मकड़ी का जाल नहीं यह बिजली के तार हैं
- बेसिक शिक्षा कार्यालय के लेखा विभाग में इलेक्ट्रिक मकड़ जाल से घिरे जिम्मेदार
- बजट के अभाव में नहीं निकल पा रहे इलेक्ट्रिक वायर GORAKHPUR: बेसिक शिक्षा कार्यालय में मकड़ी का ऐसा जाल है, जो मकड़ी ने नहीं बल्कि यहां के जिम्मेदारों ने बना रखा है। यह जाल इलेक्ट्रिक वायर से बना हुआ है। दरवाजे से सटा यह हाईटेंशन मकड़जाल अब लोगों को टेंशन देने लगा है। जिम्मेदार सबकुछ जानकर भी अंजान बने हुए हैं और किसी बड़े हादसे को दावत दे रहे हैं। इलेक्ट्रिक वायर से घिरे हैं अफसरप्राइमरी एजुकेशन पूरा लेखा जोखा बेसिक शिक्षा कार्यालय से होता है। एंट्री के बाद ही इलेक्ट्रिक वायर से घिरे इस मकड़जाल से विभागीय अफसर और कर्मचारी घिरे हुए हैं। बावजूद इसके जिम्मेदारों ने अब तक इसे हटाने की जहमत तक गवारा नहीं की। इसकी वजह से कर्मचारी से लेकर आने वाले टीचर्स और स्टूडेंट्स भी डरे सहमे यहां पहुंचते हैं। कर्मचारियों की मानें तो उलझे इलेक्ट्रिक वायर को लेकर कई बार जिम्मेदार अफसरों से शिकायत भी की, लेकिन खुद तारों से घिरे होने के बाद भी उन्होंने कोई एक्शन नहीं लिया।
दस साल पहले हुआ था बर्स्टबेसिक शिक्षा विभाग में स्थित लेखा विभाग के लेखाधिकारी आलोक राय बताते हैं कि दस साल पहले इस कार्यालय में इलेक्ट्रिक बर्स्ट हो गया था। जिसके कारण पूरी वायरिंग ही जल गई थी। इसकी वजह से कर्मचारियों को काम करने में असुविधा को देखते हुए टेंप्रेरी वायरिंग कराई गई, लेकिन उसके बाद उसे ठीक कराने की किसी ने कोशिश भी नहीं की। इसकी वजह से तारों का मकड़जाल सा बन गया है। उलझे हुए वायर को प्रॉपर कराने के लिए उच्चाधिकारियों से कई बार बजट की डिमांड की गई, लेकिन बजट न मिलने से काम नहीं हो सका।
संजीदा नजर नहीं आते जिम्मेदार बेसिक शिक्षा कार्यालय में कुछ कर्मचारियों का यह भी तर्क है कि बजट आता भी है तो जिम्मेदार वायरिंग को लेकर संजीदा नजर नहीं हैं। जिम्मेदार उस फंड को किसी अन्य मद में खर्च कर दिए जाते हैं। जबकि इन उलझे तार से काफी डर रहता है। कर्मचारियों का कहना है कि इन खुले तारों की वजह से कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है, जिससे यहां रखे जरूरी डॉक्युमेंट्स भी जलकर खाक हो सकते हैं।इलेक्ट्रिक वायर को ठीक कराने के लिए इलेक्ट्रिशियन को बुलाया गया है। लेकिन अभी तक आया नहीं है। बजट के अभाव में इलेक्ट्रिक वायर उलझे हुए हैं। बजट आने के बाद ही कुछ हो सकता है।
आलोक राय, लेखाधिकारी, बीएसए ऑफिस