जेल में बंदियों की संख्या ज्यादा होने की वजह से शासन की ओर से समय-समय पर उन्हें पैरोल पर रिहा किया जाता है. पिछले साल जिला जेल से 73 बंदियों को पैरोल पर छोड़ा गया था. इनमें से केवल 57 बंदी ही लौटकर वापस जेल आए हैं जबकि शेष 16 फरार चल रहे हैं. इनमें से 12 शहर के ही हैं जबकि दो बिहार एक फतेहपुर और एक गोरखपुर का बंदी शामिल है.

कानपुर (ब्यूरो) जेल प्रशासन ने इन बंदियों को पकडक़र वापस जेल लाने के लिये पुलिस को पत्र भी लिखा। पत्र आने के बाद पुलिस ने कुछ दिन हाथ-पैर मारे और फिर शांत होकर बैठ गई। जेल प्रशासन ने रिमाइंडर भी भेजा लेकिन फरार बंदी पकड़े नहीं गये हैं। जेल अधीक्षक डॉ। बीडी पांडेय ने बताया कि पैरोल पर जब बंदी छूटता है और तय समय पर नहीं आता है तो सबसे पहले उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाता है। जेल प्रशासन इन बंदियों को ब्लैकलिस्ट कर देता है। इनमें से अब किसी को दोबारा पैरोल नहीं दी जाएगी।

ठगी का आरोपी 20 महीने से फरार
दो महीने की पैरोल पर 20 महीने पहले छोड़ा गया बंगलुरू का सैय्यद खीजर हुसैन दो हजार करोड़ की ठगी के मामले आरोपी है। पैरोल खत्म होने के बाद भी वह लौटा नहीं। जबकि उसके परिजन अभी भी जेल में बंद हैं। सभी फरार बंदियों की तलाश में सर्विलांस और संबंधित थानों की पुलिस भी संभावित स्थान पर दबिश दे रही है। कुछ बंदी तो ऐसे भी हैं जो पैरोल पर छूटने के बाद अपने घर ही नहीं गए। इन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। जितने दिन ये फरार रहेंगे उतने ही दिन इनकी सजा में जोड़े जाएंगे।


- पैरोल पर फरार चल रहे बंदियों की गिरफ्तारी को लेकर सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए गये हैं। जल्द ही सभी को गिरफ्तार कर वापस जेल भेजा जायेगा।
- बीपी जोगदण्ड, पुलिस आयुक्त

बंदियों की फैक्ट फाइल
73 बंदियों को पैरोल पर छोड़ा गया था पिछले साल
57 बंदी ही केवल इनमें से लौटकर वापस जेल आए
16 इनमें से अभी भी फरार चल रहे हैं, कोई सुराग नहीं
12 बंदी इनमें से कानपुर नगर के हैं, बाकी आसपास के

Posted By: Inextlive