- पानी है हम सब की सम्पत्ति, इसको बचाना सबका दायित्व

- खुले और खराब नलों को खुद ठीक कर या कम्प्लेन कर बचा सकते हैं पानी

GORAKHPUR: पानी की किल्लत ने लोगों को परेशान कर रखा है। मगर इसके बाद भी लोगों की आंख नहीं खुल रही है। रोजाना हजारों लीटर पानी लोगों की आंखों के सामने बर्बाद हो जा रहा है। इसके लिए जितने जिम्मेदार वहां के अधिकारी हैं, उतने ही गुनाहगार हम खुद भी हैं। टूटी-फूटी पाइप लाइन से बेतहाशा बर्बाद हो रहे पानी को देखने के बाद भी हम उसे नजर अंदाज कर निकल जाते हैं। जिसकी वजह से हजारों लीटर पानी नालियों और सड़कों पर बह जाता है। जिससे आए दिन लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ता है।

बच सकता है काफी पानी

हम अगर पानी को अपना समझ कर उस नल ठीक करवाएं या जिम्मेदारों को इसके बाद बता दें, तो इससे न सिर्फ हम हजारों लीटर पानी को बर्बाद होने से बचा लेंगे, बल्कि लगातार घट रहे वॉटर लेवल को भी गिरने से बचा सकेंगे। पानी की बर्बादी यूं तो हर जगह हो रही है, लेकिन सरकारी महकमों में भी हजारों की आवाजाही के बीच पानी बर्बाद हो रहा है। मगर उधर से गुजरने वाले लोग इसपर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

कलेक्ट्रेट

कलेक्ट्रेट के गेट नंबर दो पर लगा नल करीब छह महीने से खराब था। सप्लाई का पानी शुरू होते ही इस नल से लगातार पानी बर्बाद होने लगा। कुछ दिनों पहले इसे संज्ञान लेते हुए कलेक्ट्रेट प्रशासन ने टोटी तो लगवा दी, लेकिन वो भी खराब हो चुकी है। हालत यह है कि इससे प्रतिदिन सैकड़ों लीटर पानी गिरकर बर्बाद हो जा रहा है। जबकि जिले के सबसे आला अधिकारियों के ऑफिस यहीं मौजूद हैं।

पानी के बर्बादी का स्टेशन

दुनिया के सबसे बड़े प्लेटफॉर्म पर भी पानी की जबरदस्त बर्बादी हो रही है। ट्रेनों के डिब्बों में पानी भरने के लिए रेलवे स्टेशन पर लगे पाइप रोजाना पानी बर्बाद कर रहे हैं। आए दिन खराब रहने की वजह से यहां लगातार पानी बहता रहता है। मगर रेलवे स्टेशन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। वहीं यहां से रोजना गुजरने वाले हजारों यात्री भी देखकर अनदेखा कर देते हैं। अगर यात्री इसकी कम्पलेन रेलवे के अधिकारियों से करें, तो हजारों लीटर पानी को बचाया जा सकता है।

पानी के एक-एक बूंद को लेकर पूर्वोत्तर रेलवे सतर्क है। अगर किसी नल से पानी टपक रहा है तो मैं दिखवा कर ठीक करवाता हूं।

संजय यादव, सीपीआरओ, पूर्वोत्तर रेलवे

Posted By: Inextlive