ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्र नितिन गर्ग की हत्या के मामले में एक 17 वर्षीया युवक को 13 साल की सज़ा सुनाई गयी है.

जब इस युवक ने नितिन का कत्ल किया था तब वह 15 साल का था। युवक का नाम उसकी उम्र को देखते हुए जारी नहीं किया गया है। नितिन गर्ग की हत्या दो जनवरी 2010 में रात साढ़े नौ बजे के बाद उस वक्त हुई जब वह मेलबर्न में याराविल के हंग्री जैक में काम करने के लिए एक पार्क में से गुज़र रहे थे।

लेकिन सज़ा सुनाते वक्त सुप्रीम कोर्ट जज पॉल कॉगलान ने बताया की ये अपराध पूर्व नियोजित नहीं था और न ही नस्लभेद से प्रेरित था। जस्टिस पॉल कॉगलान के अनुसार नितिन ग़लत समय पर ग़लत जगह होने के कारण इस अपराध के शिकार बन गए।

सज़ा
जस्टिस कॉगलान ने बताया की यह युवा और उसका एक मित्र पार्क में थे जब उन्होंने नितिन को फ़ोन पर बात करते हुए देखा और उसने फ़ोन चुराने के लिए अपना चाकू निकाला।

उसके बाद नितिन ने लड़के को पकड़ लिया लेकिन उसने नितिन के पेट में चाकू मार दिया। छुरा मारे जाने के बाद नितिन किसी तरह गिरते पड़ते हंग्री जैक तक पहुंचे लेकिन कुछ समय बाद ही रॉयल मेलबर्न अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई। इस युवा के मित्र को हत्या में सहायक होने के लिए पहले ही सज़ा सुना दी गई है।

सज़ा के तहत इस युवक को आठ साल जेल में गुज़ारने होंगे जिसके बाद ही उन्हें पेरोल मिल सकता है। हालांकि वह पिछले 18 महीनों से जेल में ही है, इसलिए अब उसे क़रीब 6 साल और जेल में रहना पड़ेगा।

नितिन गर्ग की हत्या ऐसे समय हुई थी जब ऑस्ट्रेलिया में पढ़ रहे भारतीय छात्रों पर सिलसिलेवार कई हमले हो चुके थे। गौरतलब है कि इस हादसे के बाद भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तनाव बढ़ गया था और इस मामले को भारत सरकार ने शीर्ष स्तर पर उठाया था ।

Posted By: Inextlive