जलकल के भरोसे चल रही जिंदगी की गाड़ी
- लगातार गिर रहा है वॉटर लेवल, हैंडपंप में सूखने लगा है पानी
- जानकारों का मानना कि शहर के बहुत बड़े हिस्से में आना वाला है जल संकटGORAKHPUR: शहर में पानी का संकट खड़ा हो गया है। शनिवार को शहर के दो एरिया में हुए पानी के आंदोलन को अफसर भले ही हल्के में ले रहे हैं, लेकिन इन शहर के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। शहर के जिस एरिया में लोग अपने हैंडपंप से नहाते थे और कपड़े धोते थे, आज उन इलाकों में हैंडपंप सूख चुके हैं। अब इन इलाकों के लोग पानी के लिए पाइप लाइन पर निर्भर हो चुके हैं। उनकी जिंदगी की गाड़ी जलकल की पाइप लाइन के भरोसे चलने लगी है। अगर इसने जरा सा भी धोखा दिया, तो शहर को पानी की जबरदस्त किल्लत का सामना करना पड़ सकता है। शहर के लगभग दो दर्जन ऐसे मोहल्ले हैं जहां 50 फीट पर लगे हैंडपंप सूख गए हैं।
रिबोर की राह देख रहे 800 पंपशहर में भूमिगत पानी सप्लाई का लेवल लगातार गिरता जा रहा है। यह कोई और नहीं बल्कि जलकल के आंकड़े बता रहे हैं। पिछले डेढ़ साल में जलकल के पास पार्षदों और पब्लिक ने कंप्लेन की झड़ी लगा दी है। जलकल के आंकड़ों पर नजर डाले तो हैंडपंप से रिलेटेड करीब 1200 कंप्लेन विभाग को मिली हैं। इनमें से करीब आठ सौ कंप्लेन ऐसी हैं जिसमें हैंडपंप को रिबोर किया जाना है। इन हैंडपंपों से पब्लिक को एक बूंद पानी भी नसीब नहीं हो रहा है। यह सभी कंप्लेन अब तक पेंडिंग पड़ी हुई हैं।
यह संकट का संकेत है शहर के सूखते हैंडपंपों की कंप्लेन का नगर निगम के अफसर भले ही एक पब्लिक प्रॉब्लम मान रहे हैं, लेकिन भूगर्भ शास्त्री इसे संकट का संकेत मान रहे हैं। भूगोल शास्त्री नरेंद्र कुमार राना का कहना है कि पूरे गोरखपुर में 40 से 60 फीट पर लगे हैंडपंप से एक बाल्टी पानी दो मिनट में भर लेते थे, अब उस बाल्टी को भरने में दस मिनट लग जा रहे हैं। वहीं कई ऐसे एरिया हैं जहां इस लेवल पर पानी आ रहा है, लेकिन कई ऐसे भी एरिया हैं जहां 100 फीट पर लगे हैंडपंप ने भी पानी देना बंद कर दिया है। नदी किनारे गिर रहा जलस्तरनदियों और तालों से घिरे महानगर में पानी संकट का संकेत मिलने लगा है। पिछले कुछ सालों के जल स्तर के आंकड़ों पर नजर डाले तो शहर के राप्तीनदी के किनारे वाले जो भी इलाके हैं, वहां भू-जल स्तर में काफी गिरवाट आई है। वहीं रामगढ़ताल के किनारे वाले इलाकों में अभी भूजल स्तर का लेवल बरकरार है। जलकल के आंकड़ों पर निगाह डालें तो राप्तीनदी के किनारे बसे नौसढ़ और सूरजकुंड में भूजल स्तर 150 फीट पहुंच चुका है। जबकि रामगढ़ताल के किनारे बिछिया और मोहद्दीपुर में आज भी 40 से 60 फीट पर पानी आ रहा है।
कुछ इस तरह से गिरा वाटर लेवल एरिया वाटर लेवल (2010) वाटर लेवल (2015) रुस्तमपुर 40 80 रेती 30 100सूरजकुंड 30 100
गोरखनाथ 35 120 राप्तीनगर 40 150 पादरी बाजार 45 60 बिछिया 25 25 मोहद्दीपुर 20 20कूड़ाघाट 25 25
बक्शीपुर 30 40 शहर के कुछ एरिया में भू-जल स्तर में गिरावट आ रही है, हालांकि अभी भी शहर के एक बहुत बड़े हिस्से में पानी का लेवल ठीक है। जहां भू-जल स्तर गिर रहा है, तो आने वाले दिनों में यह पूरे शहर को अपनी चपेट में ले लेगा। नरेंद्र कुमार राना, असिस्टेंट प्रोफेसर, भूगोल, गोरखपुर विश्वविद्यालय