कहीं बीमार न बना दें यह वार्ड
- वार्ड नं 12 और 43 की सफाई व्यवस्था भगवान करते हैं
- आंदोलन के बाद पब्लिक का कोई नहीं सुनने वालाGORAKHPUR: वॉटर लॉगिंग और जगह-जगह कूड़े के ढेर, यह हालत तो कमो-बेश सिटी के हर मोहल्ले की है। मगर खतरनाक बीमारियां फैलने के बाद भी जिम्मेदार इस ओर नजर नहीं डाल रहे हैं। नतीजा हाल ही में सिटी के डेंगू का पेशेंट मिलने से हेल्थ डिपार्टमेंट के होश फाख्ता हो गए, लेकिन नगर निगम के जिम्मेदार अब भी चुप्पी साधे बैठे हुए हैं। न तो उन्होंने जल जमाव से निपटने के लिए कोई ठोस कदम उठाया है और न ही सफाई व्यवस्था को प्रॉपर करने के लिए वह संजीदा हैं। हालत यह है कि सिटी का हर शख्स सहमा हुआ है और उसे भी डेंगू के साथ दूसरी खतरनाक बीमारियों का डर सता रहा है। आई नेक्स्ट ने इसकी हकीकत जानने के लिए वार्ड नंबर 12 और 43 का इंस्पेक्शन किया, तो इस दौरान मुकामी लोगों ने अपना दर्द बयां किया।
वार्ड नं - 43, राजेंद्र नगर पश्चिमी वार्ड एरिया- लगभग तीन वर्ग किमी जनसंख्या- लगभग 26 हजार मोहल्ले - 10 तैनात सफाई कर्मचारी- 33 आउट सोर्सिग पर सफाई कर्मचारियों पर खर्च वेतन- 280566 रुपए पर मंथनई नवेली कॉलोनियों से बसे इस वार्ड से सबसे अधिक मलबा निकलता है। यह कॉलोनियां भी अब तक प्रॉपर वे में डेवलप नहीं हो पाई हैं। वहीं पुराने एरियाज में नालियां न बनने से यहां वॉटर लॉगिंग की प्रॉपर पूरे साल बनी रहती हैं। सफाई कर्मियों की हालत यह है कि रोड की सफाई तो कर देते हैं, लेकिन नालियों की तरफ ताकते भी नहीं हैं। इससे सुबह और शाम को पानी सड़कों पर बहने लगता है। जिम्मेदार भी शिकायत पर निर्देश और आश्वासन देकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं।
सड़कों की हालत यह है कि रोड पर कूड़ा और गंदे पानी की वजह से चलना मुश्किल हो गया है। सुबह स्कूल जाने वाले बच्चे घर से निकलते हैं तो कई बार वॉटर लॉगिंग की वजह से गिर जाते हैं। जिससे उनके ड्रेस खराब हो जाते हैं। वंदना शर्मा, हाउसवाइफ यहां ड्रेनेज की कोई सुविधा नहीं है, हल्की बारिश भी सड़क पर पानी भरने के लिए काफी है। पानी कई दिनों तक लगा रहता है। इससे आन-जाने में काफी दिक्कतें होती हैं। कई बार इसकी कंप्लेन की गई लेकिन कुछ नहीं हुआ। श्रीपति देवी, हाउसवाइफहमारे वार्ड में गांव का हिस्सा अधिक होने से नालियां साफ करने में प्रॉब्लम हो रही है। ऐसे एरियाज में नालियों की रिपेयरिंग के लिए प्रस्ताव दिया गया है। नए एरिया में कर्मचारियों के न जाने की कंप्लेन मिलती है, उन्हें तत्काल भेजा जाता है।
धर्मदेव चौहान, पार्षद वार्ड नं - 12 लच्छीपुर वार्ड एरिया- लगभग पांच वर्ग किमी जनसंख्या- 24 हजार मोहल्ले- 8 तैनात सफाई कर्मचारी- 36 आउट सोर्सिग सफाई कर्मचारियों पर खर्च वेतन- 306072 रुपए पर मंथ नगर निगम के सबसे बड़े वार्डो में से लच्छीपुर वार्ड की गिनती होती है। इस वार्ड में 12 गांव और 22 कॉलोनियां है। जिम्मेदारों ने इसके साथ सौतेला व्यवहार करते हुए यहां पर्याप्त मात्रा में सफाईकर्मी ही नहीं तैनात किए। इससे मोहल्लों की प्रॉपर सफाई नहीं हो पाती। वहीं कई कॉलोनियां नीची होने के कारण पानी निकालने के लिए पंपिग सेट का इस्तेमाल करना पड़ता है। वहीं कर्मचारियों के लापरवाह रैवये से पंपिग सेट दिन में महज 6 घंटे ही चलता है। जिसके कारण मोहल्लों का पानी निकल नहीं पाता है और जल जमाव का कारण बनता है। पिछले साल इस एरिया में मलेरिया ने खूब तांडव किया था, जिसकी जद में आने से लोगों को कई दिन अस्पताल में बीताने पड़ते हैं।सफाई का आलम यह है कि पिछले दो साल से यहां कोई भी सफाईकर्मी नहीं आया। कई बार जिम्मेदारों को लिखित और फोन पर कंप्लेन की गई है, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिलता है।
पवन राय, रेजीडेंट रामनगर चौराहे से जुड़े सभी एरिया की स्थिति यह है कि डेली लोग यहां लगे पानी की वजह से रोड पर ही गिर जाते हैं। एक पंपिग सेट लगा है वह भी दिन में दो से तीन घंटे चलते हैं। जिसके कारण जल जमाव की हालत बनती है। श्रीराम सोनकर, रेजीडेंट वार्ड बढ़ा होने और कर्मचारियों की कमी के कारण सफाई करने में प्रॉब्लम हो रही है। कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के लिए कई बार कंप्लेन किया है, लेकिन अफसर अपनी मनमानी पर उतारू होने के कारण संख्या नहीं बढ़ा रहे हैं। वीर सिंह सोनकर, पार्षद नालियों की सफाई न करने की जानकारी नहीं दी गई थी। अगर इस तरह का मामला है तो तत्काल सफाई का निर्देश जारी किया जाएगा। राजेश कुमार त्यागी, नगर आयुक्त