इस बार नहीं भाग पाया दीपक
- एसटीएफ गोरखपुर यूनिट ने लखनऊ में दबोचा
- आईजी जोन ने जारी किया था 15 हजार का इनाम द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : बांसगांव के कनईचा प्रधान दीपक राय को एसटीएफ ने अरेस्ट किया। वह लखनऊ के गोमती नगर एरिया में छिपा था। पुलिस ने उसकी घेराबंदी की तो वह भागने की कोशिश में लग गया। दीपक के खिलाफ आईजी जोन अमिताभ यश ने 15 हजार का इनाम घोषित किया था। आरोपी के पास से लग्जरी व्हीकल, पांच मोबाइल, एसबीआई का वीसा कार्ड, 16 सौ रुपए नकदी सहित कई सामान बरामद हुए। भूमि विवाद में की थी रामनारायण की हत्यादिसंबर मंथ में बांसगांव के कनईचा में चकरोड का निर्माण चल रहा था। गांव के रामनारायण अपनी जमीन से चकरोड बनवाने का विरोध कर रहे थे। कौड़ीराम कसबे में मोटर पार्ट्स की शॉप चलाने वाले रामनारायण अपनी हिस्से की भूमि पर मिट्टी डालने से मना करने लगे। इसको लेकर कई बार कहासुनी हुई। 18 दिसंबद को विवाद बढ़ने पर गोली चल गई। आरोप है कि दीपक ने रायफल से रामनारायण को गोली मार दी। इस मामले में प्रधान दीपक राय और उसके चचेरे भाई पंकज को नामजद किया गया। पुलिस अभी दीपक को अरेस्ट कर पाती, इसके पहले उसने पांच जनवरी की शाम मुकदमे के गवाह कनईचा निवासी ब्रजेश पर हमला किया।
डीजीपी तक पहुंचा मामला, पुलिस की हुई किरकिरी आरोपी दीपक को डबल मर्डर में सजा हो चुकी है। हाईकोर्ट से जमानत पर वह छूटा था। मनबढ़ई की वजह से उसने रामनारायण की हत्या कर दी। इस मामले में दीपक के घर की पुलिस ने कुर्की कर दी। पुलिस अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण किया। दीपक की गिरफ्तारी में लापरवाही मिलने पर एसएसपी ने एसओ चौथीराम को सस्पेंड कर दिया। घर की कुर्की होने के बाद भी वह गवाहों को धमकाता रहा। दीपक राय और उसके भाई पर एसएसपी ने पांच हजार का इनाम घोषित किया। 25 फरवरी को आईजी जोन अमिताभ यश ने इनाम की राशि बढ़ाकर 15 हजार कर दी। गोरखपुर पुलिस के साथ-साथ एसटीएफ को भी लगाया गया। इस मामले में डीजीपी तक बात पहुंची थी। दीपक को अरेस्ट करने के बाद पुलिस अब पंकज की तलाश में लगी है। पुलिस उसको रिमांड पर लेकर रायफल की बरामदगी करेगी। हत्या, हत्या के प्रयास, साजिश रचने में हुई थी सजावर्ष 2001 में कैंट थाना में दर्ज हत्या, हत्या के प्रयास, साजिश रचने और विस्फोटक यूज करने का आरोप न्यायालय ने सही पाया। फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर पांच में 17 दिसंबर 2010 को आजीवन कारावास की सजा दीपक को मिली। इस मामले में उसने हाईकोर्ट से जमानत ले ली। इसके अलावा उस पर गैंगस्टर एक्ट, लूटपाट, हत्या, बलवा, जानमाल की धमकी देने, अनुसूचित जाति का उत्पीड़न करने, हत्या के प्रयास सहित कई धाराओं के 11 मुकदमे दर्ज हैं। बांसगांव थाना में 15 मुकदमे और कैंट थाना में तीन अलग- अलग तारीखों में केस दर्ज हैं।
दीपक के गोमती नगर में छिपे होने की सूचना मिली। वह अपने एक मित्र की मदद से किराये पर कमरा लेकर रह रहा था। टीम के साथ घेराबंदी की गई तो दीपक ने भागने का प्रयास किया। विकास चंद्र त्रिपाठी, सीओ, एसटीएफ गोरखपुर यूनिट