कानपुर कमिश्नरेट पुलिस अपराध और अपराधियों को कंट्रोल करने और उन पर कार्रवाई करने के दावे तो बड़े-बड़े करती है लेकिन ये दावे जमीनी हकीकत नहीं बन पाते हैं. इसीलिए शायद शहर में वारदातों का ग्राफ कम नहीं हो रहा है. एक महीने पहले कमिश्नरेट पुलिस ने 35 नए शातिर अपराधियों की लिस्ट बनाई गई थी. इनमें वो नाम थे जिनके खिलाफ तीन से ज्यादा केस दर्ज किए गए थे. निकाय चुनावों में ये सिर दर्द न बनें इसलिए इन पर गुंडा एक्ट और गैंगस्टर की कार्रवाई होनी थी. लेकिन हाल ये है कि वोटिंग में महज चार दिन बचे हैं और यह लिस्ट फाइलों में दबकर रह गई. इनके खिलाफ शांति भंग की कार्रवाई तक नहीं हुई.

कानपुर (ब्यूरो) पुलिस अधिकारियों ने शहर के 50 थानों में से 32 थानों के उन लोगों को फिल्टर किया था, जिनके खिलाफ तीन से ज्यादा केस दर्ज किए गए थे। इन लोगों की एलआईयू जांच भी कराई गई थी, इस जांच में इनकी आम शोहरत अच्छी नहीं पाई गई। साथ ही इन लोगों को जमीन विवाद में भी लिप्त पाया गया। इसी लिस्ट में एक नाम जाजमऊ के प्रापर्टी डीलर का भी था। इस प्रापर्टी डीलर ने जीएस(ग्राम समाज) की जमीनें बेच दी थीं।
50 थानों से फिल्टर कर तैयार की अपराधियों की सूची
32 थानों से चिन्हित किए गए थे 35 अपराधी
3 से ज्यादा मुकदमे इन शातिरों पर दर्ज हो चुके हैं
1 के खिलाफ भी नहीं की पुलिस ने कार्रवाई

ओढ़ा शराफत का चोला
पुलिस ने सख्ती दिखाई तो इस प्रापर्टी डीलर ने पुराने मामले पुलिस की मेहरबानी से सॉल्व करने के बाद शहर में दो शो रूम खोल लिए। अब शराफत का चोला ओढक़र प्रापर्टी डीलर कारोबार करने में जुट गया। बताते चलें कि ये प्रापर्टी डीलर ही जाजमऊ के एक बड़े कांड का सूत्रधार था। वहीं साउथ सिटी के कुछ ऐसे शातिरों के नाम इस लिस्ट में शामिल थे जो प्रापर्टी डीलिंग के नाम पर लोगों में दहशत बनाए हैैं।

कार्रवाई न होने से बढ़ गए हौसले
लिस्ट में शामिल शातिरों पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। हालांकि पुलिस सूत्रों की मानें तो इस लिस्ट में से कई लोगों के नाम निकाल दिए गए हैैं। इन नामों को लिस्ट से निकालने के लिए कहीं राजनीतिक दबाव बनाया गया तो कहीं समाज के लोगों ने अपनी रिपोर्ट में लिस्ट में शामिल लोगों को भला बना दिया, वजह जो भी रही हो लेकिन ये 35 शातिर अपराधी पुलिस की फाइलों में गुम हो गए हैैं। हालांकि इस संबंध में जेसीपी आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि चुनाव के बाद लिस्ट में शामिल शातिरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी।

बढ़ रहा नाबालिग अपराधियों का आंकड़ा
शहर में चेन स्नेचिंग, लूट, ऑटो लिफ्टिंग और छिनैती का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। इन वारदातों में अक्सर नाबालिग अपराधी शामिल पाए जाते हैं। बीते चार महीने में गोविंद नगर, नौबस्ता, बर्रा, चकेरी, स्वरूप नगर और नजीराबाद में 9 नाबालिगों के गैैंग रजिस्टर किए गए। 2022 में नाबालिगों के चार गैैंग रजिस्टर्ड किए गए थे। इन गैंगों की संख्या कुल 19 है। जुलाई 2022 से अप्रैल 2023 तक फतेहपुर, उन्नाव, फर्रुखाबाद और कन्नौज के 36 नाबालिगों को गिरफ्तार कर बाल संरक्षण गृह भेजा गया। यहां से फतेहपुर निवासी एक नाबालिग फरार भी हो गया था, इसका पता भी नहीं चल सका है। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि नाबालिग होने की वजह से उनके हाथ बंधे हुए हैैं। गुण्डा और गैंगस्टर की कार्रवाई नहीं की जा सकती है। इस वजह से नाबालिग अपराधी लगातार बढ़ रहे हैैं।

Posted By: Inextlive