उफ! ये सर्द मौसम और बारिश की जुगलबंदी
-पुरवइया ने बढ़ाई गोरखपुराइट्स के लिए मुसीबत
- सैटर्डे नाइट से रुक-रुक कर हो रही बूंदा-बांदी ने बदला मौसम का मिजाज - पारा और नीचे जाने के चासेंज बढ़े, आगे और सताएगी ठंड GORAKHPUR : मौसम का तेवर दिन-ब-दिन तल्ख होता जा रहा है। एक तरफ जहां टेंप्रेचर में लगातार गिरावट हो रही है, वहीं गलन बढ़ने का सिलसिला भी जारी है। इस बीच सैटर्डे नाइट से शुरू हुई बूंदा-बांदी ने लोगों की मुसीबत बढ़ा दी है। ऊपर से पूर्वी दिशा से बह रही हवाओं ने इस असर को दोगुना कर दिया है। मौसम के इस रुख से टेंप्रेचर डिफरेंस लगातार कम होता जा रहा है, जिससे ठंडक का असर लगातार बढ़ना शुरू हो गया है। बारिश के असर से आफत बनी हवामौसम की सख्ती यूं तो काफी दिनों से गोरखपुराइट्स को परेशान कर रही थी, मगर सैटर्डे नाइट स्टार्ट हुई बारिश ने रही सही कसर पूरी कर दी। सर्द मौसम और बारिश की जुगलबंदी लोगों के लिए आफत साबित हुई। इससे जहां ठिठुरन में इजाफा हो गया, वहीं सर्द हवाओं के साथ बारिश ने लोगों को घरों में कैद कर दिया। छुट्टियां होने की वजह से लोग घरों में ही दुबके रहे और घर में ही ब्लोअर और अंगीठी के सामने उनका पूरा दिन बीत गया।
आगे और सताएगी ठंड
मौसम की सख्ती का असर अब यूं ही जारी रहेगा। मौसम एक्सपर्ट्स की मानें तो अब पारे में गिरावट का सिलसिला कुछ दिनों तक तो थमने वाला नहीं है। टेंप्रेचर धीरे-धीरे ही सही, लेकिन गिरता ही जाएगा। आने वाले दो-तीन दिनों में मैक्सिमम टेंप्रेचर में तो कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा, मगर मिनिमम टेंप्रेचर में ख् से फ् डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज होने की उम्मीद है। इससे गलन बढ़नी तय है। आगे कोहरा भी करेगा परेशान जिस तरह से मौसम का रुख है, उससे गोरखपुराइट्स को आगे राहत मिलने की उम्मीद कम है। मौसम एक्सपर्ट्स की मानें तो मंडे को तो धूप के दर्शन होंगे, लेकिन उसके बाद सूरज का दिखना काफी मुश्किल है। मौसम विभाग ने मंडे से सैटर्डे तक का प्रिडिक्शन जारी किया है, जिसमें मंडे को तो आसमान क्लीयर रहने की बात कही गई है। वहीं बाकी दिन बदली के साथ ही घना कोहरा रहने के आसार हैं। ञ्जश्रस्त्रड्डब् - रूड्डफ्द्बद्वह्वद्व ञ्जद्गद्वश्चद्गह्मड्डह्लह्वह्मद्ग 18.8 रूद्बठ्ठद्बद्वह्वद्व ञ्जद्गद्वश्चद्गह्मड्डह्लह्वह्मद्ग 14.7 क्त्रड्डद्बठ्ठद्घड्डद्यद्य (द्वद्व) 02.7 ष्ठड्डह्लद्ग रूड्डफ्द्बद्वह्वद्व रूद्बठ्ठद्बद्वह्वद्व 10 ष्ठद्गष् 21.4 13.8 11 ष्ठद्गष् 16.4 12.1 12 ष्ठद्गष् 19.2 13.0 13 ष्ठद्गष् 21.8 05.3 14 ष्ठद्गष् 18.8 14.7 क्कह्मद्गस्त्रद्बष्ह्लद्बश्रठ्ठ - ष्ठड्डह्लद्ग ञ्जद्गद्वश्चद्गह्मड्डह्लह्वह्मद्ग स्नश्रह्मद्गष्ड्डह्यह्ल रूद्बठ्ठद्बद्वह्वद्व रूड्डफ्द्बद्वह्वद्व 15 ष्ठद्गष् 11 23 ष्टद्यद्गड्डह्म स्द्मब् 16 ष्ठद्गष् 10 24 स्नश्रद्द 17 ष्ठद्गष् 10 25 स्नश्रद्द 18 ष्ठद्गष् 9 25 स्नश्रद्द 19 ष्ठद्गष् 8 24 स्नश्रद्द 20 ष्ठद्गष् 8 24 स्नश्रद्द