बनारस से गोरखपुर आ रही जनरथ एसी बस बुधवार को जलकर खाक हो गई. बस में सवार सभी 42 जिंदगियां बच गईं लेकिन उनका जरूरी सामान नहीं जला.


गोरखपुर (ब्यूरो)।आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई गई और इलेक्ट्रिक इंचार्ज को सस्पेंड भी कर दिया गया, पर आगजनी की इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए। इन्हीं सवालों पर गुरुवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने रियलिटी चेक किया तो चौंकाने वाले तथ्य पर सामने आए। बसों में मौजूद ड्राइवर, कंडक्टर ने बताया कि जुगाड़ के सहारे रोडवेज की बसें चल रही हैं। एसी बसों में इलेक्ट्रिक वायर खुले पड़े हैं और फायर इक्विपमेंट का तो पता ही नहीं है। ड्राइविंग सीट के पास झूल रहे तार


राप्तीनगर बस स्टेशन में जनरथ एसी बस (यूपी53डीटी4784) सवारी बैठा रही थी। बस के अंदर पड़ताल में ड्राइवर सीट के ऊपर और आसपास इलेक्ट्रिक वायर खुले मिले। बस में अंदर से कई जगहों पर वायरिंग पूरी तरह से जर्जर है। एसी बस के कई पंखे भी काम नहीं कर रहे थे। स्विच गायब थे और कटे तार लटकते नजर आए। इस संबंध में ड्राइवर रामपाल ने बताया, मेंटेनेंस के लिए बार-बार कंप्लेन की जाती है, लेकिन जैसे-तैसे बसों को सड़क पर उतार कर संचालित किया जा रहा है। कभी-कभी तो रास्ते में चलते ही बंद हो जाती है। इसका पैसेंजर विरोध भी करते हैं। अग्निशमन यंत्र की हालत खस्ता

राप्तीनगर डिपो की बस (यूपी53डीटी4781) में इलेक्ट्रिक वायर बाहर लटकते हुए दिखाई दिए। ड्राइवर की सीट के बगल में इंजन के पास लगे वायरों में टेपिंग तक नहीं की गई थी। इतना ही नहीं सुरक्षा की दृष्टि से अग्निशमन यंत्र की भी हालत खस्ता नजर आई। 40 साल से बस चला रहे ड्राइवर उग्रसेन ने बताया, इस समय जनरथ एसी बसों की कंडीशन काफी खराब है। एसी के नाम पर किसी तरह से इसे दौड़ाया जा रहा है। ज्यादातर बसें सात से आठ साल की उम्र पूरी कर चुकी हैं। मेंटेनेंस के नाम पर खानापूर्ति की जाती है। कंप्लेन के बाद भी पैसेंजर्स की सुविधा की तरफ ध्यान नहीं दिया जाता है। वहीं, नॉन एसी बस यूपी65सीटी1898) का भी यही हाल रहा। जुगाड़ से बज रहा हार्न एसी बस में जुगाड़ से हार्न बजता है। ड्राइविंग सीट के बगल में एल्युमीनियम की पत्ती से हार्न बजाने का तरीका अख्तियार किया गया था। रिपोर्टर ने जब ड्राइवर से इसके बारे में पूछा तो उसे हार्न बजाकर दिखाया। इतना ही नहीं ड्राइवर ईंटा लगाकर काम चलाऊ जुगाड़ बना रखे हैं। रोडवेज बसों में खतरे के टायर

गोरखपुर रोडवेज की बसों में पैसेंजर्स की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। कई बसों का पिछला टायर खतरनाक स्थिति में है। रोडवेज सूत्रों के अनुसार सभी बसों में नए टायर लगना संभव नहीं है। नए टायर की कीमत ज्यादा होने के कारण टायरों को रिट्रेड किया जाता है। यानी कि एक बार घिस जाने के बाद टायरों के फिर से रबड़ चढ़ाई जाती है। पहले भी आगजनी का शिकार हुईं बसें केस 111 दिसंबर 2022 रोडवेज की बस कानपुर से लखनऊ जा रही थी। बंथरा थाना एरिया में चलती बस में आग लग गई। बस में करीब चार दर्जन लोग सवार थे। स्थानीय लोगों की मदद से सभी पैसेंजर्स को बाहर निकाला गया। केस 27 नवंबर 2022 को हाथरस में एक चलती हुई रोडवेज बस में आग लग गई, जिसके बाद अफरा-तफरी मच गई। यह हादसा तब हुआ जब दिल्ली के आनंद विहार से पैसेंजर लेकर बस एटा डिपो जा रही थी.बस में धुआं उठते देख पैसेंजर्स ने किसी तरह से बस से कूदकर अपनी जान बचाई। केस 3
12 दिसंबर 2022 बांदा के बबेरू जा रही रोडवेज बस में अचानक आग लगने से पैसेंजर्स में हड़कंप मच गया। घटना के समय बस में करीब 30 पैसेंजर मौजूद थे। लेकिन ड्राइवर की सूझबुझ के चलते सभी पैसेंजर बाल बाल बच गए। बस जर्जर होने की वजह से आग लग गई। बस में आग लगने के मुख्य कारण 1. बस के इंजन के ऊपर व आसपास डीजल, इंजन ऑयल, स्टैयरिंग ऑयल आदि, समय के साथ जमा होता रहता है। यह ज्वलनशील परत बन जाती है। जिस पर किसी भी छोटी चिंगारी से आग लग सकती है। 2. यदि सेल्फ स्टार्टर ठीक कार्य नहीं कर रहा है तो स्टार्ट करते समय सेल्फ से चिंगारी व स्पार्किंग होती है, जिससे आग लगने की आशंका रहती है। 3. पुराने वाहनों में वायरिंग अच्छी दशा में न होने के कारण शॉर्ट सर्किट से आग लग सकती है।4. बैंक कम्प्रेशन इंजन में जो इंजन ऑयल की गर्म गैस निकलती है। वह किसी भी चिंगारी के संपर्क में आने पर आग लगने का कारण बन सकती हैं। 5. वाहन का एग्जास्ट व साइलेंसर सिस्टम प्रॉपर नहीं है तो यह भी आग लगने का कारण बन सकता है।6. वाहनों में फ्यूज वायर यदि ठीक दशा में नहीं हैं तो यह भी आग लगने का करण बन सकते हंै।7. बैट्री टर्मिनल लूज होने व बैट्री केबिल डैमेज होने एवं बैट्री से अतिरिक्त कनेक्शन होने की दशा में भी स्पार्किंग से आग लग सकती है।
8. अचानक टायर फटने से भी आग लगने की संभावना होती है।9. वाहन में ज्वलनशील पदार्थ लोड होने पर वह किसी भी छोटी सी चिंगारी के संपर्क में आने से आग का कारण बन सकता है।10. बस में पैसेंजर्स द्वारा व कभी-कभी क्रू द्वारा बीड़ी, सिगरेट इत्यादि का प्रयोग किया जाता है। तो यह भी आग का कारण बन सकता है।11. बस के बोनट में लगा फाइबर और फोम पुराना होने पर फट जाने के कारण इधर-उधर लटकता है, जिससे आग लगने की आशंका रहती है। एसी बस का किराया लिया जाता है, लेकिन सुविधा नहीं मिलती है। अब तो आग लगने की घटना से डर लगता है। पैसेंजर्स की सुविधाओं पर रोडवेज के जिम्मेदारों को ध्यान देना चाहिए। माजिद अली, बड़हलगंज जनरथ एसी बस पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। मोबाइल चार्जिंग से लेकर अन्य सुविधाएं तक नहीं मिलती हैं। एसी तो दूर पंखा तक काम नहीं करता है। इलेक्ट्रिक वायर खुले रहते हैं। कंप्लेन के बाद भी कोई ध्यान नहीं देता है। अनिल कुमार, आजमगढ़ राप्तीनगर वर्कशॉप से निकलने वाली प्रत्येक बस की फिटनेस जांचने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। खुले हुए वायरों की टेपिंग के लिए कहा है। किसी भी अनफिट बस को सड़क पर नहीं उतारा जाएगा। धनजी राम, एसएम गोरखपुर रीजन जनरथ एसी बस की होगी फॉरेंसिक जांच वाराणसी से गोरखपुर आ रही जनरथ एसी बस में आग लगने की घटना के बाद रोडवेज प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। गोरखपुर रीजन के एसएम धनजी राम ने बताया कि बस की फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी। वहीं, फोरमैन के खिलाफ कार्रवाई के लिए मुख्यालय को पत्र लिखा गया है। पत्र आने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

Posted By: Inextlive