झाड़-फूंक करने वाली महिला की हथौड़े व चाकू से मारकर हत्या
गोरखपुर (ब्यूरो)। घटना के बाद दोनों महिलाए गांव के बाहर मजार के पास बैठकर झाड़-फूंक कर रही थीं। वारदात को अंजाम देने के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए। सूचना पर आईजी रविंद्र गौड़, एसएसपी डॉ। गौरव ग्रोवर, एसपी नार्थ मनोज कुमार अवस्थी और सीओ मानुष पारिख पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। महिलाएं भी करती हैं झाड़-फूंक जानकारी के अनुसार बैकुंठपुर निवासी गया मौर्या की पत्नी ऊषा देवी ने घर से कुछ दूर खेत मे टीनशेड का छोटा सा मकान बनवाया है। वह वहीं पर झाड़-फूंक करती थीं। उसके साथ उसकी रिश्तेदार खजनी के छपिया निवासी राजकुमार की पत्नी सुनकेशी देवी भी रहती है और झाड़-फूंक में मदद करती है। एक बाइक पर आए दो लोग
लोगों के अनुसार दोनों महिलाएं रोज की तरह रविवार सुबह 7 बजे टीनशेड वाले मकान में पूजा कर रही थीं। तभी एक बाइक से दो लोग आए और महिलाओं से बात करने लगे। कुछ देर बाद युवकों से दोनों महिलाओं का विवाद व हाथापाई होने लगा। इसके बाद दोनो युवकों ने महिलाओं पर ताबड़तोड़ चाकू व हथौड़े से प्रहार कर दिया और फरार हो गए। पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से दोनों को जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां ऊषा देवी की मौत हो गई। वहीं, डॉक्टरों ने घायल सुनकेशी को मेडिकल कॉलेज भेज दिया, जहां उसका इलाज चल रहा है। महिलाओं को सिर व गर्दन पर वार किया गया था। एसएसपी ने क्राइम ब्रांच, चौरीचौरा व झंगहा पुलिस की तीन टीमें हत्या के खुलासे के लिए लगाई हैं। सीसीटीवी की मदद ले रही पुलिसघटना के बाद झंगहा, चौरीचौरा व पिपराइच पुलिस डॉग स्कवाड व फॉरेंसिक टीम के साथ आ गई। खोजी कुत्ते टीनशेड से कुछ दूर बाहर जाकर रुक गए। वहीं, फॉरेंसिक टीम ने खून व अन्य चीजों का सैंपल लिया। पुलिस ने चाकू व हथौड़ा बरामद कर लिया है। पुलिस सर्विलांस व सीसीटीवी की मदद से हत्यारोपियों की तलाश में जुटी है। ऊषा देवी तांत्रिक को मान बैठी थी गुरु
मृत ऊषा को बीमारी थी। उसने पिपराइच इलाके के एक तांत्रिक से पांच वर्ष पहले इलाज कराया। जब उसको खुद की बीमारी से आराम मिला तो उसने उस तांत्रिक को अपना गुरु मान लिया। अपने गांव के बाहर खुद के खेत मे गुरु की स्थली बनाकर पूजा करने लगी। वहीं, झाड़-फूंक कर लोगों का इलाज करने लगी। वह पहले घर में ही झाड़-फूंक करती थी। भीड़ ज्यादा होने पर झाड़-फूंक के काम में ऊषा ने अपने रिश्तेदार सुनकेशी को भी मिला लिया। लोगों के अनुसार दोनों के पास रोज करीब 50 लोगों की भीड़ लगती थी, जो भी लोग आते वे चढ़वा के तौर पर कुछ रुपए देकर चले जाते। 20 से अधिक करते हैं झाड़-फूंक दरअसल, चौरीचौरा के बैकुंठपुर गांव में लंबे समय से झाड़-फूंक का काम होता है। यहां गांव के बाहर सीवान है। आसपास के करीब 20 से अधिक लोग यहां झाड़-फूंक करते हैं। उनका दावा होता है कि वे इसके जरिए हर तरह की समस्या दूर कर देंगे। इसके लिए वे पीडि़तों से मोटी रकम भी वसूल करते हैं। ऐसे में आसपास सहित दूर-दराज के लोग भी यहां अपनी समस्या लेकर पहुंचते हैं। सोमवार और गुरुवार को इसके लिए खास दिन होता है। इन दोनों दिन यहां कुछ ज्यादा ही भीड़ जुटती है। अन्य बिंदुओं पर भी जांचपुलिस झाड़-फूंक सहित अन्य बिंदुओं पर भी जांच कर रही है। पुलिस को शक है कि झाड़-फूंक में बीमारी ठीक न होने पर ऊषा की हत्या की गई होगी। बीच बचाव करने आई सुनकेशी को भी हमलावरों ने मार दिया होगा। वहीं पुलिस दोनों महिलाओं की पुरानी रंजिश व आशनाई में हत्या के बिंदु पर भी जांच कर रही है।
बदमाशों के हमले में एक महिला की मौत हो गई है। दूसरी गंभीर रूप से घायल है। सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस की मदद से हमलावरों की तलाश की जा रही है। जल्द ही पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। - मनोज कुमार अवस्थी, एसपी नार्थ