बक्शीपुर में तार ही खा जा रहे हैं बिजली
- कई साल से नहीं बदले गए बिजली के तार
- तार न बदलने से अक्सर हो जाता है फॉल्ट - फॉल्ट के बाद घंटों गुल रहती है बिजलीGORAKHPUR: सिटी के सबसे पुराने हिस्से बक्शीपुर के लोगों को आज भी डेली एक से डेढ़ घंटे तक एक्स्ट्रा बिजली कटौती की मार झेलनी पड़ती है। हालत यह है कि पिछले 20 साल से पुराने तारों से ही बिजली सप्लाई हो रही है। बक्शीपुर एरिया में लगे 90 प्रतिशत ट्रांसफॉर्मर ओवरलोडेड हो चुके हैं। इसका खामियाजा पब्लिक को भुगतना पड़ रहा है। गोरखपुर के इतिहास को देखें तो आजादी के बाद शहर के आधे हिस्से में यहीं से उजाला हुआ करता था। लेकिन वर्तमान में बक्शीपुर एरिया में पूरे साल लो वोल्टेज, लोकल फॉल्ट और एक्स्ट्रा बिजली कटौती का सिलसिला बना रहता है। पिछले तीन साल से बक्शीपुर में 20 प्रतिशत कंज्यूमर्स बढ़े हैं, लेकिन सब-स्टेशन की क्षमता आज तक नहीं बढ़ाई गई है।
यहां से शुरू होती है प्रॉब्लमबक्शीपुर एरिया में बिजली न मिलने के कारण समय से ट्यूबवेल नहीं चल पाता है। बिजली न मिलने के चलते इस एरिया में लगे छोटे-छोटे उद्योग पूरी तरह से ठप हो गए हैं। रात को स्ट्रीट लाइट्स बंद रहती हैं। इस कारण अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं। वक्त पर बिजली न मिल पाने के चलते लोगों का रूटीन ही गड़बड़ा जाता है।
जबर्दस्त ओवरलोडिंग बिजली विभाग के आंकड़ों में बक्शीपुर एरिया में पिछले 20 साल से तार बदले गए ही नहीं गए हैं। इसका परिणाम यह होता है कि बिजली की मांग बढ़ते ही लोकल फॉल्ट शुरू हो जाता है। जुलाई माह में बक्शीपुर सब स्टेशन पर छह बार पब्लिक ने आंदोलन किया था। बिजली विभाग ने एक साल पहले एक सर्वे कराया था। इसमें बक्शीपुर सब-स्टेशन के 80 प्रतिशत ट्रांसफॉर्मर ओवरलोड होने की बात कही गई थी, लेकिन अभी तक मात्र 20 प्रतिशत ही ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ाई गई है। यही नहीं ट्रांसफॉर्मर पर जाली नहीं होने से यह काफी रिस्की है। बक्शीपुर में बिजली की प्रॉब्लम पूरे साल बनी रहती है। कई बार बिजली विभाग को कंप्लेन किया गया। जवाब मिलता है कि जल्द ही सही करा दिया जाएगा, लेकिन होता कुछ नहीं है। यहां की बिजली की प्रॉब्लम को लेकर कोई भी जनप्रतिनिधि कभी बोलता नहीं है। -सैय्यद उमैर अख्तर, मंडल अध्यक्ष पीस पार्टीजनप्रतिनिधियों और अफसरों की लापरवाही का खामियाजा दीवान बाजार एरिया की जनता भुगत रही है। कभी तार टूट जाते हैं, ट्रांसफॉर्मर जल जाते हैं। लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधि यहां की पब्लिक के लिए बोलने को तैयार नहीं होता है। पब्लिक जब आंदोलन करती है तो जनप्रतिनिधि गायब हो जाते हैं।
-मोहम्मद अख्तर, रहवासी दीवान बाजार की पूरी व्यवस्था फेल हो चुकी है। सड़क, बिजली और पानी की पूरी व्यवस्था फेल हो चुकी है। तार टूटते रहते हैं, सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई है। हफ्ते में दो दिन लोगों के घरों में गंदा पानी सप्लाई होता है, लेकिन जनता की सुध लेने वाला कोई नहीं है। -मोहम्मद तालिब, रहवासी बिजली न होने के कारण पूरा व्यापार ही चौपट होने के कगार पर पहुंच गया। कई बार तो चौराहे पर पोल से चिंगारी निकलने लगती है, जिसके कारण लोगों को भगड़द मच जाती है। इसके बाद पूरे समय एक भी कस्टमर दुकान पर नहीं आता है। -सुधीर मौर्या, दुकानदार बिजली न होने के कारण कई बार घर के काम का पूरा शेडयूल ही खराब हो जाता है। सुबह उठे तो पता चलता है कि बिजली नहीं है और टंकी में पानी ही नहीं है। जिसके कारण ऑफिस जाने में विलंब हो जाता है। -संतोष कुमार, रहवासी