World Consumer Rights Day 2023 : कंज्यूमर्स को नहीं मिले राइट, तारीख पर तारीख से 3600 हो गई पेंडेंसी
गोरखपुर (ब्यूरो)।गोरखपुर के जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में आने वाले वादों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इसके पीछे की मुख्य वजह यह है कि कंज्यूमर्स में अपने राइट के प्रति जागरुकता आई है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि आयोग में 3600 कंज्यूमर्स के मामले न्याय की उम्मीद में राह देख रहे हैैं। प्रतिदिन आ रहे 6-7 केस
दरअसल, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में कोई भी कंज्यूमर्स सादे पेज पर अपनी शिकायत (वाद) दाखिल कर सकता है। इसके लिए उसे बिना टिकट के एफिडेबिट लगाकर सारे एविडेंस के साथ वह अपनी समस्या को दर्ज करवा सकता है। इसके लिए वह मैनुअल भी शिकायत दर्ज कर सकता है या फिर ई-दाखिल की वेबसाइट पर जाकर भी वाद दाखिल कर सकता है। इस प्रकार प्रतिदिन कुल 6-7 वाद इन दिनों आ रहे हैैं। पेंडेंसी की मुख्य वजह यह बताई जा रही है कि कोरोना पेंडमिक से पहले टीम के सदस्य पर्याप्त नहीं थे। 90 दिन में करना है निस्तारण
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में वाद दाखिल होने के बाद 90 दिन यानी तीन महीने के भीतर कंज्यूमर्स के मामले को निस्तारित कर देना है। लेकिन कंज्यूमर्स के मामले का निस्तारण समय से न करके तारीख पर तारीख पड़ जाने से कंज्यूमर्स के न्याय में देरी होती है, ऐेसे मामले में पेंडेंसी खत्म करने के लिए भी जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग की टीम ने कमर कस ली है।केस वन रजही कैंप क्वॉर्टर नंबर 788 डी की रहने वाली रिंकू पत्नी राजेश यादव ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, गोरखपुर में दिसंबर 2014 को वाद दाखिल किया। वाद ललित नारायाण मिश्र केंद्रीय चिकित्सालय एनई रेलवे में कार्यरत डॉ। तनु वर्मा, चीफ मेडिकल ऑफिसर व एनई रेलवे जीएम के खिलाफ दर्ज दाखिला हुआ था। आरोप इलाज के दौरान रुपए लेन देन का था, लंबी सुनवाई के बाद इस मामले में जब आदेश आया तो डाक्टर के सहयोगी कर्मचारी शशि को लापरवाह पाया गया। परिवादिनी द्वारा चिकित्सा में किए गए व्यय एवं शारीरिक, मानसिक क्षति के लिए उसे 60,000 का प्रतिकर का भुगतान देने का आदेश जारी किया गया। यह आदेश 31 मार्च 2022 को जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष चंद्र प्रकाश अस्थाना, सदस्य कृष्णानंद मिश्र व सुधा उपाध्याय के उपस्थिति में सुनाया गया। केस टू
सिटी के भगत चौराहा तारामंडल निवासी शिखा रंजन पत्नी अमित कुमार ने सितंबर 2017 में वाद दाखिल किया था। वाद आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी, एडी बिल्डिंग बैैंक रोड के ब्रांच मैनेजर, प्रबंधक निदेशक, यूनियन ऑफ इंडिया के चेयरमैन व जनरल मैनेजर और द यूनियन ऑफ इंडिया जनरल मैनेजर, एनई रेलवे के खिलाफ बिहार संपर्क क्रांति ट्रेन के एसी सेकेंड टीयर 9 सामान चोरी के मामले में 2,55,000 रुपए व शारीरिक व आर्थिक क्षति के लिए वाद दाखिल की थी। इस मामले में परिवादिनी को चोरी के सामान चोरी के क्षतिपूर्ति मामले 2,02,040 रुपए व शारीरिक व मानसिक कष्ट तथा आर्थिक क्षति के लिए मांगे गए एक लाख के बदले 60,000 रुपए व दस हजार रुपए क्षतिपूर्ति की धनराशि नियत अवधि के भीतर प्रदान करें। यह आदेश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष चंद्र प्रकाश अस्थाना, सदस्य कृष्णानंद मिश्र की उपस्थिति में 21 अगस्त 2021 में सुनाई गई थी।इन डिपार्टमेंट्स के खिलाफ कंज्यूमर्स कर सकते हैैं वाद दाखिल - सर्विस डिफिसिएंसी - टेलीकॉम - टेक्सटाइल- टूरिज्म - ट्रांसपोर्ट - प्राइवेट - रेलवे - फाइनेंस - फूड एंड बेवरेज- गवर्नमेंट - हाउस होल्ड गुड्स - हाउसिंग - इमिग्रेशन- इंडस्ट्रीयल-कामर्शियल गुड्स एंड सर्विसेज - एयरलाइंस - आटोमोबाइल - बैकिंग - कंज्यूमर - कांट्रैक्ट्स - डिफेक्टिव गुड्स - डोमेस्टिक फ्यूल्स