ग्रामीणों को शौचालय का इंतजार
- गोला ब्लॉक के तरयापार गांव का हाल
- लोग मजबूरन जा रहे खुले में शौच GOPALPUR: Öæरत सरकार के राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान का सच जानना हो तो गोला ब्लॉक के तरयापार आइए। इस गांव में अब तक सरकारी निधि या सहयोग से एक भी शौचालय नहीं बन सका है। वहीं ब्लॉक के कर्मचारी अक्सर गांव में पहुंचकर ग्रामीणों को शौचालय के प्रयोग व साफ-सफाई की घुट्टी जरूर पिला जाते हैं। हाल ये है कि सिर्फ कुछ सक्षम लोगों को छोड़कर पूरे गांव में शौचालय नहीं है। सभी लोग खुले में शौच के लिए मजबूर हैं। वहीं, जिम्मेदार हैं कि मदद पहुंचाने के नाम पर सिर्फ बजट का हवाला देने में ही लगे हैं। नहीं मिली मददब्लॉक के ग्राम सभा सड़सड़ा के तरयापार गांव के अधिकांश महिलाएं, पुरुष व बच्चे खुले में शौच जाने के लिए विवश हैं। गांव के शुभावती पत्नी चन्द्रिका हरिजन, जलुसा बेगम पत्नी सलामत अली, श्यामबली हरिजन पुत्र मंहगे, गेनिया, केसा पत्नी श्रीराम, गिरजा पत्नी जयप्रकाश, उस्मान अली पुत्र रमतुल्ला का कहना है कि जो भी प्रधान हुआ उसने कभी भी शौचालय के लिए सहायता राशि नहीं दिलवाई। मदद के नाम पर केवल आश्वासन ही मिलता रहा। इस संबंध में सड़सड़ा के ग्राम प्रधान कृष्ण मुरारी का कहना है कि जब सहायता राशि आएगा तब जो लोग शौचालय बनवाना चाहेंगे उनको दे दिया जाएगा।
कोट्स शौचालय सहायता के नाम पर कभी पैसे मिले ही नहीं। जिम्मेदार केवल खानापूर्ति कर चले जाते हैं। खुले में शौच जाना मजबूरी बन गई है। - गेनिया, ग्रामीण जो खुद बनवा सकते थे, उन्होंने तो शौचालय बनवा लिया। बाकी लोगों के लिए खुले में शौच के लिए जाना मजबूरी बनी हुई है। बिना सरकारी मदद के आखिर कैसे घर में शौचालय बनवाएं। - श्याम बलि, ग्रामीण केवल जागरुकता अभियान के नाम पर लोग बताने आते हैं। मदद के नाम पर कोई सामने नहीं आता। वर्षो से लोग मजबूरन खुले में शौच के लिए जा रहे हैं। - सुभावति, ग्रामीण सरकारी लोग कभी सहायता राशि नहीं दिलवाते। सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता है। खुले में शौच मजबूरी बन गया है। - केसा, ग्रामीण वर्जन लोहिया गांव के अलावा किसी भी गांव के लिए शौचालय सहायता राशि नहीं आई है। - सविता सिंह, खंड विकास अधिकारी गोला