कोविड कॉल में लॉकडाउन के दौरान लोगों को घर बैठे रुपए कमाने का झांसा देकर ठगी का सिलसिला चल रहा है. वर्क फ्रॉम होम के नाम पर जॉब करने के लालच में पड़कर आप भी जालसाजों के शिकार हो सकते हैं. दिल्ली गुजरात मुंबई सहित कई शहरों में मामले सामने आ चुके हैं. लेकिन गोरखपुर भी अब इन शातिरों की जद में आ गया है. शहर में किसी न किसी को वर्क फ्रॉम होम मैसेज भेजकर रोजाना छह हजार रुपए कमाने का झांसा दिया जा रहा है. साइबर सेल से जुड़े लोगों का कहना है कि इस चक्कर में लोग ठगी के शिकार हो सकते हैं. इसलिए ऐसे मैसेज से काफी सजग रहें. हर महीने तीन से चार शिकायतें क्राइम ब्रांच के साइबर सेल में पहुंच रही हैं.

गोरखपुर (ब्यूरो)। कोरोना संक्रमण काल में जहां तमाम लोगों की जॉब चली गई। वहीं कई कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम शुरू कर दिया। इसका बेजा फायदा उठाते हुए साइबर शातिरों ने

नई चाल चली। वह सबके मोबाइल पर मैसेज भेजकर जॉब देने का झांसा देने लगे। आए दिन ऐसे मैसेज लोगों तक पहुंच रहे हैं। पुलिस का कहना है कि ऐसे मैसेज के लिंक क्लिक

करने से मोबाइल फोन से लिंक अकाउंट से रुपए का ट्रांजेक्शन हो सकता है। मोबाइल फोन को हैक करके जालसाज नुकसान पहुंचा सकते हैं। यदि यह दोनों तरीके नहीं अपनाए गए

तो जालसाज लोगों को नौकरी देने के बहाने ठगी कर सकते हैं। नवंबर माह में दिल्ली में ऐसा गैंग पकड़ा गया था जो लोगों से लाखों रुपए की ठगी कर चुका था। इसलिए ऐसे मैसेज

के चक्कर में पडऩे के बजाय सजग रहें।
फर्जी वेबसाइट पर नौकरी
साइबर सेल और पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि साइबर क्रिमिनल ने तमाम फर्जी वेबसाइट बना ली है। नौकरी दिलाने वाली एजेंसियों से डाटा खरीदकर वह सबको मैसेज करते

हैं। कॉल करके भी संपर्क करते हैं। इसके अलावा कई बार लोग खुद ही इनकी वेबसाइट पर आ जाते हैं। शुरुआत में लोगों आधार, पैन कार्ड और अन्य दस्तावेज मांगा जाता है। इसके

बाद ऑनलाइन ही एक एग्रीमेंट करा लेते हैं। फिर काम का टारगेट देकर काम करवाया जाता है। टारगेट न पूरा होने पर मामूली फाइन भी लगाते हैं। बाद में काम के नाम पर पीडि़त

युवाओं का ऐसा टारगेट दिया जाता था कि जो कभी पूरा नहीं होता है। इसके बाद एग्रीमेंट के नाम पर कोर्ट कचहरी का डर दिखाकर युवाओं से अपने खाते में पांच से 10 हजार, 15

से 20 हजार रुपए तक शातिर मंगाते हैं। यदि कोई आरोपियों को जुर्माने के रुपए देने से इंकार करता है तो फर्जी वकील बनकर उनके पास कॉल करके धमकाया जाता है। उनको कोर्ट

के नोटिस का डर दिखाया जाता है। इसके अलावा शातिरों की टीम दूसरे जगहों से फ्रॉड करके पीडि़त के नाम से खुले अकाउंट में रुपए जमा करती है जिसके बारे में अकाउंट होल्डर

को नहीं होती है।
गोरखपुर में हर महीने से चार से पांच शिकायतें
साइबर सेल से जुडे लोगों ने बताया कि शहर में हर माह चार से पांच शिकायतें आती हैं। हालांकि किसी में ठगी की बात सामने नहीं है। लेकिन मैसेज लोगों तक पहुंच रहे हैं। कोरोना

संक्रमण के पीक में कुछ लोगों से पांच से 10 हजार की ठगी हो चुकी है।
ऐसे बनाते शिकार
- मोबाइल नंबर पर वर्क फ्रॉम होम करके रुपए कमाने का टेक्स्ट मैसेज भेजा जाता है।
- मैसेज पर दिए गए लिंक को क्लिक करने के लिए कहा जाता है।
- वेबसाइट जाकर रजिस्ट्रेशन कराने की बात होती है।
- संबंधित व्यक्ति का आधार कार्ड, पैन कार्ड इत्यादि मांगा जाता है।
- गोपनीय तरीके से शातिर लोगों का एक अकाउंट ओपेन कर देते हैं।
- काम टारगेट न पूरा होने पर प्रताडि़त करके रुपए मांगे जाते हैं।
- कई बार दिए गए लिंक पर ही क्लिक करने पर मोबाइल वालेट से नकदी का ट्रांजेक्शन हो जाता है।
इस तरह के मैसेज लोगों तक पहुंचते हैं। पूर्व में ऐसी कई शिकायतें भी मिली हैं। लोगों से अपील की जाती है कि इस तरह के मैसेज के झांसे में ना आएं। वरना ठगी के शिकार हो

सकते हैं।
- शशिकांत राय, सीसीओ, साइबर सेल

Posted By: Inextlive