- हैलट में बचा सिर्फ एक कोविड पेशेंट, सीनियर डॉक्टर्स सहित 54 लोगों को करनी पड़ रही ड्यूटी

- लगभग कोरोना मुक्त होने के कारण हॉस्पिटल में अब सभी पेशेंट पर फोकस, हर तरह की सर्जरी शुरू

KANPUR: शहर के सबसे बड़े हॉस्पिटल हैलट में कोरोना वायरस की वजह से 11 महीनों से ठप पड़ी जरूरी सेवाएं अब पूरी तरह से रीस्टोर हो रही हैं। हॉस्पिटल लगभग कोरोना मुक्त हो चुका है। वर्तमान में सिर्फ 1 पेशेंट यहां एडमिट है। जिसे भी जल्द डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। हालांकि एक कोरोना पेशेंट के लिए भी हॉस्पिटल को भारी भरकम व्यवस्था करनी पड़ रही है। कई सीनियर डॉक्टर्स, नर्स, लैब टेक्नीशियन सहित 54 लोग शिफ्ट वाइज कोविड ड्यूटी कर रहे हैं। वहीं कोरोना काबू में आने से अब नॉन कोविड पेशेंट्स पर फोकस बढ़ा दिया है। एनेस्थीसिया एक्सपटर्स की कमी दूर होने से सभी तरह की इलेक्टिव सर्जरी भी शुरू हो जाएंगी। संविदा पर एनीस्थीसिया एक्सप‌र्ट्स भर्ती होने से कोविड डयूटी से भी कंसलटेंट्स और रेजीडेंट्स फ्री हो गए हैं।

एनेस्थीसिया एक्सप‌र्ट्स की कमी दूर

जीएसवीएम मेडिकल कालेज में पहले 6 एनेस्थिसिया एक्सपर्ट और 21 रेजीडेंट थे। कोरोना की वजह से इनमें से ज्यादातर की ड्यूटी हैलट में बने कोविड हॉस्पिटल्स में लग गई थी। एनेस्थीसिया एक्सपटर्स की कमी की वजह से इलेक्टिव सर्जरी नहीं हो पा रही थी। अब हैलट के कोविड हॉस्पिटल्स में नाममात्र के पेशेंट रह गए हैं। हालांकि अब केवल 3 शिफ्ट में ड्यूटी लगाई जा रही है। वहीं तीन नए एनेस्थीसिया एक्सपटर्स की संविदा पर भर्ती की गई है।

ऑपरेशन इमरजेंसी ओटी में

एलएलआर हॉस्पिटल में नॉन कोविड ट्रीटमेंट के प्रभारी डॉ। मनीष सिंह के मुताबिक सभी सर्जिकल डिपार्टमेंट्स में अब इलेक्टिव सर्जरी शुरू कर दी गई हैं। सर्जरी डिपार्टमेंट के ओटी के रेनोवेशन की वजह से इस डिपार्टमेंट के ज्यादातर ऑपरेशन इमरजेंसी ओटी में ही किए जा रहे हैं। न्यूरो सर्जरी की ओटी को भी जल्द शुरू किया जाएगा। न्यूरो कोविड आईसीयू में दोबारा न्यूरो साइंस सेंटर शुरू करने की तैयारी की जा रही है। प्रॉपर सेनेटाइजेशन और डिस्इंफेक्शन प्रक्रिया के बाद न्यूरो साइंस बिल्डिंग में भी ओटी शुरू कर दी जाएगी।

वार्डो को खाली कराया जा रहा

कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच एलएलआर हॉस्पिटल के कई वार्डो को होल्डिंग एरिया और कोविड आईसीयू में तब्दील कर दिया गया था। वहीं अब नॉन कोविड ट्रीटमेंट पूरी क्षमता से शुरू करने के लिए इन वार्डो को खाली कराया जा रहा है। वार्ड-3 में जहां पहले होल्डिंग एरिया था। वहां अब 10 बेड का इमरजेंसी आईसीयू बनाया जा रहा है। जिसमें वेंटीलेटर सपोर्ट भी मिलेगा। इसी तरह से आर्थोपेडिक, न्यूरोलॉजी और न्यूरो सर्जरी के पेशेंट्स को भर्ती करने के लिए भी वार्डो में जगह बनाई जा रही है।

ऑपरेशन से पहले कोरोना जांच

इमरजेंसी के साथ ही इलेक्टिव सर्जरी से पहले भी सभी पेशेंट्स की प्रोटोकॉल के मुताबिक ही कोरोना जांच होगी। रिपोर्ट निगेटिव होने पर ही उनकी सर्जरी होगी। इमरजेंसी पेशेंट्स की सर्जरी में देर न हो इसके लिए उनकी ट्रू नॉट से जांच की जाएगी। अभी तक दो ट्रू नॉट मशीनें ओपीडी में ही लगी थी, लेकिन अब उन्हें माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट शिफ्ट किया जाएगा।

किस डिपार्टमेंट के कितने ओटी-

सर्जरी- 8

न्यूरो सर्जरी-1

आर्थोपेडिक-4

ऑफ्थेल्मोलॉजी-1

डेंटल- 3 माइनर ओटी

सर्जरी- 1 माइनर ओटी

इमरजेंसी ओटी-4

ईएनटी- 1

ऑब्स एंड गायनी-2 ओटी,1 कोविड ओटी

एलएलआर हॉस्पिटल: एक नजर में

11 लाख- पेशेंट्स की ओपीडी

65 हजार- पेशेंट्स एडमिट हुए

6650- ऑपरेशन हुए अलग अलग डिपार्टमेंट्स में

(नोट- डेटा 2019 का है)

'' एनेस्थीसिया विशेषज्ञों की कमी को दूर कर लिया गया है। अब सभी तरह की इलेक्टिव सर्जरी शुरू कर दी जाएंगी। अब हर डिपार्टमेंट की ओपीडी भी रोज की तरह चलेगी। जिससे ज्यादा पेशेंट्स को देखा जा सकेगा.''

- डॉ.आरबी कमल, प्रिंसिपल जीएसवीएम मेिडकल कॉलेज

Posted By: Inextlive