वॉटर कैनन सैल्यूट से कुशीनगर में लैंडिंग, विकास के रनवे से दिल्ली के लिए टेकऑफ
गोरखपुर (ब्यूरो।) दिल्ली से कुशीनगर आने वाली स्पाइसजेट की पहली शेड्यूल यात्री फ्लाइट विजिबिल्टी के कारण 56 मिनट विलंब से उड़ी। कुशीनगर पहुंचने के नियत समय 1.35 बजे की जगह 2 बजकर 18 मिनट पर 73 यात्रियों के साथ लैंड की। कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर वाटर कैनन सैल्यूट से वेलकम किया गया। पैसेंजर्स का सांसद, विधायक, एयरपोर्ट व विमानन कंपनी के अधिकारियों ने फूल व बुके देकर वेलकम किया। सेफ्टी के प्वाइंट ऑफ व्यू को लेकर भी व्यापक इंतजाम किए गए थे।माननीय ने किया पैसेंजर्स का वेलकम
बता दें, कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर जैसे ही आसमान में विमान की आवाज सुनाई दी, वाटर कैनन सैल्यूट से वेलकम करने में लगी टीम एक्टिव हो गई। वेलकम के बाद यात्री बाहर उतरना शुरू किए तो उनके वेलकम का क्रम शुरू हो गया। सांसद विजय कुमार दुबे, विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने जहाज से सबसे पहले उतरने वाले भाजपा नेता पीएन पाठक व दिल्ली से यात्रा करने वाले पहले यात्री सेवानिवृत्त एआरटीओ अजय त्रिपाठी का बुके देकर वेलकम किया। एयरपोर्ट निदेशक एके द्विवेदी ने फूल देकर अन्य यात्रियों का वेलकम किया। यह सिलसिला दस मिनट तक चला। कुशीनगर व बिहार के ज्यादा थे पैसेंजर्स
वहीं, पैसेंजर्स में सर्वाधिक कुशीनगर व पड़ोसी राज्य बिहार के जिले के लोग शामिल रहे। लोटस ग्रुप के एमडी आरके राय भी इस यात्रा में शामिल हुए। पायलट कैप्टन प्रमोद मलिक, सह पायलट संजीव टंडन व क्रू मेंबर तेंजिन तेस्गा, रक्षा यादव मौजूद रहे। एयरपोर्ट पर उतरने वाले सभी पैसेंजर्स के चेहरे पर खुशी का भाव दिखा तो एयरपोर्ट पर उल्लास का माहौल। सकुशल लैंडिंग पर विमान के सभी स्टाफ को सांसद व एयरपोर्ट की पूरी टीम ने धन्यवाद दिया। पैसेंजर्स ने कुशीनगर एयरपोर्ट के लिए शुरू हुई इस घरेलू उड़ान को राहत व सुविधा देने वाला बताया। अधिकांश ने कहा, अब समय कम लगने से कुशीनगर और दिल्ली की दूरी घट गई है। अब यह सेवा पूरे क्षेत्र के समग्र विकास के लिए मील का पत्थर बनेगी।60 परसेंट पैसेंजर बिहार के यात्रा करने वालों में साठ परसेंट पैसेंजर पड़ोसी प्रांत बिहार के सिवान, गोपलगंज, पश्चिमी चंपारण बेतिया आदि जिलों के रहे। कई तो ऐसे थे जिन्होंने पहली बार हवाई सफर किया और सरकार के उस सपने को भी सच किया कि हवाई चप्पल पहनने वाला भी जहाज से उड़ेगा। इस हवाई सेवा से बिहार की दूरी घट गई तो कुशीनगर के साथ पूर्वी यूपी के विकास का मंच तैयार हो गया।