प्रदेश सरकार अफसरों को अनुशासन और ईमानदारी का पाठ पढ़ा रही है वहीं अफसर इसकी धज्जियां उड़ा रहे हैं. जगह-जगह भ्रष्टाचार के मामले उजागर हो रहे हैं. कानपुर देहात में च्वच्छ भारत मिशन के तहत वर्ष 2021-22 में 195 ग्राम पंचायतों में प्रधानों के डोंगल से करीब 3.72 करोड़ रुपये का गोलमाल किया गया. मामला उजागर होने पर जांच समिति गठित की गई और रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी. ग्राम पंचायतों में काम कराए बिना ही अनियमितता पर उप निदेशक पंचायतीराज कानपुर तत्कालीन व मौजूदा डीपीआरओ को निलंबित किया गया है. इसके साथ ही अपर मुख्य सचिव स्तर से निदेशक पंचायतीराज डीएम सीडीओ से स्पष्टीकरण तलब किया गया है. संबंधित ग्राम पंचायतों से वसूली के आदेश दिए गए हैं.


कानपुर (ब्यूरो) स्वच्छ भारत मिशन फेज दो के तहत वर्ष 2021-22 में गांवों में ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन होना था। इसके तहत गड्ढे बनने थे, जिससे होकर ही गंदा पानी तालाब में जाता। इसके साथ ही सूखे व गीले कूड़े को अलग अलग निस्तारण कराना था। जिले की 347 ग्राम के लिए 6.13 करोड़ रुपये सीसीएल(कैश क्रेडिट लिमिट) के माध्यम से भेजा गया था। इसमें 195 ग्राम पंचायतों में प्रधानों के डोंगल के माध्यम से 4.9 करोड़ रुपये निकाले गए।गांवों में कार्य कराया ही नहीं


लेकिन गांव में विकास कार्य नहीं कराया गया और 3.72 करोड़ रुपये का बंदरबाट किया गया। मामला प्रकाश में आने पर जांच समिति गठित की गई थी। इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी गई। जिले में बड़े स्तर पर हुए घोटाले पर शासन ने सख्त रुख अपनाया है। मामले में अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार ङ्क्षसह ने उपनिदेशक पंचायतीराज अभय कुमार शाही, डीपीआरओ अभिलाष बाबू व तत्कालीन डीपीआरओ को निलंबित किया गया है। इसके साथ ही निदेशक पंचायतीराज, डीएम व सीडीओ से स्पष्टीकरण तलब किया है। शासन की मंशा के विपरीत सरकारी धन के बंदरबाट को लेकर अपर निदेशक पंचायती राज को जांच अधिकारी नामित किया गया है। कंसल्टेंट की सेवा समाप्त

ग्राम पंचायतों में बड़े स्तर पर हुए घोटाले च्ें स्वच्छ भारत मिशन के राज्यस्तरीय कन्सल्टेंट संजय कुमार चौहान व पीएफएमएस विशेषज्ञ राहुल गुप्ता की सेवा समाप्त की गई है। इसके साथ ही पटल सहायक सुनील कुमार, सचिव पुनीत कुमार पर विभागीय कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। प्रधानों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देशजिले की 195 ग्राम पंचायतों में 3.72 करोड़ रुपये के घोटाले में वसूली के निर्देश दिए गए हैं। वहीं संबंधित धनराशि को स्टेट नोडल खाते में जमा कराने व ग्राम प्रधानों के खिलाफ पंचायतीराज अधिनियम के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। प्रधान के लिए जाएंगेच्बयानस्वच्छ भारत मिशन फेज दो के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर जो अनियमितता की बात सामने आ रही है। उसमें ब्लाक अनुसार प्रधानों को बुलाकर उनके बयान लिए जाएंगे। यदि गलत हुआ है और जो उसमें संलिप्त हैं उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी। - नेहा जैन, डीएम

प्वाइंटर : वर्ष 2021-22 में गांवों में ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन होना था347 ग्राम के लिए 6.13 करोड़ सीसीएल के माध्यम से भेजा गया 3.72 करोड़ रुपये का बंदरबाट किया गया195 ग्राम पंचायतों में प्रधानों के डोंगल के माध्यम से 4.9 करोड़ रुपये निकाले गए

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