13 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन, हिरासत में चार जिम्मेदार, रोड जाम कर प्रदर्शन
- मनमानी खुदाई से मिट्टी के टीले पर लटक गई थी बिल्डिंग, डर-डर के जी रहे बिल्डिंग में रहने वाले और आसपास के सैकड़ों लोग
-हादसे की आशंका के चलते केडीए, पुलिस और प्रशासन के सीनियर अधिकारियों तक की गई थी शिकायत किसी ने नहीं दिया ध्यान - हादसा होते ही सभी को याद आ गई ड्यूटी, मौके पर पहुंची अधिकारियों की पूरी फौज, शुरू हो गया जांच और कार्रवाई का खेलKANPUR: कुलीबाजार लोहामंडी में इमारत ढहते ही पुलिस और प्रशासन से लेकर केडीए तक एक्टिव हो गए। कमिश्नर, डीएम, डीआईजी के साथ अधिकारियों की पूरी फौज मौके पर पहुंच गई। लेकिन, हकीकत ये है कि बिल्डिंग और आसपास रहने वाले सैकड़ों लोगों की सांसें डेढ़ साल से अटकी हुई थीं। जैसे-जैसे बगल वाली जमीन पर खुदाई की गहराई बढ़ती गई वैसे वैसे हादसे की आशंका भी। हाल ये था कि मिट्टी के टीले पर बिल्डिंग लटक सी गई थी इसके बाद भी खुदाई जारी थी। लोग डर-डर के जी रहे थे। लोगों ने केडीएम से लेकर पुलिस प्रशासन तक इसकी शिकायत की लेकिन किसी ने नहीं ध्यान नहीं दिया। हादसा होते ही सभी को ड्यूटी याद आ गई।
13 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशनकुलीबाजार लोहा मंडी में इमारत ढहने के मामले में 13 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। इस दौरान अन्य किसी के हताहत होने की पुष्टि नहीं हुई। प्रशासन और पुलिस के अफसरों ने अब मलबे में किसी के भी दबे होने की आशंका खारिज कर दी है। वहीं शाम को जब मृतक की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव बता परिजनों को शव देने से प्रशासन ने इंकार किया लोग भड़क गए। उन्होंने परेड-घंटाघर सड़क को जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। पुलिस से नोंकझोक भी हुई। करीब एक घंटे तक बवाल चला। आखिर में अफसरों के समझाने के बाद लोग शांत हुए। पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में लिया है।
रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं सौंपा शवलोहामंडी में मंडे रात जैन बिल्डिंग का पिछला हिस्सा ढह गया था। हादसे में 60 साल के राकेश शर्मा की मलबे में दबकर मौत हो गई थी। पुलिस, नगर निगम की टीमें तुरंत राहत व बचाव कार्य में जुट गई थीं। रात करीब 12 बजे एसडीआरएफ की टीम भी लखनऊ से कानपुर पहुंची। सुबह दस बजे तक टीम मलबा हटाने में जुटी रहीं। अनवरगंज सीओ मोहम्मद अकमल खान ने बताया कि मलबे में कोई अन्य शख्स नहीं दबा था। शाम करीब चार बजे राकेश के परिजनों को बताया गया कि राकेश की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसलिए शव परिजनों को नहीं सौंपा जाएगा। इससे वो भड़क गए। शव की मांग करते हुए लोगों ने सड़क जाम कर दी। करीब एक घंटे बाद अधिकारियों के समझाने पर लोग श्ांत हुए।
न कोई गिरफ्तारी, न कोई केस बिल्डिंग अमित जैन की है। पास की जमीन पर विकास जैन, रवि शुक्ला उनका बेटा विकास शुक्ला और अमित जैन खुदाई करवा रहे थे। इसी अवैध खुदाई की वजह से हादसा हुआ। मामले में पुलिस ने इन चारों आरोपियों को हिरासत में लिया है। सीओ का कहना है कि तहरीर मिलते ही केस दर्ज किया जाएगा। फिलहाल पूछताछ कर जानकारी जुटाई जा रही है। तीन खंड व तीन मंजिला है इमारतजैन बिल्डिंग तीन मंजिला है जो तीन हिस्सों में बनी है। बिल्डिंग का पीछे का हिस्सा ढहा था। अवैध खुदाई इस कदर की गई कि ये इमारत टीले पर टिकी हुई थी। वहीं ड्रिलिंग और जेसीबी चलने की वजह से बिल्डिंग कमजोर होती गई और आखिर में ढह गई। घनी आबादी वाले इलाके में कई मकान ऐसे हैं। जिनमें दरार पड़ गई है। इन मकानों की वजह से किसी भी समय हादसा हो सकता है। जो मकान गिरा है, उसकी टंगी हुई दीवारें किसी हादसे की वजह न बन जाए। इसलिए पुलिस ने यहां के रहने वाले 1500 लोगों को सेफ प्लेस पर पहुंचा दिया है। वहीं घरों में रहने वाले लोग सड़क के किनारे पड़ी दरी पर बैठकर अपना विरोध प्रदर्शन करने लगे।
बेसमेंट खोदाई पर पाबंदी अनवरगंज के लोहा मंडी में गहरी बेसमेंट खोदाई के चलते तीन जर्जर मकानों के गिरने के बाद पुलिस ने क्षेत्र में सभी ऐसे निर्माणाधीन मकानों के निर्माण पर रोक लगा दी है, जहां बेसमेंट की खोदाई चल रही है। क्षेत्र में बड़ी संख्या में अवैध निर्माण की सूचना मिलने के बाद डीआइजी ने सभी थानेदारों को निर्देश दिए हैं कि वह अग्रिम आदेशों तक निर्माण कार्य रुकवा दें। डीआईजी डॉ। प्री¨तदर सिंह ने बताया लोहा मंडी में हादसे के बाद ऐसी जानकारी सामने आई है कि क्षेत्र में कई और इस तरह के निर्माण हो रहे हैं। डायवर्ट किया ट्रैफिक, जाम से जूझे लोग रेस्क्यू ऑपरेशन के चलते रूट डायवर्जन भी करना पड़ा। जिससे परेड से घंटाघर तक दोनों तरफ भीषण जाम लग गया। भारी ट्रैफिक होने की वजह से पुलिस के भी हाथ-पैर फूल गए। मॉल रोड की तरफ से ट्रैफिक डायवर्ट किया गया। भीड़ इतनी थी कि डायवर्जन का असर नहीं दिखा। घंटों लोग जाम में परेशान होते रहे।केडीए इस मामले में मुकदमा दर्ज कराएगा। अभी केडीए की तहरीर नहीं मिली है। वहीं मृतक पक्ष की ओर से भी कोई शिकायत थाने में नहीं दी गई है।
-डॉ। प्रीतिंदर सिंह, डीआईजी।