हीमोग्लाबिन 12 से नीचे तो एनीमिया
- इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंसेस में सीनियर गाइनकोलॉजिस्ट डॉ। किरन पांडेय ने गर्ल्स को उनकी सेहत के प्रति किया अवेयर
KANPUR: दुनिया में करीब 24 परसेंट महिलाएं खून की कमी यानि एनीमिया की गिरफ्त में है। वहीं इंडिया में यह परसेंट बढ़कर 56 हो जाता है। डब्लूएचओ के नॉर्म्स के अनुसार 12 ग्राम से कम हीमोग्लोबिन होने पर एनीमिया की कैटेगरी में रखा जाता है। इसे माइल्ड एनीमिया भी कहते हैं। इंडियन गर्ल्स खानपान व हाईजीन पर बहुत ज्यादा फोकस्ड नहीं हैैं। यह बात सीएसजेएमयू के इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंसेस में ऑर्गनाइज हेल्थ अवेयरनेस प्रोग्राम में मेडिकल कॉलेज की गायनी डिपार्टमेंट की हेड डॉ। किरन पांडेय ने कही।प्रोग्राम का इनॉग्रेशन चीफ गेस्ट वीसी प्रो नीलिमा गुप्ता ने किया। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी में 579 गर्ल्स का हीमोग्लोबिन चेक कराया गया जिसमें कि 59 का हीमोग्लोबिन 10 ग्राम से कम पाया गया था। डॉ। किरन ने कहा कि एनीमिया से पीडि़त में चिड़चिड़ापन बहुत होता है। नींद भी कम आती है, दिल की धड़कन भी अनियमित होती है। कभी कभी सांस भी फूलने लगती है। ऐसे लोगों को ग्रीन वेजीटेबल, सेब, केला और विटामिन सी युक्त आहार लेना चाहिए। डॉ। प्रवीन कटियार ने चीफ गेस्ट वीसी प्रो नीलिमा गु्प्ता, रजिस्ट्रार डॉ। अनिल यादव व मेन स्पीकर डॉ। किरन पांडेय का वेलकम किया। डॉ। संजय स्वर्णकार, चन्द्रशेखर कुमार, नेहा शुक्ला, डॉ। भारती दीक्षित, डॉ। स्वाति सचान, डॉ। सीमा जायसवाल, डॉ। विवेक सिंह सचान मौजूद रहे।