कौन गंदा कर रहा है शहर?
- होर्डिग्स में छुपकर रह जा रही है शहर की खूबसूरती
- नगर निगम के जिम्मेदारों की लापरवाही से हो रहा खेल ------ नंबर गेम 608 होर्डिग्स लगाने की है परमिशन 4000 होर्डिग्स कुल लगी हुई हैं शहर में GORAKHPUR: फर्ज कीजिए कि आप किसी दूसरे शहर से आए अपने परिचित को गोरखपुर शहर दिखाने लेकर निकले। शहर देखने के बाद उसके मुंह से निकले कि आपके शहर में क्या देखें? हर तरफ तो बस होर्डिग्स ही लगी हैं। जीहां, अपने शहर की यही हकीकत है। चौराहों और सड़कों के किनारे तितर-बितर लगी होर्डिग्स पूरे शहर को बदसूरत कर रही हैं। लेकिन किसी की नजर इस तरफ नहीं जा रही है। जिम्मेदार चुप हैं और नेता जी जहां चाहते हैं वहीं होर्डिग्स में टंग जाते हैं। करीब 4000 हजार होर्डिग्स अवैधशहर में कुल मिलाकर करीब 4 हजार अवैध होर्डिग्स लगी हुई हैं। इसमें छोटे होर्डिग्स की संख्या सबसे ज्यादा है। नगर निगम होर्डिग विभाग के मुताबिक छोटी होर्डिग्स का प्रति माह 500 रुपए किराया है। छोटे आकार कुल 2500 होर्डिग्स शहर में लगी हैं। अगर इससे नगर निगम को पैसा मिलने लगे तो प्रति माह लगभग 12 लाख रुपए का राजस्व मिलेगा।
केवल 608 होर्डिग्स हैं वैधनगर निगम के मुताबिक शहर में केवल 608 होर्डिग्स लगाने की इजाजत है। लेकिन अगर हकीकत में देखें तो शहर का कोई ऐसा चौराहा नहीं है जहां पर होर्डिग्स न लगी हों। गोलघर से लेकर मोहद्दीपुर और गोरखनाथ और नौसड़ एरिया होर्डिग्स से पटे पड़े हैं। कई बार तो समझ में ही नहीं आता कि किस जगह पर खड़े हैं।
यह है वैध स्थान - शास्त्री चौक से बेतियाहाता - हरिओम नगर से पीडब्ल्यूडी आफिस - यूनिवसिटी चौराहा से छात्रसंघ और गणेश चौराहा - धर्मशाला बाजार से गोरखनाथ होते हुए बदगदवां - गोलघर काली मंदिर से मेडिकल कालेज - विजय चौक - जुबिली इंटर कॉलेज के सामने - टाउनहाल और कचहरी चौराहा - रुस्तमपुर से टीपी नगर होते हुए नौसड़ - देवरिया बाइपास और पैड़लेगंज चौराहा - मोहद्दीपुर चौराहा, कूड़ाघाट तिराहा यहां प्रतिबंधित है होर्डिग्स - गोलघर - सिनेमा रोड - मोहद्दीपुर - गिरधरगंज मार्केट - नंदानगर - बक्शीपुर