संसद में गूंजा आई नेक्स्ट का मुद्दा
- सदर सांसद ने लोकसभा में उठाया रोहिन के प्रदूषित होने का मामला
- आई नेक्स्ट की खबर पर मंत्रालयों को पत्र लिख चुके हैं योगी आदित्यनाथ सदर सांसद ने लोकसभा में उठाया रोहिन के प्रदूषित होने का मामला - आई नेक्स्ट की खबर पर मंत्रालयों को पत्र लिख चुके हैं योगी आदित्यनाथGORAKHPUR : GORAKHPUR : मंडे को पार्लियामेंट में भी गोरखपुर आई नेक्स्ट की गूंज सुनाई दी। मामला था रोहिन नदी के प्रदूषण का। लोकसभा कार्रवाई के नियम फ्77 के तहत गोरखपुर सदर सांसद योगी आदित्यनाथ ने रोहिन नदी के प्रदूषित होने का मुद्दा उठाया। उन्होंने भारत सरकार से इसका संज्ञान लेने की मांग की और इस संबंध में नेपाल से बात करने की सलाह दी। आई नेक्स्ट ने क्9 जनवरी के इशू में 'रोहिन पर काला साया' हेडिंग से न्यूज पब्लिश कर चुका है। जिसके बाद सदर सांसद ने तत्काल विदेश मंत्रालय, जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा जीर्णोधार मंत्रालय और वन, पर्यावरण व जनवायु परिवर्तन मंत्रालय को पत्र लिखकर रोहिन नदी के प्रदूषण की जानकारी दी थी।
लाखों का सहारा है रोहिनआपको बता दें महराजगंज और गोरखपुर जिले के लिए रोहिन नदी जीवनदायिनी है। इस नदी के किनारे दोनों जिले के ब्00 से अधिक गांव बसे हैं। क्0 लाख से अधिक निवासियों की जीविका इसी नदी से चलती है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से इस नदी का पानी प्रदूषित होने लगा है। नदी की मछलियां मरने लगी हैं, गंदे पानी से उठती बदबू के कारण लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है।
पहले भी लिख चुके थे पत्रसदन में बोलते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नेपाल से महराजगंज होते हुए रोहिन नदी गोरखपुर आती है। यह कुछ समय पूर्व तक जनपद महराजगंज-गोरखपुर की अत्यन्त साफ एवं पवित्र नदी थी। गोरखपुर और महराजगंज के विकास में यह नदी अपनी प्रमुख भूमिका निभा चुकी है, लेकिन पिछले कुछ समय से नेपाल के जनपद नवलपरासी में सोनवल चीनी मिल तथा अन्य उद्योगों का कचरा डालने के कारण रोहिन प्रदूषित होने लगी है। जलीय जीव मर रहे हैं, गंदे पानी की बदबू के कारण नदी किनारे बसे गांवों में रहना मुश्किल हो गया है। रोहिन नदी गोरखपुर के डोमिनगढ़ के पास राप्ती नदी में मिल जाती है। रोहिन के प्रदूषण के कारण अब राप्ती भी प्रदूषित होने लगी है। इस नदी में प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाईयां तथा अन्य उद्योग नेपाल में स्थित है इसलिए स्थानीय प्रशासन इस सम्बन्ध में कुछ नहीं कर पा रहा है। भारत सरकार इसका संज्ञान ले और नेपाल से बातचीत करके आवश्यक कार्यवाही करने का कष्ट करें। नेपाल से प्रदूषित जल भारत की किसी भी नदी में न आने पाए, सरकार की ओर से यह सुनिश्चित किया जाए।