अमरीकी चुनाव: दस अजीब तथ्य
आइए अमरीकी चुनाव के बारे में ऐसे ही दस तथ्यों पर एक नज़र दौड़ाते हैं।
चुनाव हमेशा मंगलवार को ही क्यों होते हैं ?साल 1845 में हुए राष्ट्रपति चुनाव नंवबर महीने के पहले सोमवार के अगले दिन यानी मंगलवार को हुए थे। तब से प्रथा बरकार है। 19वीं सदी में अमरीका एक कृषि प्रधान देश था और किसानों को मतदान केंद्र तक पहुंचने में काफ़ी वक़्त लगता था। शनिवार को वो काम कर रहे होते थे और रविवार को चलकर सोमवार को वोट देने पहुँचना संभव नहीं था।बुधवार को मंडियों में अनाज बेचने का दिन होता था और फिर वापस लौटना होता था। सप्ताहांत में मतदान करवाने की कोशिश पहले ही विफल हो चुकी थी। ऐसे में एक ही दिन बचा था, मंगलवार। इसलिए इसी दिन मतदान की परंपरा चल रही है.अमरीका में काला चश्मा पहने सियासतदान की तस्वीर खींचना लगभग असंभव है। वहां लोग अपने नेताओं से आंख मिलाकर बात करना चाहते हैं। क्या आपने कभी ओबामा या जॉर्ज बुश को काले चश्मे में देखा है? शायद अमरीकी मानते हैं कि अगर किसी व्यक्ति की आंखें ढकीं हैं तो उसपर अधिक यकीन नहीं किया जा सकता।
नेवादा में आप ‘किसी को भी नहीं’ का विकल्प चुन सकतेअमरीकी राज्य नेवादा में वोटर बैलट पेपर पर मौजूद विकल्पों में अगर किसी को भी पसंद ना करें तो वे ‘ नन ऑफ़ द कैंडिडेट्स’ यानि ‘किसी उम्मीदवार के लिए नहीं’ का विकल्प चुन सकते हैं। मतदान पत्र पर ये विकल्प 1976 से मौजूद है।ओबामा का अंगूठालेखक डेनएल पॉस्ट सैनिंग इस बारे में कहते हैं, “ ये हमारे समाज में इन पदों की गरिमा को दिखाता है। ये दिखाता है कि हम लोकतंत्र हैं और ये सब बहुत ही अहम पद हैं। ये किसी जज या डॉक्टर के रिटायर होने जैसा है। ये लोग भी तो नौकरी छोड़ने के बाद भी जज या डॉक्टर ही कहलाते हैं। ”
हारा हुआ भी जीत जाता है रेसये संभव है कि आने वाले चुनावों में दोनों उम्मीदवारों को बराबर इलैक्टोरल वोट मिलें। अगर ऐसा होता है तो क्या होगा? टाई यानि बराबर इलैक्टोरल वोट मिलने की स्थिति में राष्ट्रपति का चुनाव अमरीका की प्रतिनिधि सभा करेगी, जिसपर इस समय रिपब्लिकन पार्टी का कब्ज़ा है। तो ऐसे में रोमनी बाज़ी मार जाएंगे। लेकिन इसमें एक पेंच है।
टाई की स्थिति में उप-राष्ट्रपति पद निर्णय सीनेट के पास होता है और सीनेट पर डेमोक्रेटिक पार्टी का कब्ज़ा है। और इसलिए टाई की स्थिति में रोमनी राष्ट्रपति तो बन जाएंगे लेकिन उन्हें डेमोक्रेटिक उप-राष्ट्रपति यानि जो बाइडन को सहन करना पड़ेगा।लोगों के प्रति जुनूनअमरीकी चुनाव प्रचार में अंग्रेज़ी के शब्द Folks का ख़ूब इस्तेमाल होता है। रोमनी और ओबामा भी इसका प्रयोग जगह-जगह पर कर रहे हैं। अमरीकी राजनीतिक शब्दावली के ऑक्सफ़र्ड शब्दकोश के संपादक ग्रांट बैरेट कहते हैं कि ये शब्द पुरानी अंग्रेज़ी से आता है जिसका अर्थ लगभग वही है जो People शब्द का है यानि लोग। लेकिन इसका प्रयोग दक्षिणी अमरीकी राज्यों में अधिक होता है।बैरेट कहते हैं, “अमरीकी चुनावों में दक्षिण के लोगों का बोलबाला होता है। वहां के लोग बातूनी होते हैं। राष्ट्रीय स्तर पर भी अकसर दक्षिण से आए लोगों का बोलबाला रहता है.”
सिर्फ़ एक तिहाई अमरीका ही अहमछह नवंबर को होने वाले चुनावों का नतीजा मूलत अमरीका की एक तिहाई आबादी ही तय करेगी। अमरीका की चार सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य या तो पूरी तरह से रिपब्लिकन पार्टी के साथ हैं या डेमोक्रिटिक पार्टी के साथ। यहां तक की उम्मीदवार इन राज्यों में प्रचार तक नहीं कर रहे हैं।इसलिए चुनावों का नतीजा उन 30 प्रतिशत अमरीकी मतदाताओं पर निर्भर करता है जो अनिर्णित राज्यों में रहते हैं। तो टेक्सास, जॉर्जिया, न्यूयॉर्क, इलिनॉय और अन्य 35 सुरक्षित राज्यों के 70 फ़ीसदी मतदाताओं का रूझान साफ़ है। क्योंकि यहां पहले से ही पता है कि कौन राज्य किसके साथ है।नॉर्थ डकोटा में बिना पंजीकरण के मतदानऔर अंत में नॉर्थ डकोटा एकलौता राज्य है जहां मतदाताओं को पंजीकरण नहीं करवाना पड़ता। इस राज्य में 1951 पंजीकरण को निरस्त कर दिया गया था।यहां मतदान करने के लिए आपको 18 वर्ष से ऊपर की आयु का अमरीका नागरिक होना चाहिए जो नॉर्थ डकोटा में 30 दिनों से रह रहा हो। बस।