आज बचाएंगे तो संवरेगा फ्यूचर
- यंग जनरेशन को डालनी होंगी सेविंग्स की हैबिट
- वर्ल्ड सेविंग्स डे पर आई नेक्स्ट की स्पेशल रिपोर्ट GORAKHPUR: जब मैं नौ साल की थी, तब से पिगी बैंक में पैसे जमा करती आ रही हूं। पैसे बचाने की यह हैबिट आज भी मेरे लिए बेनेफिशियल है। यह कहना है कि सर्वोदय नगर की रहने वाली दीपशिखा का। इस हैबिट की बदौलत दीपशिखा के पास इतने रुपए हो चुके हैं, कि इन्हीं रुपयों से वह आगे की पढ़ाई करने का मन बना चुकी हैं। यह तो किसी एक परसन की बात हो गई, लेकिन यकीन मानिए, आज अगर आपने बचाने की आदत डाल ली तो फ्यूचर संवर उठेगा। बचत करने की आदत डालेंबचत करने की आदत डालना बेहद जरूरी है। आज की यंग जेनरेशन में यह आदत खत्म होती जा रही है। आज की एडवांस होती लाइफस्टाइल का असर यूथ पर दिखता है। अक्सर देखने में आता है कि आज का यूथ, इंटरनेट पैक्स, बढि़या मोबाइल और दोस्तों के साथ पार्टी आदि करने के चक्कर में बिना सोचे-समझे पैसे खर्च करने में लग जाता है। जबकि यंग एज में ही बचत करने की आदत पड़ जाए तो पूरी उम्र इसका फायदा मिलेगा।
बच्चों में डालें सेविंग्स हैबिटपैरेंट्स को बच्चों में बचपन से ही बचत की आदत डालनी चाहिए। इसके लिए यह करें
- चार से पांच साल की उम्र में ही बच्चे को एक गुल्लक दिलवाइए। - हर दिन इस गुल्लक में अपने सामने बच्चे के हाथ से कुछ पैसे डलवाइए। - अक्सर घर में आने वाले रिश्तेदार, दादा, नाना आदि बच्चों को कुछ न कुछ पैसे दे जाते हैं। बच्चे को प्रेरित करें कि वह अपने इस पैसे को गुल्लक में डाले। - कुछ बैंकों ने 10 से 18 साल के बच्चों के लिए कुछ बैंकों ने बचत योजनाएं भी लांच की है। इसके बारे में भी पता कर सकते हैं। - मंथली बजट बनाते समय बच्चों को भी शामिल करें। उन्हें भी यह अहसास दिलाएं कि पैसे कितने महत्वपूर्ण होते हैं। और बड़े लोग ऐसे करें बचत - अगर आपने सेविंग अकाउंट नहीं खुलवाया है तो खुलवाइए। - विभिन्न बैंकों और पोस्ट ऑफिस में आरडी के अलावा मंथली सेविंग स्कीम का लाभ ले सकते हैं। - इसमें बैंक की तरफ से मिलने वाले इंट्रेस्ट का भी लाभ मिलेगा और आपके रुपए की बचत भी होगी। खर्चो का रखें हिसाबबचत करने वाले के लिए जरूरी है कि टाइट बजट रखें। लेकिन यदि आप खर्चो का हिसाब नहीं रख पाते हैं तो टारगेट पूरा करना मुश्किल होगा। हर महीने के डिफरेंट एक्सपेंसेज का हिसाब रखने से आपको खर्चीली आदत को बजट में लाने में मदद मिलेगी।
- हर समय अपने साथ एक छोटी सी नोटबुक रखें। अपने हर एक खर्चे को उसमें लिखने की आदत बना लें और रसीदों, बिल्स, खासकर बडे-बड़े खर्चो वाली बिल्स संभाल के रखें। लांग टर्म के रेकॉर्ड के लिए बड़ी नोटबुक या स्प्रेडशीट में अपने खर्च लिख सकते हैं। - मोबाइल के लिए आजकल ऐसे कई फ्री एप्स हैं, जो आप फोन में डाउनलोड कर सकते हैं। इनकी मदद से आप अपने खर्चो को लिख सकते हैं। - यदि आपको खर्च करने की समस्या है तो आप खर्च कि हर रसीद को बचाकर रखें। महीने के एंड में उनको अलग-अलग कैटेगरी में डिवाइड करें और फिर प्रत्येक का मिलान करें। आप जान कर हैरान होंगे कि कितना सारा पैसा आपने ऐसे चीजों पर खर्च कर दिया जो जरूरी नहीं थी। क्या कहते हैं एक्सपर्टडाक विभाग के एक्सपर्ट देवव्रत त्रिपाठी के मुताबिक चाहे यूथ हों या फिर प्रौढ़, सबके लिए अनेक सेविंग स्कीम्स हैं। रेकरिंग डिपॉजिट (आरडी) से लगाए मंथली सेविंग स्कीम खूब प्रचलित हैं। इसके लिए युवाओं को इसके लिए आगे आना चाहिए। वहीं एलआईसी एक्सपर्ट की वंदना बताती है कि बच्चे के फ्यूचर प्लानिंग से लगाए हर वर्ग के लोगों के भी सेविंग स्कीम्स हैं।
ऐसे शुरू हुआ वर्ल्ड सेविंग्स डे वर्ल्ड सेविंग्स डे की शुरुआत 31 अक्टूबर 1924 को इटली के शहर मिलान में आयोजित पहली इंटरनेशनल सेविंग्स बैंक कांग्रेस के दौरान हुई। इटैलियन प्रोफेसर फ्लिपो रेविज्जा ने कांग्रेस के अंतिम दिन, इसकी घोषणा की। कोट्स मैं जब छोटी तब से पिगी बैंक का इस्तेमाल करती आ रही हूं। मुझे लगता है इस बिजी शेड्यूल में भी हमें पिगी बैंक का यूज करना चाहिए। ताकि फ्यूचर सिक्योर रह सके। -स्वीटी अग्रवाल क्लास सिक्स्थ से ही मैं पिगी बैंक का इस्तेमाल करता आ रहा हूं। क्योंकि लाइफ में सेविंग बहुत जरूरी है। एक रुपए से मैंने सेविंग शुरू की थी आज मेरे पास हजारों रुपए जमा हो चुके हैं। -सर्वेश दुबे