बड़ी लाइन के स्टेशन पर छोटी लाइन का इंजन
-गोरखपुर जंक्शन पर धरोहर के रूप में रखा जाएगा वाई एल सीरीज का इंजन
- 13 मार्च को एनई रेलवे जीएम करेंगे उद्घाटन GORAKHPUR: यह पहला मौका होगा कि गोरखपुराइट्स को रेल म्यूजियम में जाने की बजाय गोरखपुर जंक्शन पर ही धरोहर के तौर पर वाई एल सीरीज का रेल इंजन देखने को मिलेगा। इस वाइएल सीरीज के इंजन को क्फ् मार्च को गोरखपुर जंक्शन के फर्स्ट क्लास गेट के सामने रखा जाएगा, जिसका उद्घाटन एनई रेलवे जीएम राजीव मिश्रा करेंगे। जीएम के निर्देशन में लिया गया डिसीजनरेलवे अधिकारियों के मुताबिक, वाई एल सीरीज का यह इंजन अंतिम इंजन था, जिसका इस्तेमाल क्99ब् में बड़ी लाइन के आमान परिवर्तन के बाद से बंद कर दिया गया। तब से लेकर यह इंजन गोरखपुर रेलवे कारखाना में रखा हुआ था। इसे रेल की धरोहर एवं यादगार के रूप में गोरखपुर जंक्शन पर प्रदर्शन के लिए रखे जाने का डिसीजन जीएम के निर्देशन में लिया गया है।
यह है खासियतवाई एल श्रेणी के भाप इंजनों का निर्माण सन क्9भ्ख् से क्9भ्म् तक होता था, जो पूरे भारत वर्ष में मीटर गेज (छोटी लाइन) की हल्की लाइन पर यूज के लिए बनाए जाते थे। वाई एल भ्00क्, फर्स्ट की क्0 इंजनों में से एक इंजन है, जो इंग्लैंड के मेसर्स राबर्ट स्टीफेंसन व हॉर्थोन द्वारा बनाया गया था। इसकी सबसे खास बात यह थी कि एनई रेलवे परिक्षेत्र के पूर्व में मीटर गेज की रेल लाइनें थी। इस इंजन का इस्तेमाल कम क्षमता वाली पैसेंजर ट्रेंस एवं शंटिंग के लिए किया जाता था, जो दिखने में भी काफी अट्रैक्टिव थी। इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल रेलवे के चारबाग लोको शेड में होता था।