होली में घर पहुंचने की जल्दी अब बस और रेलवे स्टेशन पर नजर आने लगी है. ट्रेनें पहले से हाउसफुल हैं वहीं बसों में भी ऐसी मारामारी है कि पैसेंजर्स को सीट नहीं मिल पा रही है. हालत यह है कि एक बस भरने के बाद जैसे ही दूसरी बस खड़ी हो रही वह भी हाउसफुल हो जा रही है. इसकी वजह से पैसेंजर्स को बस पकडऩे के लिए मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है.


गोरखपुर (ब्यूरो) लखनऊ, कानपुर, दिल्ली, प्रयागराज, वाराणसी आदि के लिए अतिरिक्त बसें भी चलाई जा रही हैं। लोकल रूटों पर फेरे भी बढ़ाए गए हैं, लेकिन इन सबके बाद भी पैसेंजर्स बेबस हैं और सारे दावे फुस्स नजर आ रहे हैं। उधर होली पर रोडवेज की कमाई का ग्राफ बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन स्कीम चलाई गई है। इसके बाद भी पैसेंजर्स को प्राइवेट बसों का सहारा लेना पड़ रहा है। परिवहन निगम की तरफ से होली पर पैसेंजर्स को बसों की बेहतर सुविधा मुहैया करने के लिए 250 से अधिक अतिरिक्त बसें चलाने का दावा किया गया। लखनऊ, कानपुर, दिल्ली समेत अन्य दूर वाले रूटों पर अतिरिक्त बसों को संचालन की बात की गई। लेकिन बस स्टेशनों की हालत देखकर हकीकत का अंदाजा लगाया जा सकता है। कुशीनगर, महराजगंज, देवरिया आदि लोकल रूटों पर बसों के चक्कर बढ़ाए गए हैं, लेकिन बावजूद इसके त्योहार पर उमड़ी भीड़ के चलते पैसेंजर्स को बसों में सवारी करने के मारामारी की स्थिति का सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं गोरखपुर रेलवे बस स्टेशन पर पैसेंजर्स को इधर-उधर भटकते हुए देखा गया। वहीं अधिकांश पैसेंजर्स को बसों में सीट मिलना तो दूर खड़ा होने के लिए मश्क्कत करनी पड़ी।
होली पर्व में अतिरिक्त बसें लगाई गई हैं। साथ ही रोडवेज कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है ताकि पैसेंजर्स को किसी प्रकार की प्रॉब्लम न हो। लोकल रूटों पर भी बसों के साथ ही उनके फेरे भी बढ़ाए गए हैं। - पीके तिवारी, आरएम, गोरखपुर रीजन

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