जिट, लॉकअप, लॉबी, रिसेप्शन, इंस्पेक्टर रूम, वॉशरूम के बाहर से लेकर हर कोना होगा सीसीटीवी कैमरे की जद में
- सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सभी थाना प्रभारियों को कैमरे लगाने की जगह चिन्हित करने के आदेश, 45 दिन में पूरा करना होगा प्लान - थाने में कस्टोडियल डेथ, शिकायतकर्ताओं से अभद्रता, हवालात में बंदियों ये याराना पर लगेगी लगाम, हर हरकत कैमरों में होगी रिकॉड - हर कैमरे में रिकॉर्ड ऑडियो और वीडियो को 18 महीने तक रखना होगा सेफ, पुलिस मुख्यालय से होगी कैमरों की मॉनीटरिंगKANPUR : जल्द ही थानों के अंदर चलने वाली खाकी की मनमानी पर लगाम जाएगी। न फरियादों से अभद्र व्यवहार होगा और न पुलिस की मिलीभगत से हवालात से बंदी फरार हो पाएंगे। थानों में होने वाले कस्टोडियल डेथ भी रुक जाएंगी। अगर ऐसा कुछ हुआ तो आरोपी थाना पुलिसकर्मियों का कानून के डंडे से बचना नामुमकिन होगा। क्यों अब हर थाने में 'बिग बॉस' होगा। जी हां, थाने का कोना-कोना हाई क्वालिटी वाले सीसीटीवी कैमरों की जद में होगा। थाने के अंदर की हर हरकत इन कैमरों में रिकॉड होगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शहर के थानों में कैमरे लगने के लिए प्लान बनाना शुरू कर दिया गया है।
शासन देगा बजट
45 थानों के हर कोने में लगेंगे सीसीटीवी कैमरे 11 कैमरे कम से कम लगेंगे एक थाने में 45 दिन में पूरा करना है कैमरे लगाने का टारगेटडीआईजी डॉ। प्रीतिंदर सिंह ने जिले के सभी थानों के प्रभारियों को कैमरे लगाने के स्थान फिक्स करने को कहा है। इसके बाद प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जाएगा। बजट पास होने के बाद थानों में कैमरे लगाए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए 45 दिन का समय दिया है। इन कैमरों की ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिग को 18 महीनों तक सेफ रखा जाएगा। ये कैमरे पुलिस स्टेशन के इंट्री और एग्जिट प्वाइंट, लॉक अप, कॉरिडोर, लॉबी, रिसेप्शन एरिया, सब इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर के कमरे, थाने के बाहर, वॉशरूम के बाहर लगाए जाएंगे। साथ ही ये भी निर्देश दिया गया है कि बाहर के क्षेत्र के लॉक-अप कमरों को भी कवर किया जाए जिससे कोई भी हिस्सा कैमरे की जद से बाहर न होने पाए।
इन ऑफिस में लगेंगे कैमरेसुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई, एनआईए, एनफोर्समेंट डायरेक्ट्रेट, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो , डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस और सीरियस फ्रॉड इनवेस्टीगेशन के कार्यालयों में ऑडियो रिकॉर्डिंग के साथ सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए कहा गया है। पुलिस स्टेशनों के साथ एसएसपी ऑफिस, एसपी ऑफिस, सीओ ऑफिस और पुलिसलाइन में भी कैमरे लगाने के लिए कहा गया है। पुलिस स्टेशनों पर ऑडियो रिकॉर्डिंग के साथ लगे सीसीटीवी कैमरों की मॉनीटरिंग मुख्यालय से की जाएगी। शिकायतकर्ताओं से पुलिस का रवैया भी देखा जाएगा। पुलिस अधिकारियों की मानें तो कस्टोडियल डेथ और थाने में मारपीट के तमाम आरोप पुलिस पर लगते रहते हैं। कैमरे लगने के बाद पुलिस के खिलाफ तमाम इविडेंस अधिकारियों के पास होंगे।
इसलिए कैमरों की जरूरत दो साल पहले थाने के ऑफिस और गेट पर कैमरा लगाने के आदेश हुए थे। किसी थाने में खराब क्वालिटी के कैमरे लगे तो किसी थाने में कैमरे रखरखराव न होने की वजह से खराब हो गए। इन कैमरों को पुलिस मुख्यालय से जोड़ा गया था। थानों में इंटरनेट और जेनरेटर की सुविधा न होने की वजह से इन कैमरों का वैसा यूज नहीं हो पाया जिसकी जरूरत थी। जेनरेटर तो थाने में आ भी गए लेकिन नेट की समस्या बनी रही। थानों में पिटाई और कस्टोडियल डेथ की वारदातें भी सामने आईं। तमाम मामले सामने आए, जिनमें मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ। कई बार पुलिस की पिटाई से गंभीर चोटें आईं। लेकिन इविडेंस न होने की वजह से मामला रफा दफा हो गया। इस वजह से इन कैमरों की जरूरत पड़ी। पब्लिक को ये फायदे होंगे- थाने में लोगों से कैसा व्यवहार किया गया, इसका डेटा मौजूद रहेगा रहेगा।
- थाने में पुलिस पिटाई या अभद्रता का कोई साक्ष्य नहीं देना होगा। - थाने में शिकायत करने जाने पर रिसीविंग नहीं मिली तो भी परेशानी नहीं होगी। - थानों में होने वाली कस्टोडियल डेथ पूरी तरह से बंद हो जाएंगी। - बंदियों से पुलिस कैसा व्यवहार कर रही है, इसका भी रिकॉर्ड रहेगा - हवालात की सुरक्षा व्यवस्था पर सीनियर अधिकारियों की बनी रहेगी नजर क्या होगी कैमरों की खासियत - सीसीटीवी कैमरे नाइट विजन और ऑडियो सुविधाओं से लैस होना चाहिए - फुटेज रिकॉर्ड करने में सक्षम भी हो, कैमरों का रेज्युलेशन बेहतर हो। - ऐसा सिस्टम्स खरीदना जरूरी है जिसमें मैक्सिमम टाइम के लिए डेटा स्टोर रहे। - एसएचओ सीसीटीवी, रिकॉर्डिंग और रखरखाव के लिए जिम्मेदार होगा। - सीसीटीवी लगाने, निगरानी और खरीद के लिए स्टेट लेवल पर पैनल होगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद थानेदारों को कैमरे की जगह चिन्हित करके रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया है। 45 दिन में इस प्लान को पूरा करना है। डॉ। प्रीतिंदर सिंह, डीआईजी /एसएसपी कानपुर 2018 में हुआ था सीसीटीवी कैमरे का आदेश 9 लोगों की कस्टोडियल डेथ हुई तीन साल में