- जो मेरे साथ किया गया है वह जानबूझ कर किया गया है

- सीबीआई जांच हो गई है शुरू, तमन्ना यही कि जल्द मिले दोषियों को सजा

i exclusive

syedsaim.rauf@inext.co.in

GORAKHPUR: व‌र्ल्ड चैंपियन सुशील कुमार से न तो मेरा कोई रिलेशन था और न ही रहेगा। यह कहना है इंडिया की झोली में कई मेडल डालने वाले इंटरनेशनल रेसलर नरसिंह पंचम यादव का। वह शनिवार को यूपी स्टेट रेलसिंग कॉम्प्टीशन में बतौर चीफ गेस्ट हिस्सा लेने के लिए गोरखपुर में मौजूद थे। नरसिंह ने बताया कि मेरे साथ जो हुआ काफी गलत हुआ। ऐसा जिन लोगों ने किया है, वह जानबूझ कर किया है। किसी भी खिलाड़ी के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए वरना लोग स्पो‌र्ट्स के प्रति रुचि नहीं दिखाएंगे और स्पो‌र्ट्स में आना छोड़ देंगे।

सोची समझी साजिश

रियो में परफॉर्म न कर पाने के सवाल पर उन्होंने बताया कि यह किसी एक आदमी का काम नहीं है, बल्कि सोची समझी साजिश है। पहले खाने में कुछ मिलाना और उसके बाद नाडा ऑफिस में यहां से मेल कराना कि यहां पर डोपिंग हो रही है, यहां पर रेड कीजिए। ऐसा कोई एक आदमी नहीं कर सकता है। इसके पीछे कई बड़े लोगों का हाथ हो सकता है। उन्होंने कहा कि कुछ कमी पुलिस की तरफ से भी रह गई, क्योंकि जब उन्होंने एफआईआर करवाया था, तो उस लड़के के खिलाफ हमने जो कंप्लेन दी थी, पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया। अगर उन्होंने उसे पकड़ा होता, तो निश्चित ही मैं ओलंपिक में खेलता।

टेक्निल प्रॉब्लम ने बढ़ाई मुसीबत

नरसिंह ने बताया कि वहां पर हमें हियरिंग का टाइम भी नहीं मिला, काफी कम समय था, जब उन्होंने हमें बताया। हमने उनसे यह टाइम मांगा था कि आप हमें खेलने दीजिए, अगर मेडल आएगा और डोप टेस्ट पॉजिटिव हो, तो आप इसे वापस ले लीजिएगा, लेकिन उन्होंने हमें टाइम नहीं दिया, क्योंकि हमारा वकील वहां समय से पहुंच नहीं पाया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हमारा पक्ष सही से नहीं रखा जा सका, क्योंकि टेक्निकल प्रॉब्ल्म की वजह से क्लियरिटी ही नहीं थी।

गवर्नमेंट ने नहीं किया तो

नरसिंह की मानें तो जब उन्होंने वाडा में अपील की, तो उन्होंने कहा कि आपकी गवर्नमेंट ने अब तक कुछ नहीं किया। कंप्लेन मिलने के बाद भी उस लड़के को नहीं पकड़ा, तो हम क्या कर सकते हैं। ओलंपिक में शामिल न होने का दर्द लिए नरसिंह ने बताया कि अगर हरियाणा पुलिस ठीक तरह से जांच करती, तो मैं ओलंपिक खेलता। इसमें हरियाणा पुलिस की भी काफी कमी थी। नरसिंह ने कहा कि खिलाड़ी ओलंपिक में देश को मेडल दिलाने के लिए चार साल प्रैक्टिस करता है। उसके खाने में ऐसा हो जाता कि लोग कुछ मिला देते हैं, जिससे उसका कॅरियर ही चौपट हो जाता है। ऐसा करना बिल्कुल गलत है।

सीबीआई जांच शुरू

नरसिंह ने बताया कि इस मामले की सीबीआई जांच चालू हो गई है। हमारे प्रेसिडेंट ब्रजभूषण शरण सिंह ने मेरा सपोर्ट किया और वह सारा मामला जानते थे, इसलिए मेरे साथ खड़े रहे। मैं मोदी जी का धन्यवाद देना चाहूंगा कि उन्होंने मामले की सीबीआई जांच शुरू करा दी। अब मैं यह चाहता हूं कि मामले की जल्द से जल्द सीबीआई जांच हो, जो लोग इसके पीछे हैं, उनके खिलाफ देश द्रोह का मुकदमा कायम हो। उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिले, ताकि भविष्य में किसी खिलाड़ी के साथ ऐसा न हो।

प्रो रेसलिंग काफी फायदेमंद

प्रो रेसलिंग के बारे में पूछे जाने पर नरसिंह ने बताया कि यह खिलाडि़यों के लिए काफी फायदेमंद है। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों के खिलाडि़यों के लिए। इसके थ्रू उन्हें प्वाइंट्स के बारे में जानकारी तो होती ही है, साथ ही इंटरनेशनल लेवल पर होने वाली कुश्ती के बारे में पता चल रहा है। साथ ही खिलाडि़यों को अच्छा अनुभव के साथ अच्छा प्लेटफॉर्म मिला और उनका मनोबल भी बढ़ा है। फाइनेंशियली कमजोर लोगों के लिए यह काफी अच्छा प्लेटफॉर्म था, पहलवानी में अच्छी डाइट लगती है, लेकिन पैसे के आभाव में लोग प्रॉपर डाइट नहीं ले पाते हैं और उन्हें प्रैक्टिस करने में दिक्कत होती है।

इस वक्त खेल पर फोकस

शादी के बारे में पूछे गए सवाल पर नरसिंह ने कहा कि शादी के बारे में अभी कुछ सोचा नहीं है। अभी मुझे बस यही इंतजार है कि जल्दी से सीबीआई जांच हो जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो। इसके बाद मैं फिर से इंडिया के लिए खेलूं और देश के लिए मेडल ला सकूं। सीनियर प्लेयर्स को छोटे मुकाबले में हिस्सा लेना चाहिए यह नहीं, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारी पहचान खेल से है, न कि खेल की पहचान हम से है। खिलाड़ी जितना भी बड़ा हो जाएगा, वह खेल और देश से छोटा ही रहेगा। इसलिए बड़े खिलाडि़यों को भी हिस्सा लेना चाीिए अगर वह फिट है। अगर फिट नहीं हैं, तो रेस्ट ले सकते हैं। चाहे वह मुकाबला छोटा हो या फिर बड़ा।

Posted By: Inextlive