सिक्का उछालकर तय हुआ प्रत्याशियों का भविष्य
- कई वार्ड में टाई रहा मुकाबला, टॉस कर हुआ विजेता का फैसला
GORAKHPUR : चुनाव में किस्मत भी मायने रखती है। कौड़ीराम ब्लाक के भलुआन में परिणाम टाई हो जाने के कारण सिक्का उछाल कर दो कैंडिडेट्स के भाग्य का फैसला किया गया। वार्ड 42 में बीडीसी प्रत्याशी गजनू और राजेश को 223-223 वोट मिले। आरओ धीरेन्द्र मिश्र ने प्रत्याशियों से सहमति पत्र लिया। उन्होंने वार्ड नंबर 42 के लिए सिक्का उछाला जिसमें तीनों बार राजेश विजयी रहे। वार्ड संख्या 04 में देवरीश देवी और शान्ति देवी को बराबर 176-176 मत प्राप्त हुए। फैसले के लिए सीओ राधेश्याम राय ने तीन बार सिक्का उछाला। जिसमें देवरीश देवी विजयी घोषित की गई। सहजनवां ब्लाक के वार्ड नंबर 24 में दो प्रत्याशियों को बराबर मत मिले। बीडीसी प्रत्याशी रामचंदर और विनोद 123-123 वोट मिले। फैसला न होने के कारण आरओ ने बताया कि रिजल्ट से डीएम को अवगत करा दिया गया है। वहां से जैसा निर्देश आएगा, वैसा किया जायेगा। बड़हलगंज ब्लॉक के वार्ड नंबर 58 की बीडीसी प्रत्याशी गोदावरी और ममता 248-248 वोट पाकर बराबर रहीं। जिसमें लाटरी निकालने पर गोदावरी के नाम का पर्चा निकला।
तीन में फंसा पेंचगगहा ब्लाक के वार्ड 92 में घेवरपार में बीडीसी के तीन प्रत्यशियों को बराबर वोट मिले। मतगणना का परिणाम आया तो केसा देवी, विंद्रवती देवी कंचन देवी को 163-163 वोट मिले। जिसको लेकर काफी देर तक असमंजस की स्थिति बनी रही। करीब दो घंटे बाद डीएम ने यहां रिकाउंटिंग का निर्देश दिया। देर रात तक इस वार्ड की काउंटिंग जारी थी।
इन पर रही विशेष नजर जिला पंचायत सदस्य के कुछ कैंडिडेट्स रुझानों को जानने की कोशिश करते नजर आए। बेलघाट ब्लॉक के वार्ड नं। 47 पर गोरखपुर ग्रामीण के विधायक विजय बहादुर यादव के भाई अजय बहादुर यादव अपने प्रतिद्वंद्वियों पर लगातार बड़ी बढ़त बनाए रहे। पिपराइच के वार्ड नंबर तीन से जितेंद्र जायसवाल उर्फ पप्पू जायसवाल के बेटे विवेक जायसवाल पर भाजपा के बागी कैंडिडेट्स रामदबन यादव पर बढ़त बनाए रहे। वहीं वार्ड नंबर चार से निर्मला पासवान, सुभाष भारती से लगातार पीछे रहीं। बड़हलगंज ब्लॉक के वार्ड नं। 48 से सपा नेता श्याम नरायण यादव अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी पूर्व मंत्री रामभुआल निषाद के भाई मनोज निषाद से बढ़त बनाए रहे। कौड़ीराम ब्लॉक के वार्ड के 61 में विनोद वर्मा अपने प्रतिद्वंद्वी से करीब 600 वोट से आगे चल रहे थे।