महिलाओं ने कमिश्नर की गाड़ी पर फेंका 'मैला'
- कुशीनगर से आई एक महिला नेता और उसकी दो साथियों ने घिनौने तरीके से किया प्रदर्शन
- मुख्य आरोपी महिला पहले भी अधिकारियों के साथ कर चुकी है दुव्यर्वहार GORAKHPUR कमिश्नर ऑफिस में बुधवार की सुबह उस समय अफरातफरी मच गई जब तीन महिलाओं ने शौच का मैला कमिश्नर पी। गुरु प्रसाद की गाड़ी पर फेंक दिया। ऑफिस के पोर्च में जैसे ही कमिश्नर की गाड़ी रुकी, वहां पहले से मौजूद इन महिलाओं ने नारेबाजी करते हुए बेहद घिनौने तरीके से अपने इस विरोध प्रदर्शन को अंजाम दिया। घटना के बाद तीनों महिलाओं को महिला पुलिस की कस्टडी में थाने भेजा दिया गया। मांग क्या है, पता ही नहींकमिश्नर कार्यालय की इस घटना के बारे में रोचक पहलू ये है कि ये महिलाएं ये नहीं बात सकीं कि उनका विरोध किस बात को लेकर था। उनका कहना था कि सभी प्रशासनिक अधिकारी भ्रष्ट है, न्याय नहीं करते, भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, इसी के विरोध में उन्होंने ये कदम उठाया है। आगे अन्य अफसरों को भी वो इसी तरह सबक सिखाएंगी।
पहले दी कर्मचारियों को धमकीकमिश्नर की गाड़ी जैसे ही कैम्पस में घुसी, कुछ कर्मचारियों ने महिलाओं को पोर्टिको से हटाना चाह लेकिन उन्होंने धमकी थी कि उनके पास प्लास्टिक बैग में मैला है और यदि किसी ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो वो उस पर मैला फेंक देंगी। इसके बाद भी उन्हें हटाने की कोशिश हुई तो वह अभद्रता और दुव्यर्वहार पर उतर आई। तब तक कमिश्नर की गाड़ी पोर्टिको पहुंची। तीनों गाड़ी पर बैग फेंक दिया जिससे वहां मौजूद लोगों ने अफरातफरी मच गयी।
पहले भी की है हरकत इस मामले में मुख्य नेतृत्वकर्ता महिला कुशीनगर की निवासी बताई गई है। ये महिला पहले भी कुशीनगर के दो अफसरों के साथ दुर्व्यवहार और अर्नगल आरोप लगाने के मामले में आरोपी है। वह दो बड़े अधिकारियों पर चप्पल भी फेंक चुकी है। वह अपने साथ एक हैंडबिल भी लाई थी जिसमें लिखा था कि अत्याचार, बलात्कार, घूसखोरी, दलाली, पुलिस की गुंडागर्दी, कच्ची दारू आदि अवैध कार्यो में लिप्त अधिकारियों सावधान हो जाओ। ऐसे लोगों को चप्पल और मैला फेंक कर सबक सीखाया जाएगा। मिल चुकी है गुमनाम धमकीकमिश्नर कार्यालय के लोगों की माने तो पिछले दो महीने में कई गुमनाम पत्र कार्यालय को मिले हैं। इन पत्रों में भ्रष्टाचार व अन्याय के खिलाफ अफसरों को चप्पल से मारने की धमकी लिखी रहती थी। सुधर जाने की चेतावनी भी लिखी रहती थी मगर भेजने वाले का नाम नहीं होता था। संभव है कि वो पत्र इसी महिला ने लिखे हों।
घटना बहुत अजीब है और किस बात का विरोध था, यह भी स्पष्ट नहीं है। घटना के दौरान सुरक्षा कर्मियों की लापरवाही भी सामने आई है। पुलिस ने भी मौके पर पहुंचने में देर की। इन लोगों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। -पी। गुरु प्रसाद, कमिश्नर गोरखपुर