Gorakhpur News : टेंप्रेचर डाउन होते ही शहर में बढऩे लगीं बीमारियां, जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में बढ़े मरीज
गोरखपुर (ब्यूरो)। ऐसे मौसम में वायरल के साथ ब्लड प्रेशर और शुगर के केस बढऩे लग गए हैं। डॉक्टर्स की मानें तो पारा न्यूनतम 17 डिग्री जबकि अधिकतम पारा 28 डिग्री सेल्यिस के आसपास बना हुआ है। यानी डेली हमारा शरीर दस डिग्री सेल्सियस का उतार चढ़ाव झेल रहा है। तापमान में हुई कमी के कारण इन दिनों वायरस और बैक्टिरिया के लिए यह फेवरेबल मौसम है, जिसकी वजह से लोग फीवर, ब्लड प्रेशर और शुगर जैसी बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। इनके साथ ही डेंगू का खतरा बना हुआ है। सेहत पर पड़ सकता है भारी
मौसम में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है। यह बदलाव अन्य बीमारियों वायरल डिजीज का कारण बन रहा है। डॉक्टर्स की मानें तो बदलते मौसम में सेहत का ख्याल रखने के लिए खास प्रिकॉशन लेने की जरूरत है। मौसम में तेज उतार चढ़ाव के अनुसार शरीर अपने आप को ढाल नहीं पता और बीमारी का शिकार हो जाता है। सर्दी से गर्मी और गर्मी से सर्दी में बदलता मौसम लोगों के स्वास्थ्य पर असर डालता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता पर पड़ता है असर
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बदलते मौसम में इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। ऐसे में सर्दी जुकाम और बुखार की परेशानी आम बात है। जिला अस्पताल के सीनियर फिजिशियन डॉ। राजेश कुमार बताते हैं कि ऐसे मौसम में खानपान तथा रहन-सहन के मामले में खास ध्यान देने की जरूरत होती है। सर्दी होने पर गर्म पेय पदार्थो का सेवन अधिक से अधिक करना चाहिए। वायरल का चांस अधिकगर्मी होने पर खूब पानी और अन्य पेय पदार्थो का सेवन करना चाहिए। ऐसे मौसम वायरल बुखार के मामले सबसे अधिक बढ़ते हैं। बड़ों के साथ बच्चे भी वायरल बुखार की चपेट में आ रहे हैं। इस मौसम में बच्चों तथा बुजुर्गो को एहतियात बरतने की जरूरत है। कभी सर्द तो कमी गर्म मौसम होने के कारण सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार, ब्लड प्रेशर और शुगर लो जैसी बीमारियां लोगों को परेशान कर रही हैं। सबसे पहले बच्चे इसकी युवक और बच्चे इसकी चपेट में आ रहे हैें। बदलते मौसम में बरते यह सावधानियां -बदलते मौसम में संक्रमण का खतरा होता है। ऐसे में सूजी वस्त्र और गर्म कपड़ा पहना चाहिए। -अगर सिर दर्द या बुखार महसूस हो तो अपनी मर्जी से दवा न लें। विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह से ही लें। -सुबह की सैर के साथ-साथ योग भी अच्छा व्यायाम होता है। बदलते मौसम में नियमित योग करना चाहिए।
-मौसम बदलते समय खांसी एवं फेफड़ों से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इससे पीडि़त मरीज को रोजना भाप लेने के साथ नमक मिले गुनगुने पानी से गरारे करना चाहिए। ओपीडी मरीजों की संख्या सोमवार 1952मंगलवार 1895बुधवार 1712गुरुवार 1745शुक्रवार 1696शनिवार 1564