-राष्ट्रीय स्तर का कोच बनना है बीना का सपना

-जुनून को बना लिया कॅरियर, 350 महिलाओं को सिखाती हैं ताइक्वांडो

 

GORAKHPUR:

नाम: बीना पासवान

पिता का नाम: पारसनाथ

माता का नाम: फुलवंती देवी

गुरु का नाम: लालदेव यादव

पढ़ाई: बीपीएड गोरखपुर से

आवास: खोराबार रामबरन टोला

ताइक्वांडो में ब्लैक बेल्ट फ‌र्स्टडान

मेडल: नेशनल लेवल में एक गोल्ड, दो ब्रांज

पार्टिसिपेशन:

-ऑल इंटर यूनिवर्सिटी में क्वाटर फाइनल तक

-चेन्नई में ताइक्वांडो नेशनल चैम्यिनशिप ख्009 में

-नेशनल चैम्पियनशिप बाराबंकी में ख्0क्क् में

- ओपेन नेशनल चैम्पियनशिप ख्009 में

 

इस क्षेत्र में ताइक्वांडो प्लेयर एक-दो ही हैं। आज के आठ साल पहले जब मैं यूनिवर्सिटी कैम्पस में प्रशिक्षण लेने आती थी तो अकेली थी। शुरुआती दिनों में मुझे कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। लेकिन जैसे-जैसे मेरे हाथ, पांव चलने लगे मुश्किलें भी मुझसे डरने लगीं फिर मुझे लगा कि क्यों न इसे ही अपना कॅरियर बनाकर हजारों महिलाओं को मुश्किलों से लड़ने की ताकत दी जाए। ये बातें कहीं, सिटी में ताइक्वांडो गुरु के नाम से फेमस बीना पासवान ने। इन दिनों वह करीब आधा दर्जन शिक्षण संस्थाओं की करीब पांच सौ छात्राओं को ताइक्वांडो सिखा रही हैं।

 

माता-पिता, गुरु का सहयोग

लाइक्वांडो प्रशिक्षक बीना पासवान बताती हैं कि बिल्कुल सुबह खोराबार से यूनिवर्सिटी तक प्रैक्टिस करने आने में डेली कमेंट्स का सामना करना पड़ता था। मैं ये सारी बातें अपने माता पिता को बताती थी। कुछ दिनों तक मेरे पिता मुझे छोड़ने आते थे। कुछ ही दिन में आत्मरक्षा की तकनीक सीख चुकी थी। करीब पांच सालों के प्रशिक्षक और प्रशिक्षक बनने में मेरे गुरु ने मेरी काफी मदद की।

 

मिलती है दोहरी खुशी

मैं कस्तूरबा आवासीय महिला विद्यालय और सिटी स्थित पंत पार्क के अलावा कई निजी स्कूलों में ताइक्वांडो का प्रशिक्षण दे रही हूं। इससे हर महीने करीब क्भ् हजार रुपए तक कमाई हो जाती है। हालांकि मैं चाहूं तो ज्यादा फीस लेकर और कमाई कर सकती हूं। लेकिन अलसुबह छात्राओं का घर से निकलकर दूर तक मुझसे ट्रेनिंग लेने आना देख मुझे अच्छा लगता है। उसमें बड़ी संख्या में गरीब छात्राएं भी हैं। इनसे मैं अधिक फीस नहीं लेना चाहती। इससे मुझे कमाई के साथ-साथ आत्मरक्षा की तकनीक से लैस छात्राओं को देखकर खुशी मिलती है।

 

महिला हिंसा में कमी मेरी जीत

बीना ने बताया कि मेरे ट्रेनिंग में आने वाली किसी छात्रा से कोई बदसलूकी नहीं कर सकता, क्योंकि ये छात्राएं आत्मरक्षा की तकनीक से लैस हैं। ये छात्राएं तीन से चार सामान्य लोगों पर भारी पड़ेंगी। मैंने विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं में कई मेडल जीते हैं लेकिन अगर मेरे प्रशिक्षणों से निकलने वाली छात्राओं के कारण अगर कुछ परसेंट भी महिला हिंसा में कमी आती है तो ये मेरी बड़ी जीत होगी।

 

ताइक्वांडो एक हथियार

करीब एक हजार छात्राओं को ताइक्वांडो का प्रशिक्षण दे चुकी बीना ने बताया कि ताइक्वांडो एक ऐसा हथियार है जिससे महिला अबला से सबला बन सकती है। मैं आने वाली जेनरेशन की हर छात्रा अगर इससे लैस हो तो महिलाओं के प्रति हिंसा नाममात्र की रह जाएगी।

Posted By: Inextlive