गार्बेज डिस्पोजल प्लांट पर हर दिन 30 परसेंट एक्स्ट्रा लोड
कानपुर(ब्यूरो)। स्वच्छता सर्वेक्षण में कानपुर को थ्री स्टार रेटिंग और यूपी में 5वीं रैंक बताती है कि शहर में साफ-सफाई को लेकर तेजी से काम हो रहा है। लेकिन कई ऐसे प्वाइंट हैं जहां पिछड़ रहें हैं। अगर इन पर काम कर लिया गया तो हमें नंबर वन होने से कोई नहीं रोक सकता है। सबसे बड़ी चुनौती है डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन और पनकी स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट (डंपिंग यार्ड) में लगे कूड़े के पहाड़ों को खत्म करना। इन पहाड़ों को कम करने का काम तो जारी है लेकिन अभी भी तीन लाख मीट्रिक टन का ओवर लोड बना हुआ है। यहीं नहीं हर दिन सिटी से कलेक्ट होने वाले गार्बेज का तीस परसेंट एक्सट्रा लोड भी प्लांट पर पड़ रहा है। क्योंकि सिर्फ 70 परसेंट गार्बेज का ही डिस्पोजल हो पा रहा है।
सिर्फ दावे कर रहे ऑफिसर
नगर निगम ऑफिसर सिटी के सभी 110 वार्ड से जल्द डोर टू डोर गार्बेज कलेक्शन किए जाने का दावा कर रहे हैं लेकिन वर्तमान में 80 से 85 वार्डो से ही डोर टू डोर गार्बेज कलेक्शन किया जा रहा है। पूरी क्षमता से कलेक्शन न हो पाने के लिए भी प्लांट में गार्र्बेज कम पहुंच रहा है। वर्तमान में हर दिन 11 सौ मीट्रिक टन गार्बेज कलेक्शन का दावा किया जा रहा है जबकि सिटी में हर दिन 14 मीट्रिक टन के करीब गार्बेज निकलता है।
सिटी में सबसे बड़ी प्रॉब्लम गीले और सूखे कूड़े का अलग अलग तरह से कलेक्शन न हो पाना है। नगर निगम का दावा है कि गीले और सूखे कूड़े को लेकर लोग अवेयर नहीं है जबकि डोर टू डोर कलेक्शन व्हीकल में उसके लिए अलग-अलग तरह की डस्टबिन भी बनाई गई है। स्वच्छता सर्वेक्षण की रैकिंग जारी होने के बाद नगर निगम के अफसर व महापौर भी कानपुर के लोगों से अपील कर रही हैं कि गीले व सूखे कूड़े को अलग अलग दिया जाए ताकि उसका निस्तारण सही तरीके से किया जा सके। इससे प्लांट में गार्बेज को अलग-अलग करने में टाइम व मेहनत दोनों की बचत होगी।
सॉल्व हो जाए तो
स्वच्छता सर्वेक्षण में भले ही कानपुर इस बार टॉप फाइव की रेस में शामिल हो गया है, पर उसे टॉप पर आने की राहत में सबसे बड़ा रोड़ा डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन और गीला व सूखा कूड़ा अलग अलग न देना है। इसी में कानपुर को सबसे कम नंबर मिले है। इन दोनों प्रॉब्लम को नगर निगम सॉल्व कर लेता है तो उनकी टॉप रैकिंग की राह आसान हो सकती है।
सिटी से कलेक्शन होने वाले गार्बेज के डिस्पोजल के साथ उससे कई प्रोडक्ट बनाने की तैयारी थी। जिसमें टाइल्स, सीएनजी, कम्पोस्ट व बॉयोडीजल बनाया जाना था। हालांकि वर्तमान में कम्पोस्ट को छोड़ कर बाकी सब प्रोडेक्ट का प्रोडेक्शन निल है। कुछ समय पहले तक बॉयोडीजल बनाया जा रहा था।