सर्दी का मौसम स्किन पर कहर ढाने लगा है. साफ-सफाई में लापरवाही व संक्रमण के कारण फुंसी-फोड़ा व एक्जिमा खुजली दाद आदि के पेशेंट बढ़े हैं. साथ ही स्केबिज और जीरोसिस के पेशेंट्स की संख्या में इजाफा हुआ है.


गोरखपुर (सुनील त्रिगुणायत)।जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या तेजी के साथ बढ़ रही है। इसलिए जिला अस्पताल के स्किन डिपार्टमेंट की ओपीडी में डेली 150 से 200 पेशेंट पहुंच रहे हैं। हो जाती है नमी ठंड के मौसम में कोशिकाओं में नमी कम हो जाती है, जिससे स्किन सूखने लगती है और फटने की शिकायत शुरू हो जाती है। अधिक लापरवाही से स्कीन की ऊपरी सतह के साथ निचली सतह भी प्रभावित होकर धीरे-धीरे सूखने लगती है। ऐसे में स्किन की परत बाहर निकलने लगती है। बाद में वातावरण में मौजूद जीवाणुओं व गंदगी की वजह से स्किन में संक्रमण के कारण फुंसी-फोड़ा, एक्जिमा, स्केबिज आदि चर्म रोग हो जाते हैं। गंदगी से होती है प्रॉब्लम
इस मौसम में स्केबिज या खुजली की वजह से शरीर के अंदरूनी अंगों, हाथ की अंगुलियों के बीच छोटे-छोटे दाने निकल जाते हैं, जिनमें खुजली होती है। इसी तरह फंगल इंफेक्शन जैसे दाद की शिकायत भी आम है। इसमें शरीर पर गोल चकत्ते हो जाते हैं। यह रोग जाड़े में साफ-सफाई की कमी, गंदे कपड़े पहनने, नहाने के बाद शरीर के ठीक से सूखे बगैर अथवा गीले कपड़े पहनने या फिर इस्तेमाल की हुई रजाई या कंबल के इस्तेमाल से होता है। सिकुड़ जाती हैं नशें


अधिक ठंड बढऩे पर हाथ व पैर की अंगुलियों में चिल ब्लेन हो सकता है। ठंड से हाथ-पैर की अंगुलियों में ब्लड की नशें सिकुड़ जाती है, उनमें ब्लड का प्रवाह कम हो जाता है। इससे अंगुलियां नीली पड़ जाती हैं। दर्द व झनझनाहट होने लगती हैं। ठंडे पानी में हाथ डालने पर दिक्कत बढ़ जाती है। सर्दी से नाक व कान भी लाल हो जाते हैं। ऐसे करें बचाव - स्किन को सूखने से बचाने के लिए उस पर कोल्ड क्रीम लगानी चाहिए। - चिल ब्लेन से बचने के लिए पैरों में गर्म मोजे व हाथ में दस्ताने पहनने चाहिए।- कोई काम करते समय गुनगुना पानी इस्तेमाल करना चाहिए।- नियमित स्नान के साथ साफ-सफाई रखनी चाहिए।- दूसरे का खासतौर से संक्रमण पीडि़त व्यक्ति की रजाई या कंबल इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। - पीडि़त के कपड़े व चादर आदि गर्म पानी से धोने चाहिए।- स्किन को स्वस्थ बनाए रखने के लिए हरी सब्जियां, फलों, सूखे मेवा और पौष्टिक भोजन का सेवन करना चाहिए। - अधिक समय तक धूप में बैठने से बचना चाहिए।- परेशानी बढऩे पर चर्म रोग विशेषज्ञ से परामर्श से दवाएं लेनी चाहिए।स्केबिज-एक से दूसरे में फैलने वाली बीमारी।

जीरोसिस-ठंड में स्कीन सूखने की बीमारी।सनऐनिम-धूप में लगातार बैठने से स्कीन का रंग काला पड़ जाना।ओपीडी में आए पेशेंट दिन पेशेंटगुरुवार- 180बुधवार- 189मंगलवार- 187सोमवार- 159शनिवार- 123शुक्रवार- 192ठंड में स्किन की बीमारियां बढ़ जाती हैं। इस मौसम में स्केबिज, जीरोसिस अन्य बीमारियों की चपेट में लोग हो रहे हैं। इसलिए ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। ठंड में सावधानी बरतने की जरूरत है। यदि ज्यादा परेशानी हो तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें। डॉ। नवीन वर्मा, चर्म रोग विशेषज्ञ जिला अस्पताल

Posted By: Inextlive