'फायदा' आपका भी और हमारा भी
- बिजली चोरी दिखा कर पैसा वसूल रही विजिलेंस टीम
- जुर्माने की आधी रकम दो और बिजली चोरी का आरोप खत्म - चेक लेने से विजिलेंस टीम को है परहेज, कैश को मोस्ट वेलकमद्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : आई नेक्स्ट लगातार बिजली विभाग के मीटर चेकिंग अभियान में हो रहे खेल की पोल खोल रहा है। इस सीरीज में सबसे चौंकाने वाला मामला हमारे सामने फ्राइडे को आया। बिजली विभाग की चेकिंग में तोड़ का अजब खेल चल रहा है। विजिलेंस टीम जब किसी घर में चेकिंग करने घुसती है तो एकमात्र ध्येय यही होता है कि खाली हाथ वापस नहीं लौटना है। अब तक चेक किए घरों में लगभग 50 परसेंट घरों पर जुर्माना लगाया गया है, 25 परसेंट का लोड बढ़ाया गया है जबकि करीब 25 परसेंट का मीटर बाहर किया गया है। बिजली विभाग के आंकड़ों की मानें तो अब तक करीब 109 करोड़ रुपए की वसूली हुई है, लेकिन सोर्सेज की मानें तो लगभग 25 करोड़ रुपए की वसूली का कोई रिकॉर्ड?नहीं है। टीम पहले कंज्यूमर के घर जाकर जांच करती है। अगर चेकिंग में बिजली चोरी मिल गई तो तत्काल जुर्माना नहीं काटती। कंज्यूमर को शाम तक का टाइम दिया जाता है। परेशान कंज्यूमर या टीम में से कोई कर्मचारी एक दूसरे से कांटैक्ट करता है और फिर शुरू होता है 'डील' का खेल। जुर्माने के आधे अमाउंट तक बात तय हो जाती है तो टीम क्लीन चिट दे देती है। एकऔर चौंकाने वाली बात ये सामने आई कि जुर्माने के लिए कंज्यूमर्स ने जब चेक देने चाहे तो टीम ने अधिकतर चेक लेने से मना कर दिया।
केस 1- दरगहिया मौर्य नगर में रहने वाले सुरेश कुमार कुशवाहा के प्रतिष्ठान पर दिसंबर 2014 में बिजली विभाग की विजिलेंस टीम पहुंची। टीम ने प्रतिष्ठान की जांच की और कहा कि कनेक्शन पर लोड कम है। यह बिजली चोरी के दायरे में आता है। इसके बाद विजिलेंस टीम ने 40 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। सुरेश कुमार ने तत्काल 40 हजार रुपए का चेक दे दिया। दो दिन बाद जब सुरेश विजिलेंस आफिस गए तो मोलभाव होने लगा। विजिलेंस के एक सदस्य ने कहा कि 25 हजार रुपए कैश दे दीजिए नहीं तो चेक डिपॉजिट कर देंगे। आपका 15 हजार रुपए का फायदा हो जाएगा। उसकी बात सुन सुरेश दंग रह गए, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया। बिजली विभाग के रिकॉर्ड?में उनके प्रतिष्ठान का लोड 3 किलोवाट है जो कि मानक है, फिर भी उन्हें बिजली चोर बताया गया।केस 2- बिलंदपुर के रहने वाले राज कुमार के घर 23 जनवरी को बिजली विभाग की टीम पहुंची। टीम ने पूरे घर की जांच की और संजय कुमार के सामने चार कमियां गिना डालीं। केबल कटी हुई है, मीटर में संट है, चार माह से बिल नहीं जमा हुआ है और कनेक्शन पर लोड भी कम है। चारों का गुणा-गणित करने के बाद टीम ने उन्हें बताया कि कुल 1.46 लाख रुपए का जुर्माना बनता है। टीम ने उन्हें शाम तक जुर्माना अदा करने का कहा। शाम को उनके घर एक कर्मचारी पहुंचा और 60 हजार रुपए में सब कुछ मैनेज करने का वादा कर रुपए ले गया। उस कर्मचारी ने एक सप्ताह दौड़ाने के बाद एक रसीद दी। रसीद में लिखा था कि संजय कुमार के घर टीम ने चेकिंग की, जिसमें कोई गड़बड़ी नहीं मिली। केवल मीटर बाहर किया गया।
अब तक वसूलें हैं करोड़ों रुपए एरियाज- मोहद्दीपुर, बेतियाहाता, मियां बाजार कनेक्शन चेक- 2354 नए कनेक्शन- 178 लोड बढ़े- 566 मीटर चेंज- 943 बिजली चोरी- 189 एफआईआर- 51 जुर्माना- 57.58 करोड़ रुपए निर्धारण शुल्क- 51.40 करोड़ रुपएबिजली विभाग या विजिलेंस टीम का कोई भी सदस्य अगर इस तरह का काम करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अगर शहर में ऐसा कहीं हो रहा है तो मैं डीएम को पत्र लिखकर पूरे प्रकरण की जांच के लिए कहूंगा।
विजय बहादुर यादव, विधायक, गोरखपुर ग्रामीण विजिलेंस टीम अगर ऐसा करती है तो उसकी जांच की जाएगी। जिनके साथ विजिलेंस टीम ने ऐसा किया है, वह रिटेन कंप्लेंट करें। उनके नाम गोपनीय रखकर जांच की जाएगी और जांच के आधार पर कार्रवाई होगी। डीके सिंह, चीफ इंजीनियर, गोरखपुर जोन विजिलेंस की टीम पर लोग जो आरोप लगा रहे हैं, वह गलत हैं। विजिलेंस टीम जांच में दोषी पाए जाने पर चेक और कैश दोनों लेती है। अगर किसी को कोई प्रॉब्लम है तो वह जांच करा सकता है। विनय राय, प्रभारी, विजिलेंस टीम बिजली विभाग