Gorakhpur : सिटी के डिफरेंट एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स में इस समय प्रेजेंट सेशन खत्म होने को है. सभी जगह जूनियर्स की तरफ से सीनियर्स को फेयरवेल पार्टी दी जा रही हैं. पार्टी का मतलब होता है फन एंड एन्ज्वॉयमेंट जहां हंसी खुशी के माहौल में हर कोई मस्ती करता है. लेकिन इस माहौल में भी पासआउट होने वाले स्टूडेंट्स की आंखें नम हो जा रही हैं. रीजन है कॉलेज छोड़ना और अपने दोस्तों से बिछड़ना.


खत्म हो जाएगी मस्तीमोस्ट्ली प्रोफेशनल कोर्स कराने वाले इंस्टीट्यूट्स में नेक्स्ट मंथ से एग्जाम शुरू होने हैं। इसके बाद फाइनल इयर स्टूडेंट्स या तो आगे की पढ़ाई करने कहीं चले जाएंगे या जॉब के लिए। दोनों ही कंडीशन में उनके ग्रुप के वह फ्रेंड्स अलग हो जाएंगे जिनके साथ वह सालों से मस्ती कर रहे हैं। यही गम स्टूडेंट्स को परेशान कर रहा है।कभी फेयरवेल दिया था आज खुद का फेयरवेलफाइनल इयर स्टूडेंट्स जैसे ही फेयरवेल पार्टी में आते हैं उनको अपने पुराने वह दिन याद आने लगते हैं जब उन्होंने अपने सीनियर्स का पार्टी दी थी। सीनियर्स को सरप्राइज देने के लिए की गई प्रिपेरशन, डांस मस्ती का पुराना दौर उनको पुराने समय में ले जाता है और वह भावुक हो जाते हैं। हर किसी के साथ कोई न कोई ऐसी याद जुड़ी है जो वह कभी नहीं भूल सकते।


फर्स्ट इयर में बर्थडे के दिन मुझे उम्मीद नहीं थी कि किसी को पता होगा। प्रैक्टिकल एग्जाम भी चल रहे थे। लैब में गया तो मेरे फ्रेंड्स ने विश करके सरप्राइज कर दिया। उन लोगों ने मेरे लिए केक भी रखा था।प्रमित

फ्रेंड्स के साथ मॉल में मूवी देखने जाते थे तो इतनी हूटिंग करते थे कि लड़के भी हम लोग को देखने लगते थे। एक बार रेल म्यूजियम गए तो वहां कुछ लड़के कमेंट करने लगे। पलट कर हम लोगों ने उनको उल्टा इतने कमेंट किए कि वह भाग गए।शीतलफ्रेंड्स के साथ इंडस्ट्रियल टूर पर 6 दिन के लिए उत्तराखंड गए थे। हरिद्वार, मसूरी, देहरादून, कम्प्टीफॉल सब जगह हम लोगों ने खूब मस्ती की। दो दिन की बस की जर्नी और उसमें कभी अंताक्षरी तो कभी गॉसिप्स बहुत याद आएंगे यह पल।अभिनवकॉलेज छोड़ना खराब लग रहा है। सबसे अधिक अफसोस अपनी बेस्ट फ्रेंड्स नेहा और प्रवीन से अलग होने का है। बहुत से गोल्डन मूमेंट्स हैं। साथ में बर्थडे पार्टीज सेलिब्रेट करना, मूवी जाना सब याद आएगा।अपूर्वाजब एडमिशन लिया था तो बहुत शाई नेचर था। यहां आकर नए फ्रेंड्स मिले स्पेशली अरुण और विवेक जिन्होंने मुझे बदल दिया। साथ में मस्ती करते थे। कभी हर पल साथ रहा करते थे अब एक पल मिलने को तरसेंगे।मनोजअक्सर ऐसा होता था कि टीचर्स पढ़ा रहे होते थे और हम बातें करते थे। जब बातें करते नहीं पकड़े जाते थे तो लगता था कि कोई जंग जीत ली। जो भी लेक्चर फ्री होता था कैंटीन में जाकर गॉसिप्स करते थे। बस मौका ढूंढते थे पार्टी करने का।नेहा

Posted By: Inextlive